ग्राम पंचायत झर स्थित बालाजी मंदिर पर चल रही भागवत कथा में भक्ति की रस धारा बह रही हैं और कथा सुनने आ रहे भक्त भागवत का जमकर आनंद ले रहे हैं। 7 दिन तक चलने वाली इस भागवत महोत्सव में शनिवार को नंदोत्सव और रविवार को गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम आयोजित किया गया इस दौरान व्यास पीठ से भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का श्रवण कर भक्तो को भक्ति की रस धारा से सराबोर किया गया।
भागवत कथा के दौरान कथा वाचक प्रहलाद दास महाराज ने भक्तों को बताया कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार बढ़ता है। तब भगवान किसी न किसी रूप में जन्म लेकर उसका संघार करते हैं। उन्होंने गौ माता की महत्ता को बताते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण को गौ माता अति प्रिय है उनका एक नाम इसीलिए गोपाल भी है और भगवान श्री कृष्ण मनुष्य योनि में जन्मे हुए लोगों को मोक्ष देकर गोलोक में भेज देते हैं। जहां भगवान श्री कृष्ण स्वयं रहते हैं।

आयोजन समिति के सदस्य भगवती शर्मा ने बताया कि कथा प्रतिदिन 12 से 4 बजे तक होती है। शाम को बालाजी के मंदिर पर भजन संध्या और दीप आरती के साथ में भगवान के पट मंगल किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को रुक्मणी विवाह होगा। भागवत कथा महोत्सव के दौरान शाम को गौ माता की आरती उतार कर पूजा भी की जाती है।
व्यास पीठ से प्रह्लाद दास महाराज ने कथा का श्रवण करते हुए गौ माता के मनुष्य के आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में प्रभाव और महत्वता को बताया। उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि गौ माता का स्थान सबसे ऊंचा है। भगवान कृष्ण को भी सबसे ज्यादा गाय प्यारी है। उन्होंने कहा कि जो लोग भगवान कृष्ण को भक्ति से प्राप्त करना चाहते हैं अगर वह सिर्फ गौ माता की सेवा ही करें तो भी भगवान कृष्ण उन पर अपनी कृपा बरसा देते हैं, क्योंकि भगवान कृष्ण को गौ माता अत्यधिक प्रिय है। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए गाय माता की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक तथ्यों को भी भक्तों के सामने रखा। उन्होंने कहा कि गाय से प्राप्त सारी वस्तुएं अमृत के समान हैं।
इस अवसर पर नई नाथ धाम राम जानकी मंदिर महंत सर्वेश्वर दास त्यागी महाराज राजा धोक बालाजी मंदिर महंत सूरज दास महाराज कथा वाचक प्रहलाद दास महाराज विधायक लक्ष्मण मीणा गणेश नारायण पोटल्या ,सरपंच ममता मोहन मीणा, किशोरी लाल शर्मा,भगवती शर्मा, गजेंद्र गौड, शुभम गौड़ समेत कई लोग मौजूद रहे