राज्य सरकार ने राजस्थान सहकारिता सेवा के वरिष्ठ अधिकारी श्यामलाल मीणा को निलम्बित कर दिया है। सहकारिता विभाग के उप शासन सचिव हनुमान श्रृंगी की ओर से शुक्रवार को अतिरिक्त रजिस्ट्रार मीणा का निलम्बन आदेश जारी किया गया। वे अभी तक जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार, जयपुर के पद पर कार्यरत थे।
सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक के निर्देश पर सहकारिता विभाग के उप शासन सचिव हनुमान श्रृंगी की ओर से मीणा का निलंबन आदेश जारी किया गया। निलंबन काल में श्यामलाल मीणा का मुख्यालय जोधपुर खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार कार्यालय किया गया है।मीणा के प्रति आरोपी की गंभीरता और सरकार की घोर नाराजगी को इस अर्थ में समझा जा सकता है कि न केवल उनका मुख्यालय जयपुर से 333 किलोमीटर दूरी पर स्थित जोधपुर किया गया है बल्कि उन्हें विशेष रूप से इस बात के लिए पाबंद किया गया है कि वह अपनी उपस्थिति प्रतिदिन उपस्थिति पंजिका में अंकित करेंगे और खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार की पूर्व अनुमति लेकर ही जिला मुख्यालय छोड़ सकेंगे। मीणा को सस्पेंशन ऑर्डर सर्वे करने से पहले राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कैविएट भी लगाईं बताते हैं। मीणा को अपने निलंबन काल में अपने से लगभग 40 रैंक जूनियर अधिकारी के समक्ष प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज करानी होगी। श्यामलाल पर राइस मिल के बेशकीमती भूखण्ड को टेण्ट व्यवसायी को देने, सीकर केंद्रीय सहकारी बैंक और कोटा में व्यवस्थापकों की स्क्रीनिंग में भ्रष्टाचार के आरोपी के साथ ही धोद में नई मार्केटिंग यूनिट के गठन में नियमों की अवहेलना का भी आरोप है। सीकर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के निर्वाचित संचालक मंडल को भी लगातार तीन बार मनमाने आदेशों से भंग कर चुके हैं। मीणा के खिलाफ कई माह से निरंतर शिकायतें आ रही थी लेकिन गत् सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। वर्तमान सहकारिता मंत्री ने कहा था कि भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कठोर कार्यवाही होगी और अब मीणा को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की गई है।