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कांग्रेस पार्टी ने गुर्जर समाज के नाम पर वोट माँग कर समाज को धोखा देने का काम किया है : डॉ अलका गुर्जर

भारतीय जानता पार्टी द्वारा गुर्जर समाज का पार्टी में प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर सर्व गुर्जर समाज के नेताओ ने पार्टी का अभिनंदन किया।
तोतुका भवन जयपुर में गुर्जर समाज की ओर से आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में भारतीय जानता पार्टी के सभी गुर्जर नेताओं ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी पी जोशी का आभार और अभिनंदन किया ।
भाजपा राष्ट्रीय मंत्री डॉ अलका गुर्जर ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी ही ऐसी पार्टी है जिसने गुर्जर समाज को प्रतिनिधित्व देने का कार्य किया है । मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को राष्ट्रीय टीम में मौक़ा दिया और प्रदेश में भी महत्वपूर्ण पदो पर गुर्जर समाज के कार्यकर्ताओं को ज़िम्मेदारी देने का कार्य भारतीय जनता पार्टी ने किया है ।
डॉ अलका ने कहा कि गुर्जरों का तो जन्म ही कमल में हुआ है,स्वयं देवनारायण भगवान ने कमल पर ही अवतरण लिया था । हम सभी को यहाँ से संकल्प लेकर जाना है कि आगामी चुनाव में हमे कमल के फूल को अपना समर्थन देना है।

डॉ अलका ने कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथो लेते हुए कहा कि गुर्जर समाज के नाम पर वोट माँग कर गुर्जर समाज के साथ धोखा करने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है।
हमे धोखा देने वालों के साथ नहीं संगठन में मौक़ा देने वालो के साथ रहना है ।हमे 2023 और 2024 के चुनाव में कही भटकना नहीं है और इस कमल के फूल को याद रखते हुए इसके साथ चलना है।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी ने कहा कि आज अगर गुर्जर समाज को प्रतिनिधित्व देने का कार्य किसी पार्टी ने किया है तो वो भारतीय जनता पार्टी ने किया है । पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने गुर्जर समाज के नाम पर वोट माँगे थे और फिर चाय से मक्खी की तहत निकाल के फ़ेक दिया था।

राजस्थान के कोने कोने से पधारे गुर्जर जनप्रतिनिधियों ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी का माला पहना कर अभिनंदन किया और विश्वास दिलाया की आगामी चुनावों में गुर्जर समाज भारतीय जानता पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिला कर कमल खिलाने का कार्य करेगा ।

कांग्रेस ने सत्ता के लिए जिसका चेहरा आगे किया, उसको बाद में नाकारा निकम्मा और गद्दार कहकर अलग थलग किया : सीपी जोशी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने आज तोतुका भवन में गुर्जर समाज के आभार और अभिनंदन कार्यक्रम में सम्मिलित होकर समाज के व्यक्तियों और जन प्रतिनिधियों से संवाद किया तथा पत्रकारों से बात की। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने गुर्जर समाज को केंद्र और प्रदेश में सत्ता एवं संगठन, दोनों जगह उचित प्रतिनिधित्व दिया। गुर्जर समाज के आराध्य भगवान देवनारायण का कमल के फूल पर ही उदय हुआ था, जिनकी 1111 वीं जयंती पर जन्मस्थली मालासेरी डूंगरी पर आज़ादी के बाद नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं, जो उन्हें नमन करने आए। उससे पूर्व वहां भाजपा शासन में ही पैनोरमा बना तथा विकास कार्य हुए। मैं आशा करता हूं जैसा सहयोग गुर्जर समाज का भारतीय जनता पार्टी को आज तक प्राप्त हुआ, 2023 के चुनाव में भी वही समर्थन प्राप्त होगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री के आज के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यह उनकी घबराहट और अपने विधायकों को जैसे तैसे जोड़े रखने की कवायद मात्र है। अब तक हुए इनके आंतरिक सर्वे ने इनकी नींदें उड़ा दी है। इनका कुनबा टूट चुका है, इनका साथ छोड़ रहा है। सरकार ने अपने कुनबे को साथ रखने के लिए उनके फोन टेप कराए, पर वो कब तक। इनका जहाज डूबने वाला है। इसलिए कुनबे के लोग छोड़ छोड़ कर जा रहे हैं।
भाजपा ने कभी किसी समाज के नेता को केवल चुनाव में इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता के लिए जिसका चेहरा आगे किया, उनको बाद में नाकारा, निकम्मा और गद्दार कहकर अलग थलग कर दिया।जो ऐसा करते हैं या कहते हैं वे समाज का सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं।

चंबल विश्वविद्यालय के सपने के लिए डॉ. डी.पी. शर्मा ने कहा- सरकार करे पहल तो उच्च शिक्षा हेतु हरसंभव मदद

राजाखेडा़,
अंतरराष्ट्रीय डिजिटल डिप्लोमेट एवं प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन के ब्रांड एंबेसडर डॉ डी.पी. शर्मा एक दिवसीय प्रवास के लिए राजाखेड़ा स्थित अपने पुश्तैनी गांव समोना पहुंचे जहां उन्होने स्थानीय निवासियों से मुलाकात कर बच्चों की उच्च शिक्षा पर चिंता जताते हुए बातचीत की एवं जन समस्याओं की जानकारी भी ली । डॉ. शर्मा ने बताया कि भारत देश में युवाओं के लिए हर क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं।
वह बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए बेहद चिंतित हैं और लगातार सरकार से विश्वविद्यालय निर्माण को लेकर अपील कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन भी विश्वविद्यालय के लिए देने की इच्छा जाहिर की है।
डॉ. शर्मा ने शिक्षा को जरूरी बताते हुए अपने संघर्षपूर्ण जीवन को याद किया और ग्रामीणों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों को आमजन की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने संभावना जताई की सरकार चंबल क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए योजनायें बनाकर उन्हें अमली जामा पहनाने के मंशा रखे तो भविष्य में चंबल क्षेत्र राजस्थान ही नहीं विश्व मानचित्र पर भी अपनी योग्यता का जलवा बिखेरेगा।

मुख्य सचिव ने ली जयपुर में होने वाली ‘ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट वर्किंग ग्रुप’ एवं ‘ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट मिनिस्टीरियल मीटिंग’ के सफल आयोजन को लेकर समीक्षा बैठक

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मुख्य सचिव उषा शर्मा ने शुक्रवार को सचिवालय में जी—20 सम्मेलन के अंतर्गत स्थानीय रामबाग पैलेस में 21 एवं 22 अगस्त को आयोजित होने वाले ‘ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट वर्किंग ग्रुप’ की चतुर्थ बैठक एवं 24 एवं 25 अगस्त को आयोजित होने वाली ‘ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट मिनिस्टीरियल मीटिंग’ के सफल आयोजन हेतु समीक्षा बैठक ली।

मुख्य सचिव ने इन बैठकों के सफल आयोजन की आवश्यक व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए साथ ही बैठकों में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के भ्रमण एवं आवागमन की स्थिति को सुगम बनाने की व्यवस्था पर चर्चा भी की। उन्होंने इस आयोजन के लिए शहर के सौंदर्यीकरण पर भी विशेष बल दिया। मुख्य सचिव उषा शर्मा ने प्रतिनिधियों के सुगम आवागमन एवं सुरक्षा के निर्देश दिए।

19 अगस्त को शाही लवाजमे के साथ निकलेगी तीज की शाही सवारी

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पर्यटन विभाग की ओर से श्रावण शुक्ला तृतीया के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय तीज फेस्टिवल के दौरान जयपुर में 19 अगस्त को तीज माता की शाही सवारी निकाली जाएगी। तीज की शाही सवारी में शामिल होने के लिए देशी-विदेशी पर्यटक जयपुर पहुंचने शुरू हो गए हैं। राजधानी जयपुर में तीज पर्व को लेकर जयपुरवासियों में खास उत्साह दिखाई दे रहा है। सिटी पैलेस की जनाना ड्योढ़ी में पूजा अर्चना के बाद तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट होते हुए रवाना होगी।

पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्रसिंह शेखावत ने बताया कि बैंड बाजा, सजे हुए ऊंट घोडे और शाही लवाजमे के साथ तीज माता चांदी की पालकी पर सवार होकर त्रिपोलिया गेट से रवाना होकर छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार होते हुए तालकटोरा पहुंचेंगी। इस तीज फेस्टिवल कार्यक्रम के दौरान 150 से अधिक लोक कलाकार प्रदेश की लोक कला और संस्कृति की छटा बिखेरेंगे। उन्होंने बताया कि राजस्थान के प्रसिद्ध कालबेलिया, गैर नृत्य, बहरूपिया, मशक वादन, कठपुतली नृत्य, कच्ची घोड़ी और अलग-अलग बैंड ग्रुप सहित अनेक लोक कलाकारों के समूह तीज की शाही सवारी के दौरान अपनी शानदार प्रस्तुतियां देंगे। गौरतलब है कि पर्यटन विभाग की तरफ से विदेशी मेहमानों के लिए पर त्रिपोलिया गेट के सामने हिन्द होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई है।

राजीविका ‘सखी सम्मेलन‘- राजीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं निभा रहीं- प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका: मुख्यमंत्री – समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण, एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम और डिजिटल सखी योजना का शुभारम्भ – राजीविका से जुड़ी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं – 702 करोड़ राशि के चेक किये प्रदान – सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं का हुआ सम्मान

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीविका जैसे कार्यक्रमों से महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व कार्यकाल में अजमेर जिले से स्वयं सहायता समूहों की शुरूआत की गई। आज वह प्रयास इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में वृहत रूप में सबके सामने है। राजीविका से जुड़कर महिलाएं विभिन्न प्रकार के उद्यमों एवं नवाचारों में भाग ले रही है, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्हें अपनी क्षमताओं एवं संविधान प्रदत्त अधिकारों की पहचान हुई है। सहकारिता की भावना से कार्य करते हुए राजीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं आज प्रदेश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। 

सीएम अशोक गहलोत शुक्रवार को जयपुर के जेईसीसी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका परिषद् (राजीविका) द्वारा आयोजित ‘सखी सम्मेलन’ को सम्बोधित कर रहे थे। इस सम्मेलन में प्रदेश भर से राजीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हजारों महिलाओं ने हिस्सा लिया। साथ ही, बड़ी संख्या में महिलाएं वीसी के माध्यम से भी कार्यक्रम से जुड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राजीविका के अंतर्गत 3.60 लाख समूहों का गठन कर लगभग 43 लाख महिलाओं को इनसे जोड़ा गया है। राज्य सरकार इन समूहों को 4774 करोड़ का ऋण उपलब्ध करवा रही है। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार का एक अहम प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को सौंपे चेक-

मुख्यमंत्री ने बैंकों द्वारा दिये जाने वाले 381 करोड़ रुपये की ऋण राशि के चेक स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौंपे। साथ ही, राजस्थान महिला निधि से दिये जाने वाले 63 करोड़ रुपए, आजीविका संवर्द्धन सहायता द्वारा दिए जाने वाले 160 करोड़ रुपए एवं जलग्रहण विकास कर्न्वजेंस सहायता द्वारा दिए जाने वाले 98 करोड़ रुपए की राशि के चेक भी राजीविका से जुड़ी महिलाओं को प्रदान किये। इस अवसर पर श्री गहलोत ने महिलाओं को स्कूटी की चाबी सौंपी एवं सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को सम्मानित किया। 

महिलाओं को सशक्त बना रही योजनाएं-

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं से हर वर्ग को लाभान्वित कर रही है। राज्य में लगभग 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1000 रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन, निशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट, 500 रुपये में गैस सिलेण्डर जैसी योजनाओं से आमजन को राहत दी जा रही है। महिलाओं के लिए उड़ान योजना के अंतर्गत निःशुल्क सेनेटरी नैपकिन, रोड़वेज बस किराये में 50 प्रतिशत छूट, इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के अंतर्गत इंटरनेट युक्त निःशुल्क स्मार्टफोन, आरटीई के तहत 12वीं तक छात्राओं को निःशुल्क शिक्षा, नई महिला नीति लागू करने, सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण, मकान के खरीद-बेचान में रजिस्ट्री महिला के नाम से होने पर शुल्क में छूट देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। अनिवार्य एफआईआर की नीति से महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अत्याचारों में कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2030 तक राजस्थान को को देश का अग्रणी राज्य बनाना हमारा ध्येय है। इसमें राजीविका से जुड़ी महिलाओं की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। 

मुख्यमंत्री ने किया विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ-

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना (ग्रामीण), एकीकृत खेती क्लस्टर (आईएफसी) कार्यक्रम एवं डिजिटल सखी योजना का शुभारंभ किया। डिजिटल सखी योजना के तहत महिलाओं को चरणबद्ध रूप से डिजिटल प्रशिक्षण दिया जाएगा। एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम के द्वारा महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं-

– राजीविका कैडर से जुड़ी महिलाओं के मानदेय में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी।

– राजीविका से जुड़ी महिलाओं को कृषि एवं गैर कृषि क्षेत्र में 1000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त ऋण दिया जाएगा।

– राजीविका से जुड़ी महिलाएं 2.5 प्रतिशत की जगह शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर स्कूटी खरीद पाएंगी।

– उड़ान योजना के अंतर्गत सेनिटरी नैपकिन की पूरी सप्लाई एवं बनाने का कार्य चरणबद्ध रूप से राजीविका को सौंपा जाएगा।

– इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण के अंतर्गत 1000 रसोईयों का संचालन एवं प्रबंधन राजीविका स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा।

माइनिंग सेक्टर है आधुनिक सभ्यता की रीढ़ , टेक्नोलोजिकल एडवासंमेंट, एनर्जी सिक्योरिटी और इकोनोमिकल ग्रोथ में माइनिंग की प्रमुख भूमिका – अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस व पेट्रोलियम

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अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस व पेट्रोलियम वीनू गुप्ता ने कहा है कि माइनिंग सेक्टर की भूमिका और अहमियत को इसी से समझा जा सकता है कि आज टेक्नोलोजिकल एडवांसमेंट, एनर्जी सिक्योरिटी और ससटेनेबल इकोनोमिक ग्रोथ की माइनिंग सेक्टर के बिना कल्पना ही नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि सही मायने मेें आधुनिक सभ्यता की बेकबोन है माइनिंग सेक्टर।

एसीएस माइंस वीनू गुप्ता शुक्रवार को होटल मैरियट में माइनिंग, ऑयल और गैस कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रही थीं।  उन्होंने कहा कि एक और जहां राजस्थान में बहुमूल्य मेजर व माइनर मिनरल्स के डिपोजिट्स हैं वहीं लाईम स्टोन के विपुल भण्डार के कारण राजस्थान देश का सीमेंट हब बन चुका है। रिकॉर्ड राजस्व अर्जन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में 7000 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित किया गया है व इस साल नया रिकॉर्ड बनाया जाएगा।

वीनू गुप्ता ने चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि सेक्टर के सामने पर्यावरण संतुलन और स्वास्थ्य सेक्टर की चुनौतियां है। माइनिंग की आधुनिक तकनीक के उपयोग और सघन पौधारोपण से इससे निपटा जा सकता है वहीं सिलिकोसिस की बीमारी को लेकर सरकार गंभीर है। 

जम्मू कश्मीर यूटी की माइंस सचिव रश्मी सिंह ने कहा कि लिथियम की खोज ने जेके को नई पहचान दी है। जेके में श्रेष्ठ गुणवत्ता के सफायर की किश्तवाड में डिपोजिट को देखते हुए एमईसीएल के साथ करार किया गया है। उन्होंने बताया कि जेके में भी मिनरल्स के भण्डार है पर अभी काफी काम किया जाना है।

 निदेशक माइंस संदेश नायक ने बताया कि कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार माइनिंग सेक्टर उपलब्ध करा रहा है। राजस्थान मिनरल्स की दृष्टि से संपन्न प्रदेश है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में खनिज खोज व खनन को गति देने का परिणाम है कि इस साल 61 मेजर मिनरल्स ब्लॉक की ई-नीलामी की तैयारी के साथ नीलामी प्रक्रिया जारी है। 130 माइनर मिनरल ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया जारी है। 

विशेष सत्र को संबोधित करते हुए एसीएस पीएचईडी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने एआई चेट पर विस्तार से चर्चा करते हुए भावी संभावनाओं की और इशारा किया। उन्होंने एआई के दौर में मानवीय संवेदनाओं की चर्चा की। उन्होंने सोशियल मीडिया की ताकत और तकनीक में तेजी से बदलाव आ रहा है और उसे हमें आत्मसात करना होगा। 

जेसीटीएसएल के सीएमडी अजिताभ शर्मा ने तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रीन एनर्जी के दौर में रिन्यूवल एनर्जी और प्राकृतिक गैस को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि देश दुनिया मे तेजी से बदलाव आ रहा है और उसके अनुसार ही आगे बढ़ना होगा। आरएसजीएल के एमडी रणवीर सिंह ने सीएनजी व पीएनजी की आवश्य​कता व महत्व पर चर्चा की।

टायर वेस्ट प्रबंधन के साथ ईपीआर लक्ष्यों की प्राप्ति में नए आयाम होंगे स्थापित : अध्यक्ष, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल -कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी

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राजस्थान में बढ़ती वाहनों की संख्या के साथ टायर वेस्ट का समुचित निस्तारण एक बड़ी समस्या नजर आ रही थी जिसको मध्यनजर रखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं एनजीटी व सीपीसीबी द्वारा समय समय पर उचित दिशा निर्देश जारी किये जाते रहे साथ ही आम जन के साथ हितधारकों के हितों को सर्वोपरि रख कर प्रदूषण नियंत्रण एवं अपशिष्ट निस्तारण की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है।

राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष श्री शिखर अग्रवाल ने कहा कि वाहनों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप टायर कचरे के उत्पादन के साथ, ऐसी टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को सक्षम और प्रोत्साहित करना समय की मांग है जो प्रदूषण का कारण नहीं बनती हैं। आरएसपीसीबी ने तदनुसार कुछ चेतावनियों के साथ निरंतर प्रक्रिया के बाद नई टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना और कंटीन्यूअस बैच  प्रकार की मौजूदा इकाइयों के रूपांतरण की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आशा है कि इस निर्णय से न केवल टायर प्रसंस्करण इकाइयों में तत्काल निवेश और टायर कचरे का उचित निपटारा हो सकेगा, बल्कि ईपीआर लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति  भी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान हितधारकों, सीपीसीबी एवं गहन रिसर्च के पश्चात् यह निर्णय लिया है जिससे उम्मीद यही है कि निश्चित तौर पर टायर वेस्ट का उचित निस्तारण हो सकेगा साथ ही आर्थिक मूल्यों में भी वृद्धि हो सकेगी। इसी के साथ अवैध रेसाइक्लर्स पर भी नजर रखी जा सकेगी।

-कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव श्री विजय एन द्वारा जारी आदेशानुसार राज्य में  स्थापित/संचालित करने  की सहमति केवल निरंतर प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों को दी जाएगी, न कि बैच प्रक्रिया पर चलने वाली इकाइयों को। वहीं बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए सहमति के नवीनीकरण के लिए ऐसी इकाइयों को केवल निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों के भीतर ही अनुमति दी जाएगी वहीँ ऐसी इकाइयों को  गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों, नॉन अटेन्मेंट शहर  (अलवर, कोटा, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर) और राज्य के एनसीआर उप क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए नवीनीकरण की सहमति इस शर्त पर दी जाएगी कि इकाई को 31.12.2025   तक कंटीन्यूअस प्रक्रिया में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सतत रूप से निगरानी रखने के साथ किसी विशेष क्षेत्र में ऐसी इकाइयों के संकेन्द्रण को प्रतिबंधित कर सकेगा।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 2012 के बाद कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना पर आगामी आदेशों तक  प्रभावी रोक लगा दी गयी थी। जिसके पश्चात एनजीटी ने सीपीसीबी को एनईईआरआई और आईआईटी, दिल्ली की भागीदारी के साथ अध्ययन करने का निर्देश दिया था ताकि अध्ययन के नतीजे के आधार पर यह निर्णय लिया जा सके कि मौजूदा बैच  या एडवांस बैच स्वचालित या केवल कंटीन्यूअस इकाइयों को अनुमति दी जाए या नहीं। जिसके पश्चात् एनजीटी एवं  सीपीसीबी के निर्देशानुसार  टायर वेस्ट के समुचित निस्तारण की समस्या एवं प्रदूषण नियंत्रण के साथ ईपीआर( एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) को मध्यनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया। उक्त सम्बन्ध में विस्तृत आदेश के साथ एसओपी जारी कर दी गयी है।       

राजस्थान में बढ़ती वाहनों की संख्या के साथ टायर वेस्ट का समुचित निस्तारण एक बड़ी समस्या नजर आ रही थी जिसको मध्यनजर रखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं एनजीटी व सीपीसीबी द्वारा समय समय पर उचित   दिशा निर्देश जारी किये जाते रहे साथ ही आम जन के साथ हितधारकों के हितों को सर्वोपरि रख कर प्रदूषण नियंत्रण एवं   अपशिष्ट निस्तारण की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है।

राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने कहा कि वाहनों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप टायर कचरे के उत्पादन के साथ, ऐसी टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को सक्षम और प्रोत्साहित करना समय की मांग है जो प्रदूषण का कारण नहीं बनती हैं। आरएसपीसीबी ने तदनुसार कुछ चेतावनियों के साथ निरंतर प्रक्रिया के बाद नई    टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना और कंटीन्यूअस बैच  प्रकार की मौजूदा इकाइयों के रूपांतरण की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आशा है कि इस निर्णय से न केवल टायर प्रसंस्करण इकाइयों में तत्काल निवेश और टायर कचरे का  उचित निपटारा हो सकेगा, बल्कि ईपीआर लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति  भी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान हितधारकों, सीपीसीबी एवं गहन रिसर्च के पश्चात् यह निर्णय लिया है जिससे उम्मीद यही है कि निश्चित तौर पर टायर वेस्ट का उचित     निस्तारण हो सकेगा साथ ही आर्थिक मूल्यों में भी वृद्धि हो सकेगी। इसी के साथ अवैध रेसाइक्लर्स पर भी नजर रखी जा सकेगी।

-कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी

राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव विजय. एन द्वारा जारी आदेशानुसार राज्य में  स्थापित/ संचालित करने  की सहमति केवल निरंतर प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों को दी जाएगी, न कि बैच प्रक्रिया पर    चलने वाली इकाइयों को। वहीं बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए सहमति के नवीनीकरण के लिए ऐसी इकाइयों को केवल निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों के भीतर ही अनुमति दी जाएगी वहीँ ऐसी इकाइयों को  गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों, नॉन अटेन्मेंट शहर  (अलवर, कोटा, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर) और राज्य के NCR उप क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही बैचप्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए नवीनीकरण की सहमति इस शर्त पर दी जाएगी कि इकाई को 31.12.2025   तक कंटीन्यूअस क्रिया में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सतत रूप से निगरानी रखने के साथ किसी विशेष क्षेत्र में ऐसी इकाइयों के संकेन्द्रण को प्रतिबंधित कर सकेगा।

उल्लेखनीय है कि राज्य में 2012 के बाद कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना पर आगामी आदेशों तक  प्रभावी रोक लगा दी गयी थी। जिसके पश्चात एनजीटी ने सीपीसीबी को एनईईआरआई और आईआईटी, दिल्ली की भागीदारी के साथ अध्ययन करने का निर्देश दिया था ताकि अध्ययन के नतीजे के आधार पर यह निर्णय लिया जा सके कि मौजूदा बैच  या एडवांस बैच स्वचालित या केवल कंटीन्यूअस इकाइयों को अनुमति दी जाए या नहीं। जिसके पश्चात्   एनजीटी एवं  सीपीसीबी के निर्देशानुसार  टायर वेस्ट के समुचित निस्तारण की समस्या एवं प्रदूषण नियंत्रण के साथ ईपीआर( एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) को मध्यनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया। उक्त सम्बन्ध में विस्तृत    आदेश के साथ एसओपी जारी कर दी गयी है।       

सरकार को बनानी चाहिए ई रिक्शा के लिए ठोस नीति

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डा. अरुण चर्तुवेदी ने जयपुर मे पर्यावरण की रक्षा के लिए ई रिक्शा की जरूरत बताते हुऐ उन्हे परिवहन विभाग के नियमो के तहत लाकर जयपुर शहर की बे तरतीब यातायात व्यवस्था को सुधारने की मांग की है।
डा. चतुर्वेदी ने कहा है कुछ रसूखदारों ने ई रिक्शा नीति नहीं होने के कारण गरीब की रोटी छीनने का का काम किया है। डा. चतुर्वेदी ने कहा की जयपुर में हजारों की संख्या में ई रिक्शा चल रहे है इनके लिए कोई नियम और प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क हादसे बढ़ रहे है। साथ ही ई चार्जिंग स्टेशन नही होने के कारण कुछ रसूखदार लोग जिन्होंने बड़ी संख्या में ई रिक्शे खरीद रखे है सरकारी बिजली के खंबो से अवैध रूप से बिजली लेकर ई रिक्शो को चार्ज कर सरकारी कोष को चूना लगा रहे है।
डा. चतुर्वेदी ने भारी संख्या में चल रहे ई रिक्शा चालकों की नागरिकता को लेकर भी संदेह प्रकट किया है, साथ ही शहर प्रशासन को ई रिक्शा नीति बनाने के साथ ही उनके सत्यापन कराने की भी मांग करते हुए कहा की जयपुर वासियों की सुरक्षा को देखते हुए ई रिक्शा चालकों और मालिको का सर्वे कराया जाए।
डा. चतुर्वेदी ने कहा है जयपुर में पहले बड़ी संख्या में मानव चालित रिक्शे चलते थे इन रिक्शो के लिए नगर निगम से नीति बनी हुई थी, जिससे गरीब आदमी को रोजगार मिल रहा था लेकीन ई रिक्शा नीति और नियम नहीं होने से वास्तविकता में जिस गरीब को रोजगार मिलना चाहिए, उसकी रोजी-रोटी पर रसूखदार का कब्जा हो गया। नियम के अभाव में शहर प्रशासन गलत और बेतरतीब ई रिक्शा चालकों पर कोई कार्यवाही भी नहीं कर पा रहा है। अकेले जयपुर में इस समय दस हजार से ज्यादा ई रिक्शा चल रहे है जो रामगंज बाजार, ईद गाह, बड़ी चौपड़, सुभाष चौक, रेलवे स्टेशन की यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रहे है।

गहलोत सरकार को तुष्टिकरण की राजनीति को छोड़कर महिला सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए : डॉ अलका गुर्जर

जयपुर पुलिस कमीशनरेट की नाक के नीचे 25 दिन तक बालिकाओं को बंधक बनाकर रखा जाता है और शासन और प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं जाता है , उनका ध्यान तो सिर्फ़ तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली सरकार को बचाने में और सरकार को खुश करने में लगा रहता है । गहलोत जी ख़ुद गृहमंत्री है उनका यह दायित्व बनता है कि राजस्थान की माता और बहनों को सुरक्षित रखा जाये ।
यह सरकार घोर महिला विरोधी सरकार है । कभी बच्चिया भट्टी में जला दी जाती है , कभी उन पर तेज़ाब डालकर रेप करके कुँए में फ़ेक दिया जाता है परंतु दुर्भाग्य की बात ये है कि शासन और प्रशासन पूरी तरह मौन धारण किए रखता है । मैं इस सरकार की घोर निंदा करती हूँ और मुख्यमंत्री जी से इस्तीफ़े की माँग करती हूँ ।
डॉ अलका ने कहा कि इनकी सरकार की विधायक दिव्या मदेरणा जी ख़ुद असुरक्षित महसूस करती है तो आम महिला की तो क्या स्थिति होगी इस बात का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि पॉक्सो एक्ट में 2911 शिकायत दर्ज होती है और एफ़ आई आर सिर्फ़ 2 मामलों में दर्ज की जाती है ।
डॉ अलका ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनके मंत्री पुत्रों , विधायकों पर महिला अत्याचारों के आरोप लगते है परंतु एक भी मामले में कार्यवाही नहीं होती है । और तो और इसी प्रदेश में पुलिसकर्मी महिला के साथ दुष्कर्म कर देता है , शिक्षक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है , पी एच ई डी विभाग का बाबू बच्ची के साथ दुष्कर्म कर देता है परंतु फिर भी ये सरकार महिलाओ को सुरक्षा देने के नाम पर पूर्णत विफल रही है । आज महिलायें कही सुरक्षित नहीं है चाहे घर , ऑफिस , पुलिस स्टेशन , एंबुलेंस ही क्यों ना हो । गहलोत सरकार के सत्ता में आने के बाद 46 प्रतिशत महिला अत्याचारों में वृद्धि हुई है और इनकी सरकार के मुख्यमंत्री कहते है कि क्या अब हम सब घरों के बाहर सिपाही तैनात कर दे ! इस प्रकार के ग़ैर ज़िम्मेदार बयान इनके महिला विरोधी चरित्र को उजागर करता है ।
मुख्यमंत्री जी जिनके पास गृह विभाग का प्रभार भी है, को नैतिकता के नाते इस्तीफ़ा दे देना चाहिये ।