जयपुर और अजमेर की लाइफ लाइन पर इस बार चादर चलने का इंतजार रहेगा. मानसून की मेहर बरसेगी और बांध लबालब होने के बाद हजारों किसानों को सिंचाई का पानी भी मिल सकेगा. उधर, बांध में पानी की आवक का हिसाब रखने के लिए फ्लड सेल की तैयारियां पूरी कर ली गई है.
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि प्रदेश में इस बार मानसून की जमकर मेहर बरसेगी. कुछ जिलों में सामान्य और कुछ में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हो सकती है. इस खुश खबर के बीच बीसलपुर बांध से भी आस लगाई जा रही है कि बांध पर चादर चलेगी. उधर, मानसून पूर्व की सभी तैयारियां कर ली गई हैं. बांध के सुधार पर 29 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. पिछले दिनों जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय त्यागी ने भी बांध का दौरा कर सुधार मानसून पूर्व की तैयारियों का निरीक्षण किया था.
बीसलपुर बांध से जुड़ी बड़ी खबर
बीसलपुर बांध का निर्माण 1996 में किया गया
बांध की कुल भराव क्षमता 315.50 RL मीटर
बांध का जलस्तर 310 RL मीटर से नीचे आया
बांध का वर्तमान जलस्तर 309.97 RL मीटर
बांध में कुल भराव क्षमता का 27 प्रतिशत ही पानी बचा
बांध से रोजाना लिया जा रहा है 2 सेंटीमीटर पानी
ऐसे में जयपुर-अजमेर की लाइफ लाइन को मानसून का इंतजार
बांध पर पहली बार 2004 में चली थी चादर
बीसलपुर बांध के भराव क्षेत्र में बहने वाली त्रिवेणी में मुख्य रूप से भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद का पानी आता है. ऐसे में यहां भी पानी की ऊंचाई नापने और जानकारी देने के लिए गेज रीडर लगाए जा रहे हैं. हर एक घंटे में पानी की जानकारी अपडेट की जाएगी और त्रिवेणी का बहाव रजिस्टर में लिखा जाएगा. बीसलपुर और देवली पर भी वायरलेस सिस्टम तैयार है. एंटीना लगाए जा चुके हैं और 15 जून से फ्लड सेल काम करने लगेगा. बतादें कि त्रिवेणी में पानी की आवक शुरू होते ही बीसलपुर बांध में भी पानी की आवक शुरू होने लगेगी. देखने वाली बात यह है कि जून के अंत तक राजस्थान में मानसून की झमाझम शुरू हो सकती है और उसके बाद कब त्रिवेणी से कब तक बांध में पानी की आवक शुरू होगी.