APO हुए चीफ़ इंजीनियर को 24 घंटे में ही मलाईदार पोस्टिंग दे दी। शुक्रवार को ही भुवन भास्कर को विभाग ने एपीओ किया था।राज में पाव जमाये बैठे इन इंजीनियर ने राजनीतिक दबाव का पूरा मज़ा उठाते हुए 24 घंटे में ही पोस्टिंग ले ली। अब सवाल उठता हैंकि ऐसा कौनसा राजनीतिक दबाव इस्तेमाल किया जिसके चलते नियम क़ायदे ताक में रख दिये गये। भ्रष्टाचार को ख़त्म करने का दमभरने वाले ख़ुद ही इसकी हवा निकालने में साथ दे रहे हैं। जीरो टॉलरेंस और करप्शन फ्री स्टेट का दावा करने वाली सरकार में इस तरह की हरकते सीधा सीधा करप्शन को बढ़ावा देने का इशारा हैं। फिर सब मिल बाटकर खाने वाले अधिकारियों और नेताओं की लंबी फ़हरिस्त बन जाती हैं और सब जनता की सुविधाओं पर खर्च करने वाला पैसा बड़ी सफ़ाई से ख़ुद की सुविधा के लिए इस्तेमाल कर लिया जाता हैं। कहने और सुनने वाला कोई है ,किसको सुनाये, कौन सुनेगा इसलिए चुप रहते हैं।

GWD विभाग के इन अधिकारियों ने अपने ऊपर आकाओ को भी भरपेट देने का वायदा किया होगा तभी बड़े हाकिम इन पर इतनेमेहरबान दिखाई दे रहे, तभी नियमों की अनदेखी कर इन अधिकारियों को पोस्टिंग दे दी। पोस्टिंग देने में विभाग की कार्यप्रणाली संदेहके घेरे 8000 हज़ार करोड़ की धांधली का आरोप होने के बाद भी भुवन भास्कर को जयपुर में पोस्टिंग दे दी गई। इससे पहले जांचकमेंटी ने प्रोजेक्ट स्कीमों की जांच पर कई तरह के सवाल उठाए थे। शुक्रवार को भुवन भास्कर को एपीओ किया और 12 घंटे बादविभाग की पोस्टिंग लिस्ट में उनका नाम आ गया। पोस्टिंग देने में अब विभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई हैं।

भू जल विभाग में इनके साथ साथ अमरजीत सिंह को हनुमानगढ़ से जयपुर, रवि सोलंकी को जयपुर से बीकानेर, असीम मारकंडे कोबीकानेर से हनुमानगढ़ और राकेश कुमार गुप्ता को ERCP के एमडी पद पर लगाया गया हैं।