जियोब्लैकरॉक इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स को ‘निवेश सलाहकार’ के तौर पर सेबी की मंजूरी
June 11, 2025जयपुर में स्थित सुरेश ज्ञान विहार विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन (CDOE) के निदेशक प्रोफेसर त्रिलोक कुमार जैन ने यूनाइटेड नेशंस के मिलेनियम डेवलपमेंट गोल एवं स्वच्छ भारत मिशन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी नवीनतम पुस्तक, “अर्बन वेस्ट मैनेजमेंट,” को प्रख्यात डिजिटल डिप्लोमेट, नीति निर्धारक और स्वच्छता एम्बेसडर डॉ डीपी शर्मा को समर्पित किया है जो स्वच्छता ही सेवा ( पीएम नरेंद्र मोदी के एक मेगा मिशन) को अपना प्रमोशनल समर्थन प्रदान कर रहे हैं।
डॉ डीपी शर्मा ने स्वच्छ भारत मिशन में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए जनता की राय को आकार देने और भारत में स्वच्छता और स्वच्छता पर नीति को प्रभावित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने अथक प्रयासों, विचारशील लेखन और सार्वजनिक जागरूकता अभियान के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कुशल अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता की आवश्यकता पर महत्वपूर्ण कार्य किया है। विभिन्न प्रमुख मीडिया प्लेटफार्मों में उनके लेखों और कॉलम ने न केवल जनता को शिक्षित किया है, बल्कि अनगिनत व्यक्तियों और संस्थानों को स्वच्छ भारत मिशन में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित भी किया है। राष्ट्रीय स्वच्छता और पर्यावरणीय कल्याण के लिए उनकी गहरी प्रतिबद्धता ने मिशन को सच्चे अर्थों में लोगों के आंदोलन में बदल दिया है।
आपको बता दें कि प्रोफेसर डीपी शर्मा जब भी भारत आते हैं तो वह स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, सामुदायिक सहभागिता के साथ मिलकर इस स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाने का प्रयास करते हैं। यह पुस्तक यूनाइटेड नेशंस के मिलेनियम डेवलपमेंट गोल 19 एवं स्वच्छ भारत मिशन के शहरी कचरा प्रबंधन पर शोध आधारित बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए लिखी गई है।
इस अवसर पर प्रो त्रिलोक कुमार जैन ने बताया कि “शहरी अपशिष्ट प्रबंधन आज भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। बढ़ती शहरी आबादी ने कुशल, टिकाऊ अपशिष्ट प्रबंधन को आज महत्वपूर्ण आवश्यकता बना दिया है। स्थानीय चुनौतियों और बाधाओं को ध्यान में रखते हुए इस पुस्तक को भारतीय संदर्भ में लिखा गया है। इसके अलावा इसमें वैश्विक नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं को भी शामिल किया गया है। प्रोफेसर जैन ने बताया कि वह प्रो डॉ डीपी शर्मा की दृष्टि, स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उनके अथक वकालत से गहराई से प्रेरित हुए हैं और वे इस पुस्तक को उनकी प्रशंसा और सम्मान के निशान के रूप में समर्पित करते हुए सौभाग्यशाली महसूस कर रहें हैंं।
पुस्तक का उद्देश्य नीति निर्माताओं, छात्रों, शहरी योजनाकारों, नगरपालिका अधिकारियों, शोधकर्ताओं और शहरी विकास और स्थिरता में लगे सभी हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम करना है। यह शहरी अपशिष्ट प्रबंधन की बढ़ती चुनौतियों का समाधान करने के लिए सामुदायिक भागीदारी, नीति सुधारों, नवीन प्रौद्योगिकियों और स्थायी प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डालना है। प्रो डी पी शर्मा ने, स्वच्छ भारत मिशन में निरंतर सार्वजनिक भागीदारी के महत्व पर जोर दिया हे। उन्होंने एक क्लीनर, स्वस्थ और अधिक टिकाऊ भारत बनाने की दिशा में काम करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहरायी है।