Home राजनीति दलित अत्याचार को लेकर प्रतिपक्ष का विधानसभा में हंगामा, कार्रवाई स्थगित, मुआवजा देने में भेदभाव का आरोप

दलित अत्याचार को लेकर प्रतिपक्ष का विधानसभा में हंगामा, कार्रवाई स्थगित, मुआवजा देने में भेदभाव का आरोप

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विधानसभा में 29 जुलाई सोमवार को शून्यकाल में अत्याचारों के मामले में सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं करने के मामले को लेकर प्रतिपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। प्रतिपक्ष के सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी की। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शोर शराब की बीच ही ध्यान आकर्षण प्रस्ताव की कार्रवाई शुरू की। विपक्ष के सदस्यों ने सरकार द्वारा मुआवजा देने में भेदभाव का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। नारेबाजी के कारण सदन में हंगामें की स्थिति बन गई। हंगामें की स्थिति के चलते विधानसभा की कार्रवाई लंच ब्रेक से 15 मिनट पहले ही स्थगित कर दी गई।

नेता प्रतिपक्ष ने दलित अत्याचारों का मामला उठाया। सलूंबर में दलित शिक्षक को तलवार से काटने, सीकर में दलित छात्र की हत्या सहित प्रदेश में दलित अत्याचार की घटनाओं के मुद्दे उठाए गए।

भारत आदिवासी पार्टीके विधायक थावरचंद ने स्थगन के जरिए सलूंबर में दलित शिक्षक को तलवार से काटकर मारने का मुद्दा उठाते हुए एक करोड़ के मुआवजे की मांग की। थावरचंद ने कहा कि कन्हैयालाल टेलर की तरह ही दलित शिक्षक को मुआवजा दिया जाए।

कांग्रेस विधायक पितराम काला ने सीकर में दलित छात्र की हत्या और प्रदेश में दलित उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं का मामला उठाया।

कांग्रेस विधायकों ने वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी की। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के दौरान भी हंगामा और नारेबाजी जारी रही। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने लंच ब्रेक से 15 ​मिनट पहले ही यानी 12 बजकर 45 मिनट पर सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कांग्रेस के हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि अपने राज में दलितों पर अत्याचार करने वाली कांग्रेस आज घड़ियाली आंसू बहा रही है। विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालना इनका असली मकसद है। कांग्रेस अपने राज को याद करे, उस वक्त खूब दलित अत्याचार हुए। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सीकर जिले में दलित छात्र की हत्या की जांच करवाई जाएगी। एक-दो दिन में सदन में तथ्यों सहित पूरी जानकारी दी जाएगी।

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