राजस्थान प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बदल चुका है अब सीपी जोशी की जगह राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ पर केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा जताकर राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की बागडोर सौंपी हैं। जहाँ बीजेपी से जुड़ी खबर के लिए बीजेपी मीडिया प्रकोष्ठ बना हुआ हैं और उस प्रकोष्ठ में कई नेताओं को जिम्मेदारी भी बाँटी हुई हैं लेकिन आज दिल्ली में राज्यसभा सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की मुलाक़ात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई लेकिन ये खबर मीडिया को किसी और सोर्स से ही ही मिली। प्रदेश अध्यक्ष का प्रधानमंत्री से मिलने जैसे खबर का बीजेपी ऑफ़िशियल मीडिया ग्रुप में ना आना और इसका समाचार ना मिलना अचंभित करने जैसा है क्योंकि इस ग्रुप में बीजेपी से जुड़ी हर खबर को डाल देते हैं ताकि पत्रकारों को खबर एक ही जगह पार मिल जाये। अब आज इस खबर को ना डालने की वजह समझ भी आ रही। बीजेपी मीडिया प्रकोष्ठ से जुड़े की पदाधिकारी ने ज़हमत ही नहीं उठाई कि नये प्रदेश अध्यक्ष कि प्रधानमंत्री से भेंट हुई तो इसका समाचार मीडिया को दिया जाये, शायद किसी ने इस समाचार को देने में रुचि नहीं ली, या फिर उनके लिए ये समाचार महत्वपूर्ण नहीं था।

अब इसके क्या मायने निकाले जाये ये तो बीजेपी वाले ख़ुद ही बता सकते हैं। वैसे कई नेताओं की बात करें तो आजकल यह के बजे उनकी उपस्थिति दिल्ली में ज़्यादा दिखाई दे रही हैं। वैसे कई पाला बदल चुके है कई बदलने की तैयारी में हैं और बड़े स्तर से लेकर कुछ छूट मुट स्तर के नेता दिल्ली में डेरा जमाये हुए हैं ताकि भाईसाब की नज़रों में आ जाये और यही से हमारा भी कल्याण हो जाये। कुछ नेता इस बाँट में समय बिता रहे है कोई भाईसाब से जुड़ा हुआ पुख़्ता ऐसा व्यक्ति मिल जाये जिसके सिफ़ारिश भाईसाब मान ले। मदन राठौड़ के प्रदेश अध्यक्ष पद के शपथ ग्रहण के बाद राजस्थान में कुछ नवाचार होंगे तो कुछ बदलाव संगठन में भी होंगे। संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक की इकाई को इस बार बारीकी से देख उसमें परिवर्तन करने का फार्मूला भी दिल्ली से ही आया हुआ हैं और वहाँ से साफ़ निर्देश दे दिये गये हैं कि “जो पार्टी का नहीं वो किसी काम का नहीं”।
वैसे तो तो बीजेपी का मीडिया विभाग अपने आप को हाई टेक होने का दम भरते थकता नहीं। लेकिन मीडिया प्रकोष्ठ अपने ही प्रदेश अध्यक्ष की खबर देने में भूल कर सकता है तो ऐसे टीम का क्या कहना। प्रदेश अध्यक्ष की खबर जब बीजेपी मीडिया प्रकोष्ठ ही नहीं दे पा रहा तो इस प्रकोष्ठ में आगे किस तरह से कैसे कम होगा ये नये प्रदेश अध्यक्ष को सोचने पर ज़रूर मज़बूत होना पड़ेगा। बीजेपी सोशल मीडिया केकी टीम भी मदन राठौड़ को लेकर नीरसता ही दिखाई दे रही हैं जबकि बीजेपी नये जमाने के साथ नई तकनीकों पर काम करने का दावा करती हैं अब ऐसे में इनके दावे और दम दोनों ही खोखले से साबित होते दिखाई दे रहे हैं।
