Home राजनीति जनता के बीच जाने से डर रही अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस

जनता के बीच जाने से डर रही अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस

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जयपुर।
भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी ने कहा है कि आपसी गुटबाजी और अंतर्कलह से जूझ रही कांग्रेस पार्टी के नेता जनता के बीच जाने से डर रही है। इसके कारण अभी तक कांग्रेस के उम्मीदवारों की पहली सूची ही जारी नहीं हो पाई है। राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व विधायकों के प्रति लोगों की नाराजगी का आलम यह है कि अब लोग प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली तक पहुंच गए हैं। अब कांग्रेस पार्टी ने अंतर्विरोध को दबाने के लिए दौसा में होने वाली प्रियंका की सभा में टिकटों के दावेदार तथा विरोधियों के किसी भी धरने और प्रदर्शन पर रोक लगा दी है। इसके लिए पीसीसी ने सभी नेताओं को कार्यकर्ताओं को आदेश दिए है कि प्रियंका गांधी की सभा में कोई भी धरना या प्रदर्शन हुआ तो उसके खिलाफ अनुशानसनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. रक्षा भंडारी ने कहा कि बीते पांच वर्ष में कांग्रेस सरकार ने राजस्थान का विकास ठप कर दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरे कार्यकाल में अपनी कुर्सी से चिपके रहे तथा अपने मंत्रियों और विधायकों की जासूसी ही करवाते रहे। गहलोत तो अपनी ही पार्टी के युवा नेता से इतने असुरक्षित महसूस करते रहे कि उन्होंने कार्यकाल पूरा होने तक उनसे बात तक नहीं की। सीएम की कार्यप्रणाली से परेशान होकर मंत्री और विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ सडक पर उतरकर धरना देते रहें। विधानसभा के सदन में महिला सुरक्षा को लेकर अपनी बात रखने पर मुख्यमंत्री ने मंत्री राजेन्द्र गुढा को पद से हटा दिया। जबकि गुढा ने मणिपुर हिंसा को लेकर आरोप लगा रही कांग्रेस सरकार को कहा था कि राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में विफल रहे हैं। यहां जिस तरह महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं, हमें मणिपुर की बजाय अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। उसके बाद दूसरी जगह की बात करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था फेल होने और बजरी माफिया से परेशान होकर देवली उनियारा विधायक हरीश मीणा ने पुलिस थाने के समक्ष धरना दिया, वहीं पिछले दिनों ही सरकार के मंत्री अशोक चांदना ने जिला कलेक्ट्रेट में बैठक के दौरान अधिकारियों पर उनकी बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए बाहर आकर धरना दे दिया। इतना ही नहींं, अपने ही क्षेत्र के अस्पताल में सुनवाई नहीं होने से परेशान होकर कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने अस्पताल के बाहर कई दिनों तक धरना दिया था। विधानसभा में तो दिव्या मदेरणा ने यह तक कह दिया था कि शांति धारीवाल और महेश जोशी तो गददार है।
वहीं भाजपा विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ उनके मंत्रियों और विधायकों में नाराजगी की यह तो बानगी भर है। इसके अलावा विधायकों और मंत्रियों ने भी पांच साल तक एक दूसरे के खिलाफ लडते हुए ही समय व्यतीत किया है। कठूमर के विधायक बाबूलाल बैरवा ने चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा के लिए यह तक कह दिया था कि वे किसी की बात ही नहीं सुनते, इसका उन्हें जीवन भर मलाल रहेगा। वहीं सरकार की कारगुजारियों से परेशान होकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक भरत सिंह ने मुख्यमंत्री को करीब 40 पत्र लिखे हैं। इसमें भी उन्होंने राज्य सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया के भ्रष्टाचार को उजागर किया लेकिन सरकार ने अंत तक उनके एक भी पत्र का जवाब नहीं दिया। अंतत: परेशान होकर भरत सिंह ने कुछ दिन पहले ही सीएम को पत्र लिखकर कहा था कि उनका ईमान मर चुका है, इसके बाद भरत सिंह ने मुंडन भी करवा लिया था।
विधायक चन्द्रकान्ता मेघवाल ने कहा कि अपनी कुर्सी बचाने के लिए जनता की भावनाओं से खिलवाड करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी थोथी घोषणाओं को ऐतिहासिक बता रहे है लेकिन उन्हें पता नहीं है कि उनकी घोषणा उनके ही कार्यकाल में सिर्फ घोषणा ही बनकर रह गई है। सीएम बार बार यहीं करते रहे कि आप मांगते मांगते थक जाओगे लेकिन मैं देते देते नहीं थकूंगा। इसमें हकीकत यह है कि उन्होंने सिर्फ अपने खेमे के विधायकों और भ्रष्ट अधिकारियों को शह देने का ही काम किया है और आमजन तथा खुद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को कुछ नहीं मिल पाया है।

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