Home राजनीति बीजेपी की बनायी ऐसी रणनीति, चुनावों को कॉम्पैक्ट बना कर हिंदू त्यौहारों के सहारे जीतेगी चुनाव,कांग्रेस को नहीं मिलेगा डेमेज़ को कंट्रोल करने का समय

बीजेपी की बनायी ऐसी रणनीति, चुनावों को कॉम्पैक्ट बना कर हिंदू त्यौहारों के सहारे जीतेगी चुनाव,कांग्रेस को नहीं मिलेगा डेमेज़ को कंट्रोल करने का समय

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दिव्य गौड़ , जयपुर।

भाजपा के ख़ास सिपहसालारो ने इस बार विधानसभा चुनावों में बड़ी रणनीति के साथ चुनावी चक्रव्यूह रचा दिया हैं हैं। भाजपा की राजनीति कि चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह और चंद्रगुप्त मोदी कई बड़े बदलाव के साथ चुनाव को कांपक्ट कर चुनाव जीतेंगे। आपको बता दें कि सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री का चुनाव बड़े ही नाटकीय ढंग से किया जाएगा और ऐसा किया किया जाएगा जिसके बारे में सोचा नहीं होगा। हालाँकि किसे बनाना हैं ये तय हो चुका हैं, बस नाटकीय ढंग से अभिनय कर साथ उसे अमलीजामा पहनाना ही बाक़ी बचा हुआ हैं।

आपको बता दें बीजेपी इस बार नवरात्रि ,दशहरा और दीपावली इन तीनों त्यौहारों के बल पर ही चुनाव जीतने की तैयारी और योजना बना चुकी हैं। मेरी नज़र में चुनावों के बेहद कॉम्पैक्ट कर दिया हैं ।आज तक टिकट की सूची जारी नहीं हुई हैं जबकि आचार संहित लग चुकी हैं इस समय तो उम्मीदवार टीकिटार्थी को फील्ड में होना चाहिए वो नेता इस समय दिल्ली के चक्कर काट रहे हैं।वो जनता के बीच जाकर कैसे जनसंपर्क करेंगे कैसे पार्टी की नीति और रीति को बतायेंगे।

इसे वैसे भी समझा जाये तो जब इस महीनों में हिंदुओं के प्रमुख त्यौहार आ गये,सावों शादी के सीजन में आधे से ज़्यादा व्यस्त हैं। लोगो को सोचने और समझने का समय भी नहीं मिल पाएगा और ऐसे समय में ही कुछ अकल्पनीय कर चुनावों को जीतने में पार्टी अपनी रणनीति को अमलीजामा पहना दिया जाएगा।

हमारे सूत्रों की बातों को भी अगर ग़ौर से समझे तो ये कहा जा सकता हैं कि इस बार मोदी शाह एक साथ कई समीकरणों को साधने का प्रयास कर रहे हैं। एक ही तीर से कई निशानों केकी साधा जा रहा हैं।जैसे बीजेपी को अनुशासन की पार्टी कहा जाता हैं और जो नेता इस बार अनुशासनहीनता पर आये या जिन्होंने ख़ुद को पार्टी से ऊपर आँख लिया उन्हें भी इस बार ज़मीनी हक़ीक़त दिखने का कम पुरज़ोर तरीक़े से किया जा रहा हैं। जिन नेताओं को ये वहम हो गया था कि हमारी वजह से सीट निकाल कर जीते हैं उन्हें इस बार अग्निपरीक्षा देने के लिए विधानसभा चुनाव में उतार दिया हैं और अब उन्हें ये ख़ुद ही साबित करना होगा जी जैसे सांसद का चुनाव जीतकर संसद में पहुँचे थे वैसे ही इस बार विधानसभा भी जीतकर पार्टी जी दिखायेंगे। कुछ मायनों में इसे पनिस्मेंट टिकट भी कहा जाएगा। जिनको पार्टी को सबक़ सिखाना हैं पार्टी उन्हें टिकट देकर और मेहनत करने के लिए जीत के संघर्ष में लगा दिया हैं।

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