प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में अपनी पुष्कर यात्रा के दौरान अजमेर उत्तर क्षेत्र से लगातार 5 बार के विधायक तथा विधानसभाध्यक्ष बनने वाले वासुदेव देवनानी की नाक में नकैल कस दी !
उल्लेखनीय है कि विधानसभाध्यक्ष के संवैधानिक पद पर आसीन देवनानी, पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में बढ-चढकर हिस्सा ले रहे थे । हालांकि कार्यक्रमों में भाग न लेने का उन पर कोई कानूनी अंकुश तो नहीं था, लेकिन पार्टी के कार्यक्रमों में हिस्सा लेना, विधानसभाध्यक्ष पद की गरिमा व नैतिकता के अनुकूल नहीं था । वे जिस संवैधानिक पद पर हैं उस पद की गरिमा और प्रोटोकॉल उन्हें किसी भी राजनीतिक पार्टियों के कार्यक्रमों में भाग लेने की अनुमति नहीं देता। स्थानीय मीडिया ने भी उनके इस प्रतिकूल आचरण पर न तो उंगली ऊठाई और दूसरी ओर उनके विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के समाचारों को प्रकाशित करते रहे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न केवल देवनानी की हरकतों को विधानसभाध्यक्ष पद की गरिमा के विरुद्ध माना बल्कि हरकतों को अनैतिक व गंभीर भी माना । लिहाजा जब देवनानी किशनगढ़ में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में किशनगढ पहुंचे तो नरेंद्र मोदी ने विधानसभाध्यक्ष को बैरंग लौटा दिया । राजनैतिक गलियारों में उन्हें बैरंग लौटाने की घटना की चर्चा दबी जुबान से ही सही, लेकिन जोर-शोर हो से रही है ।
मोदी, यहीं ही नहीं रुके । मोदी ने न केवल देवनानी को किशनगढ से लौटाया, बल्कि पुष्कर में होने वाली उनकी आमसभा में भी देवनानी को मंच से दूर रखने के आदेश दे दिये ।
प्रचार-प्रसार पीड़ित देवनानी का मोदी की अगुवाई व आमसभा में मंच पर दिखाई न देना भी भाजपा कार्यकर्ताओं में चर्चा का विषय बना रहा ।
मोदी ने गत दिनों भाजपा के अजमेर कार्यालय में उपमुख्यमंत्री दियाकुमारी की उपस्थिति में आयोजित एक कार्यक्रम में दक्षिण क्षेत्र से लगातार पांच बार की विधायक अनिता भदेल की नाराजगी को भी गंभीरता से लिया ।
मोदी ने उनकी सभा का मंच संचालन भदेल से कराकर उनकी नाराजगी भी कम करने की कोशिश की । उल्लेखनीय है कि भदेल, देवनानी के तानाशाही व उनके क्षेत्र में देवनानी के अनावश्यक हस्तक्षेप से पीड़ित थीं ।