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वजन कम करने की यह ट्रिक पेट की चर्बी पर करता है तगड़ा वार, कुछ ही दिनों में दिखेगा फर्क, अपनाना भी है बहुत आसान

Tips to lose weight: शरीर का ज्यादा वजन हेल्थ के लिए मुसीबत से कम नहीं है. पर सच्चाई यह है कि पूरी दुनिया में मोटापा तेजी से फैलता जा रहा है. पिछले 30 सालों में ज्यादा वजन वाले लोगों की संख्या 3 गुना बढ़ी है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मोटापा से पीड़ित वयस्कों की संख्या 2 अरब से ज्यादा हो गई है. यहां तक कि बच्चे भी मोटापे के शिकार हो रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक 5 साल से कम उम्र के 3.9 करोड़ बच्चे ज्यादा वजन के शिकार हैं. मोटापा कई बीमारियों की जड़ है. मोटापे के कारण डायबिटीज, हार्ट डिजीज, किडनी प्रोबल्म, ब्रेन प्रोब्लम जैसी समस्याएं होती हैं जो क्रोनिक बन जाती है. भारत में मोटापे की वजह से अधिकांश लोगों के पेट पर चर्बी जमा होने लगती है. मोटापे को कम करने के लिए लोग मेहनत भी काफी करते हैं, इसके बावजूद अधिकांश लोगों का वजन नहीं घटता.

दरअसल, मोटापा काम करने के लिए कई चीजों की जरूरत एक साथ होती है. इसके लिए पहले भोजन की मात्रा पर कंट्रोल करना पड़ता है और दूसरा शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना पड़ता है. इसके साथ नींद, स्ट्रेस जैसे कई कारक है जिनपर काम करने की जरूरत होती है. हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक वजन कम करने के लिए सबसे पहले डाइट पर नियंत्रण जरूरी है. डाइट में निम्नलिखित तरीका अपनाएंगे तो निश्चित रूप से वजन कम होगा.

Vegetarian Foods for Weight Loss: मोटापा कई खतरनाक बीमारियों की जड़ है. मोटापे के कारण डायबिटीज, हार्ट डिजीज, किडनी प्रोबल्म, ब्रेन प्रोब्लम जैसी समस्याओं से जूझना पड़ता है. ज्यादा वजन से सिर्फ एक देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया परेशान है. आज जिस तरह से लोगों का जीवन शिथिल होता जा रहा है, उसमें मोटापा की बीमारी सबसे ज्यादा होने लगी है. लोग शरीर को हिलाते-डुलाते नहीं है, उपर से अनहेल्दी भोजन करते हैं. भोजन से जो कैलोरी बनती है, वह खर्च नहीं होती, यही कारण है कि लोगों के शरीर में बेलगाम चर्बी बढ़ने लगी है. इसलिए जरूरी यह है कि शुरुआत से ही वजन पर कंट्रोल किया जाए. अगर शुरुआत से ही हम अपने खान-पान को हेल्दी बना लें तो हमें मोटापा का शिकार ही नहीं होना होगा. अगर वजन बढ़ गया है तो अभी से यदि खान-पान को सुधार लिया जाए और कुछ शारीरिक व्यायाम किया जाए तो मोटापा पर लगाम लग सकता है. यहां कुछ ऐसे फूड बताए गए हैं जिनका सेवन कर वेजिटेरियन आदमी भी मोटापे को कम कर सकता है |

मोटापा कम करने वाले फूड
यदि आपका वजन ज्यादा हो गया है और आप वेजिटेरियन हैं तो आपके लिए ये फूड फायदेमंद साबित हो सकता है. वेजिटेरियन में आमतौर पर प्लांट फूड का सेवन करना चाहिए. लेकिन इसमें हमें यह देखना होगा कि किस वेजिटेरियन फूड में कार्बोहाइड्रेट और वसा कम है और प्रोटीन ज्यादा है.

1. नॉन-स्टार्ची वेजिटेबल-नॉन स्टार्ची वेजिटेबल में ब्रोकोली, शिमला मिर्च, फूलगोभी, तोरी, मशरूम, टमाटर, बैंगन, गाजर, अजवाइन का साग, ककड़ी आदि शामिल है. इन फूड में वसा और कार्बोहाइड्रैट बहुत कम होता है, इसलिए यह मोटापा का कम करता है.

2. स्टार्ची वेजिटेबल-मटर, आलू, मक्का, और विंटर स्क्वैश स्टार्ची वेजिटेबल के उदाहरण हैं. यदि आप मोटापा को कम करना चाहते हैं तो इन फूड का सेवन करें.

3.फल-फलों में आप बैरीज, जामुन, संतरे, सेब, केले, अंगूर, साइट्रस, कीवी, आम आदि को शामिल कर सकते हैं.

4.बीन्स और फलियां: बींस और फलीदार सब्जियों में अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन होता है जबकि फैट और कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होता है. इसलिए ये सब्जियां वजन पर लगाम लगाती है. इसमें मसूर की दाल, काली बीन्स, पिंटो बीन्स और किडनी बीन्स जैसी सब्जियां शामिल हैं.

5.नट्स और सीड्स-नट्स और सीड्स न सिर्फ मोटापा बल्कि अन्य कई बीमारियों से बचाता है. इसमें बादाम, अखरोट, पिस्ता, काजू, सूरजमुखी के बीज, चिया के बीज, नट बटर आदि को शामिल कर सकते हैं.

6.लीन प्रोटीन-बीन्स, फलियां, मेवे, बीज, नट बटर, अंडे, ग्रीक योगर्ट, दूध, और सोया उत्पाद जैसे टोफू, टेम्पेह, और एडामेम में अत्यधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. इससे मोटापा समेत कई बीमारियों पर लगाम लगाया जाता है.

7. हेल्दी फैट: एवोकैडो, जैतून का तेल, नारियल, नट, बीज, नट बटर, पनीर हेल्दी फैट के उदाहरण है.

8. पानी और अन्य हेल्दी पेय पदार्थ: वजन कम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. इसके अलावा फ्रूट इंफ्यूज्ड वाटर और सादा कॉफी और चाय भी वजन कम करने में कारगर है |

वजन कम करने के लिए डाइट फॉर्मूला

1.आधी थाली बिना स्टार्च वाली सब्जियां-हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक भोजन के दौरान अपनी थाली का आधा हिस्सा ऐसी सब्जियों से भरें जिनमें स्टार्च या कार्बोहाइड्रैट बहुत कम हो. इसके लिए आप ब्रोकली, फूलगोभी, हरी पत्तीदार सब्जियां और मशरूम आदि का चुनाव कर सकते हैं.

2. भोजन और नाश्ते में प्रोटीन-चाहे लंच हो, डिनर हो या ब्रेकफास्ट, इन सभी में प्रोटीन को शामिल करना न भूलें. इसके लिए आप बींस, बादाम, सीड्स, मसूर की दाल, अंडा, डेयरी प्रोडक्ट और सोया प्रोडक्ट को शामिल कर सकते हैं.

3. कार्बोहाइड्रैट का विकल्प-कई ऐसे फूड हैं जो कार्बोहाइड्रैट का बेहतर विकल्प है. इसके लिए आप साबुत अनाज, स्टार्ची सब्जियां, फल और फलियां का सेवन कर सकते हैं. ये फूड बहुत देर तक भूख नहीं लगने देती है.

4. कुदरती फूड का सेवन-वजन कम करने के लिए बाहर की चीजों का सेवन न करें. इसकी जगह ऐसे फूड का सेवन करें जो प्रोसेस्ड न हो. ब्रेड, बिस्कुट, चिप्स, भूजिया आदि प्रोसेस्ड फूड है. इनमें फैट और कार्बोहाइड्रैट की मात्रा बढ़ जाती है. इनकी जगह घर पर ही चीजों को बनाएं और उसका सेवन करें.

5.एक्स्ट्रा सॉल्ट एक्स्ट्रा शुगर से दूरी-वजन कम करने के लिए यह भी जरूरी है कि जिन चीजों में ज्यादा चीनी और नमक हो, उनका सेवन नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही रेड मीट, फ्रोजन मील, अल्ट्रा प्रोसेस्ड चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए.

6. नींद और तनाव का प्रबंधन-वजन कम करने के लिए पर्याप्त नींद और तनाव से दूरी भी जरूरी है.

Biparjoy: तट से 40 किमी दूर फंसे तेल रिग कर्मियों के लिए संकटमोचक बना कोस्टगार्ड, 50 लोगों को सुरक्षित निकाला

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Biparjoy Cyclone: भारतीय तटरक्षक ने मंगलवार को बताया कि उत्तर-पश्चिम टीम ने आईसीजी एएलएच हेलीकॉप्टर और जहाज की मदद से तेल रिग की सिंगापुर में काम कर रहे 50 कर्मियों को बाहर निकाला है। सोमवार की पूरी रात सात बार में सभी कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सका।

गुजरात के पास अरब महासागर में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के कारण भारतीय तटरक्षक लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रहा है। सोमवार रात भी कोस्ट गार्ड ने द्वारका तटरेखा से 40 किलोमीटर दूर स्थित तेल खदान से 50 कर्मियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है।

हाई अलर्ट पर हैं सभी टीमें

भारतीय तटरक्षक ने मंगलवार को बताया कि उत्तर-पश्चिम टीम ने आईसीजी एएलएच हेलीकॉप्टर और जहाज की मदद से तेल रिग की सिंगापुर में काम कर रहे 50 कर्मियों को बाहर निकाला है। सोमवार की पूरी रात सात बार में सभी कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सका। हेलीकॉप्टर और जहाज ने समुद्र की खराब स्थिति और खराब मौसम का मुकाबला किया और सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सका। गार्ड्स ने बचाव कार्यों के लिए एमके-तीन और एएलएच हेलीकॉप्टर की मदद ली थी। इसके अलावा अन्य टीमें भी हाई अलर्ट पर थी। द्वारका में तैनात एनडीआरएफ टीम के कमांडर वेद प्रकाश ने कहा कि गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय के कारण एहतियातन एनडीआरएफ की एक टीम को यहां तैनात किया गया है। गांधीनगर से भी एक टीम को द्वारका भेजा गया है। चक्रवात के कारण अलग-अलग प्रकार की आपातकालीन स्थिति पैदा होती हैं। हम हर प्रकार की परिस्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद हैं।

US: अमेरिका में PM मोदी का होगा ऐतिहासिक स्वागत, आधिकारिक डिनर के बाद बाइडन परिवार के निजी भोज में होंगे शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 19 जून से अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर अमेरिका में भी काफी उत्साह का माहौल है और वहां की सरकार की तरफ से पीएम मोदी के दौरे को लेकर लगातार जानकारियां साझा की जा रही हैं। अब खबर आई है कि अमेरिका में आधिकारिक डिनर कार्यक्रम के अलावा राष्ट्रपति जो बाइडन का परिवार भी पीएम मोदी के लिए डिनर कार्यक्रम का निजी आयोजन करेगा। 22 जून को पीएम मोदी के सम्मान में स्टेट डिनर का आयोजन किया जाएगा। वहीं 21 जून को पीएम मोदी, बाइडन परिवार के निजी आमंत्रण पर डिनर कार्यक्रम में शामिल होंगे। 

बाइडन परिवार के साथ निजी डिनर कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी
बता दें कि पीएम मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के बुलावे पर अमेरिका जा रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी का अमेरिका में भव्य और ऐतिहासिक स्वागत किया जाएगा। पीएम मोदी 21 जून को वॉशिंगटन पहुंचेंगे, जहां शाम में राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके परिवार के आमंत्रण पर वह एक निजी डिनर कार्यक्रम में शामिल होंगे। जिसकी मेजबानी राष्ट्रपति बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन करेंगी। हालांकि अभी तक इस डिनर कार्यक्रम के वेन्यू का खुलासा नहीं किया गया है।

इसके अगले दिन यानी कि 22 जून को पीएम मोदी के सम्मान में राष्ट्रपति भवन के साउथ लॉन में एक भव्य डिनर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस स्टेट डिनर में अमेरिका और भारत के कई नामी-गिरामी लोग शामिल होंगे। यह एक भव्य आयोजन होगा। ऐसी भी जानकारी है कि 23 जून को पीएम मोदी अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन के साथ अमेरिकी सरकार द्वारा आयोजित लंच कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर दोनों देशों के बीच तकनीक, शिक्षा, ट्रेनिंग आदि मुद्दों पर बात होगी। जल्द ही दौरे को लेकर विस्तृत जानकारी सार्वजनिक की जाएगी। 

भारतीय मूल के लोगों में भारी उत्साह
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों में काफी उत्साह है। सैंकड़ों की तादाद में भारतीय मूल के लोग बसों में भरकर विभिन्न शहरों से वॉशिंगटन डीसी पहुंचेंगे। बड़ी संख्या में भारतीयों के वॉशिंगटन डीसी आने के चलते राजधानी में होटल्स फुल हो गए हैं और होटल के कमरों का किराया भी बढ़ गया है। कई संगठनों ने न्यू जर्सी और न्यूयॉर्क जैसे शहरों से भारतीय मूल के लोगों को लाने के लिए बसों का इंतजाम किया है। 

वॉशिंगटन डीसी के लफायेते स्कवायर पार्क में पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों से मिलेंगे। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। 23 जून को पीएम मोदी रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में भारतीय मूल के लोगों के साथ डिनर भी करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी 19 जून को न्यूयॉर्क पहुंचेंगे, जहां वह इंटरनेशनल योगा डे पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे। 

Bihar News : 13 अप्रैल को जीतनराम मांझी अमित शाह से मिले, 13 जून को बेटे ने नीतीश कैबिनेट छोड़ी

Why resignation from Nitish Cabinet : 13 जून को नीतीश कैबिनेट की अहम बैठक से कुछ घंटे पहले मंत्रिमंडल से अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री संतोष सुमन उर्फ संतोष मांझी ने इस्तीफा दिया। लेकिन, यह खिचड़ी तो 13 अप्रैल को ही चूल्हे पर चढ़ गई थी

यह कोई गणित नहीं है, लेकिन तारीख मायने तो रखती है। ठीक दो महीने पहले, 13 अप्रैल को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य की नीतीश कुमार सरकार के घटक हिन्दुस्तानी आवामी मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। अब 13 जून को जीतन राम मांझी के बेटे और हम की ओर से नीतीश सरकार में शामिल इकलौते मंत्री संतोष सुमन उर्फ संतोष मांझी ने इस्तीफा दे दिया। इन दो महीनों के दौरान क्या खिचड़ी पकी, वह जानना रोचक है।

शाह से मिलकर क्या बोला था, यह याद करें
गृह मंत्री अमित शाह से 13 अप्रैल को मुलाकात के बाद कहा था कि दिल्ली में वह केंद्र सरकार से माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग करने आए हैं। जीतन राम मांझी ने कहा था- “हमने गृह मंत्री से माउंटेन मैन के बारे में बात की। हमलोगों कई वर्षों से बाबा दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं। पहाड़ को काट कर सड़क बनाने वाले बाबा दशरथ मांझी ने दुनिया में मिसाल पेश की।” जब उनसे पूछा गया कि एनडीए में जा रहे हैं, तो कहा- “मैंने प्रण लिया है कि मैं नीतीश कुमार के साथ रहूंगा। CM नीतीश में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं। वह विपक्षी दलों को एकजुट करने का ईमानदार प्रयास कर रहे हैं।”

फिर क्या होता गया, जो यह नौबत आ गई

ऐसा नहीं कि जीतन राम मांझी ने 13 अप्रैल से पहले महागठबंधन की चट्टानी एकता पर दोतरफा बात नहीं की थी। उन्होंने कभी महागठबंधन की चट्टानी एकता की बात की तो अपने बेटे संतोष सुमन को उप मुख्यमंत्री के काबिल बताने से भी नहीं चूके। लेकिन, 13 अप्रैल के बाद परिस्थितियां कई बार बदलीं। ऐसी बदलीं कि कोर कमिटी की इस महीने हुई बैठक के दौरान हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा ने तय कर लिया कि महागठबंधन में बने रहने या नहीं रहने को लेकर फैसला जीतन राम मांझी और उनके मंत्री बेटे संतोष सुमन ले लें। 8-9 जून को जीतनराम मांझी ने स्वीकार किया कि वह लोकसभा की 40 सीटों में से पांच पर अपना प्रत्याशी देना चाहते हैं, लेकिन मीडिया के सामने यह नहीं माना कि उन्होंने ऐसा नहीं होने पर महागठबंधन छोड़ने का फैसला लेने की तैयारी की है। तैयारी तो थी। सिर्फ पांच सीटों का ही मसला नहीं था। 13 अप्रैल को शाह से मुलाकात के बाद एनडीए से नजदीकियां बढ़ीं और महागठबंधन में विशेष तौर पर राजद से तल्खी बढ़ी। 12 अप्रैल को जीतन राम मांझी ने यह स्वीकार कर लिया कि उनकी पार्टी को विपक्षी दलों की बैठक का बुलावा अबतक नहीं मिला है। और फिर, 13 जून को जब संतोष सुमन उर्फ संतोष मांझी ने बिहार की नीतीश सरकार के अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

MRF Share Price: शेयर मार्केट के नाम जुड़ा नया इतिहास, पहली बार किसी कंपनी के 1 Stock की कीमत हुई 1,00,000 के पार

Indian Share Market: भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत एक लाख रुपये पार कर गई हो। आइए इसके पीछे की पूरी कहानी जानते हैं।

MRF First Indian Stock: शेयर बाजार में निवेशकों को सबसे जल्दी करोड़पति बनाने वाले शेयर ने आज अपने नाम एक नया इतिहास जोड़ लिया है। एमआरएफ का स्टॉक मंगलवार (13 जून) को एक लाख प्रति शेयर के निशान को छूने वाला पहला भारतीय स्टॉक बन गया। बीएसई पर शेयर 98,939.70 रुपये के पिछले बंद के मुकाबले 99,500 रुपये पर खुला और सुबह के कारोबार में 1,00,300 रुपये प्रति शेयर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर चला गया। पिछले एक साल में इस शेयर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। बेंचमार्क सेंसेक्स में 19 फीसदी की बढ़त के मुकाबले पिछले एक साल में स्टॉक 45 फीसदी चढ़ा है। एमआरएफ के शेयरों को 17 जून 2022 को बीएसई पर 65,900.05 रुपये के अपने 52-सप्ताह के निम्न स्तर पर देखा गया था। पिछले सत्र के समापन तक स्टॉक उस स्तर से 50 प्रतिशत ऊपर है।

रिकॉर्ड प्रॉफिट में कंपनी

कच्चे माल की कीमतों में गिरावट की वजह से कंपनी ने जनवरी-मार्च तिमाही के मजबूत नतीजे पेश किए। मार्च 2023 को समाप्त चौथी तिमाही के लिए कंपनी का समेकित लाभ (पीएटी) 313.53 करोड़ रुपये था, जो कि FY22 के समान तिमाही में प्राप्त 168.53 करोड़ रुपये के शुद्ध लाभ से वर्ष-दर-वर्ष (YoY) 86 प्रतिशत की वृद्धि है। FY23 की चौथी तिमाही में परिचालन से इसका समेकित राजस्व 5,841.7 करोड़ रुपये था, जो कि FY22 की चौथी तिमाही में 5,304.8 करोड़ रुपये से 10.12 प्रतिशत की वृद्धि है। Q4FY22 के दौरान 5,142.79 करोड़ रुपये की तुलना में Q4FY23 के दौरान कंपनी का शुद्ध खर्च 5,410.26 करोड़ रुपये रहा। एमआरएफ का ईपीएस समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 803.26 रुपये तक पहुंच गया, जबकि एक साल पहले की तिमाही के दौरान यह 389.55 रुपये दर्ज किया गया था।

इस वजह से कंपनी के शेयर हुए रॉकेट

एमआरएफ के फंडामेंटल्स आकर्षक लगते हैं और विश्लेषकों का सुझाव है कि कोई व्यक्ति इस शेयर को लंबी अवधि के लिए तभी खरीद सकता है जब वह इसे वहन कर सके। हालांकि, स्टॉक का समृद्ध मूल्यांकन अल्पावधि में इसे कम आकर्षक बनाता है। तेज बढ़त के कारण मुनाफावसूली से इंकार नहीं किया जा सकता है। विश्लेषकों ने बताया कि एमआरएफ की बैलेंस शीट मजबूत है और इसका राजस्व प्रवाह सभी क्षेत्रों में विविध है, जिससे यह किसी विशेष खंड में मंदी के प्रति कम संवेदनशील है। इसलिए, गहरी जेब वाला व्यक्ति लंबी अवधि के लिए स्टॉक पर विचार कर सकता है।

LIC की इस स्कीम में करें 10,000 रुपए का निवेश, मिलेंगे पूरे 3,00,000 रुपए  

नई दिल्ली। LIC Aadhaar Stambh Policy एक पार्टिसिपेटिंग, नॉन लिंक्ड इंडिविजुअल लाइफ एश्योरेंस सेविंग प्लान है, जिसे सुरक्षा और बचत दोनों लाभ प्राप्त करता है। इस योजना के तहत किसी भी अप्रत्याशित घटना के समय परिवार को वित्तीय सहायता मिलती है। इतना ही पॉलिसी की अवधि पूरी होने पर मेच्योरिटी लाभ मिलता है जिससे परिवार को वित्तयी मदद भी मिलती है।

LIC Aadhaar Stambh Policy की विशेषताएं और फीचर

Invest Rs 10,000 in this scheme of LIC, you will get full Rs 3,00,000

-इस एलआईसी पॉलिसी को लेने के लिए न्यूनतम आयु 8 वर्ष और अधिकतम आयु 55 वर्ष होनी चाहिए।
-यह एक लोन सुविधा है जो एक ऑटो कवर सुविधा और कैश फ्लो को प्रदान करता है।
-यह एक एंडोमेंट योजना है जहां मेच्योरिटी पर एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है।
-मैच्योरिटी पर पॉलिसीधारक को बेसिक सम एश्योर्ड और लॉयल्टी एडिशन मिलता है।
-पॉलिसी के 3 साल बाद ही लोन की सुविधा दी जाती है।
-इस योजना को केवल पुरुष ही ले सकते हैं।
-इस योजना में न्यूनतम बीमा राशि 75,000 रुपए है और अधिकतम बीमा राशि 3,00,000 रुपए है।

ऐसे करें कैलकुलेट

उदाहरण के लिए अगर पॉलिसीधारक इस योजना में 15 साल तक हर साल 10,000 रुपए का निवेश करता है तो पॉलिसीधारक को 2,00,000 रुपए की बीमा राशि और लॉयल्टी एडिशन मिलेगा।

समंदर के अंदर से सोने का खजाना निकालने की तमाम कोशिशें हुई नाकाम

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लंदन। दुनिया के पानी में करोड़ों टन सोना और कीमती धातुएं डूबी हुई हैं। जहाजों के हादसों का शिकार होने से लेकर लोगों के आस्था में फेंके हुए सिक्के तक गहरे समुद्र में हैं। साल 1641 में ब्रिटेन का रॉयल मर्चेंट नाम का जहाज खराब कॉर्नवॉल के पास पानी में समा गया। वर्ष 2019 में इसका ऊपरी हिस्सा तो मिला, लेकिन बॉटम कभी नहीं मिला। अनुमानत: इस जहाज में एक लाख पाउंड गोल्ड था। इससे पूर्व 16वीं सदी की शुरुआत में प्रशांत महासागर में डूबे जहाज के कार्गो में 2 बिलियन डॉलर की लागत का सोना रखा हुआ था।

इस सोने से बस सकते हैं कई ताकतवर देश 

All efforts to extract the treasure of gold from inside the sea failed

एक अध्ययन के मुताबिक ये कहना मुश्किल है कि कुल कितना सोना या फिर कितने वैल्यू का कीमती सामान समुद्र में खो चुका है। अक्सर बड़े डूबे हुए जहाजों के आधार पर इसकी गणना होती रही। हालांकि माना जाता है कि ये इतना होगा, जिससे कई नए और बेहद ताकतवर देश बस सकते हैं। आमतौर पर ये लूटा हुआ सोना होता था, जो गुलाम देशों से ले जाया जा रहा होता था। समुद्र में जब इतना सारा सोना है तो उसे निकाला क्यों नहीं जा रहा? दरअसल, इसमें कई बड़ी प्रैक्टिकल दिक्कतें हैं। 

क्यों नहीं निकला ये खजाना? 

समंदर के किस हिस्से में कितना सोना जमा होगा। इसका पता लग भी जाए तो भी उतनी गहराई तक जाना आसान नहीं। अगर गहराई तक पहुंच जाएं तो सोना तली पर पड़ा हो, ये जरूरी नहीं। हो सकता है कि वो किसी बड़े पत्थर के नीचे दबा हो या उस पर कोई कोरल रीफ बन चुकी हो। ऐसे में उसे निकालने के लिए खुदाई करनी होगी। ये सारा प्रोसेस कितना समय लेगी, ये नहीं पता। उतनी देर समुद्र में मीलों भीतर रहना मुमकिन नहीं।

ऑयल मार्केट को सऊदी अरब का ‘लॉलीपॉप’, भारत को लगेगा झटका!

रियाद। सऊदी अरब के नेतृत्व वाले तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक प्लस ने तेल उत्पादन में भारी कटौती की घोषणा की है। सऊदी ने कहा है कि वह जुलाई में 10 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करेगा। इसके बाद से ही एशियाई तेल बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। ओपेक प्लस ने यह भी कहा है कि 2024 में तेल उत्पादन में कटौती के इस लक्ष्य को बढ़ाकर 14 लाख बैरल प्रतिदिन कर दिया जाएगा। 

ओपेक प्लस का दुनिया के कच्चे तेल में 40% हिस्सा है और इसके फैसलों का कीमतों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। ओपेक प्लस 13 तेल उत्पादक देशों का संगठन है, जिसमें सऊदी अरब, यूएई, रूस, ईरान, इराक, कुवैत आदि देश शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक तेल उत्पादन में कटौती का असर सोमवार को एशियाई बाजार में भी दिखा और ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 2.4% की वृद्धि हुई और यह 77 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।  

oil production | Sach Bedhadak

प्रतिदिन 10 लाख बैरल कटौती संभव 

सऊदी अरब ने पांच लाख बैरल प्रतिदिन और इराक ने 2 लाख 11 हजार बैरल की कटौती की थी। इससे कोई स्थाई सुधार देखने को नहीं मिला। इसे देखते हुए ओपेक प्लस ने एक बार फिर तेल की कीमतों को बढ़ाने का फै सला किया है। रविवार को सऊदी ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो 10 लाख बैरल प्रति दिन तेल उत्पादन में कटौती को जुलाई के बाद के महीनों में भी जारी रखा जा सकता है। यह बाजार स्थिर रखने के लिए एक सऊदी लॉलीपॉप है।

भारत पर असर 

सऊदी अरब का यह कदम आने वाले महीनों में तेल की कीमतें बढ़ाएगा और मांग में अनिश्चितता पैदा करेगा। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और इसकी अर्थव्यवस्था तेल पर आधारित है। अगर तेल उत्पादन कम होगा तो बाजार में तेल की कीमतें बढ़ेंगी। तेल की कीमतें बढ़ने से भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो सकती है। आशंका है कि इस कटौती से भारत सहित विश्व के कई देशों में महंगाई और बढ़ सकती है।

Vivo T2 5G First Impression in Hindi: पिछले मॉडल पर बड़ा अपग्रेड?

Vivo T2 5G अब भारत में उपलब्ध है और इसके बेस वेरिएंट की कीमत 20,000 रुपये के अंदर है। निश्चित तौर पर इस प्राइस रेंज में स्मार्टफोन को जबरदस्त प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा। Vivo T1 5G की तुलना में नया स्मार्टफोन कुछ अपग्रेड्स लेकर आता है, जिनमें बेहतर कैमरा सेटअप, फास्ट चार्जिंग, कॉम्पैक्ट डिजाइन और हल्का वजन शामिल है। हालांकि, नया स्मार्टफोन पिछले साल के मॉडल के समान चिपसेट और कम बैटरी क्षमता के साथ आता है।

Vivo T2 5G की बॉडी पॉलीकार्बोनेट से बनी है। स्मार्टफोन का वजन 172 ग्राम है, जो Vivo T1 से 10 ग्राम कम है। वहीं, इसकी मोटाई भी पिछले मॉडल से कम, 7.8mm है। फ्रेम फ्लैट है और किनारों को थोड़ा राउंड बनाया गया है, जिससे इन-हैंड फील थोड़ा बेहतर मिलता है। स्मार्टफोन में दो कलर ऑप्शन मिलते हैं और कंपनी ने रिव्यू के लिए हमें Vivo T2 5G का नाइट्रो ब्लेज वेरिएंट भेजा है, जो काफी चमकदार फिनिश के साथ आता है। इसकी खास बात यह है कि बैक पैनल अलग-अलग एंगल पर रोशनी पड़ने पर नीले से नारंगी रंग में शेड्स बदलता है। पैनल पर यूनिक ग्रेडिएंट पैटर्न दिया गया है। वहीं, आपके पास एक वैलोसिटी वेव कलर ऑप्शन भी है, जो गोल्डन शेड में आता है। 
 Vivo T2 5G में नीचे की तरफ सिंगल स्पीकर दिया गया है, जो एक छोटे कमरे के लिए तो लाउड है, लेकिन बड़े कमरे या आउटडोर में उतना कारगर नहीं लगता है। इसके साथ ही नीचे एक USB Type-C पोर्ट मिलता है और अच्छी बात यह है कि फोन 3.5mm हेडफोन जैक के साथ आता है। फोन के दायीं ओर पावर और वॉल्यूम बटन शामिल हैं, जिनतक एक हाथ से इस्तेमाल करते समय पहुंचना काफी आसान है। टॉप फ्रेम पर, हाइब्रिड-सिम स्लॉट है, जिसमें दो सिम या एक सिम के साथ एक माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए स्टोरेज को बढ़ाया जा सकता है।

Vivo T2 5G में 1080 x 2400-पिक्सल रिजॉल्यूशन के साथ 6.38-इंच का फुल-एचडी+ AMOLED डिस्प्ले मिलता है। स्क्रीन 90Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करती है और Vivo का दावा है कि इसमें 360Hz टच सैंपलिंग रेट और 1300 nits की पीक ब्राइटनेस मिलती है। डिस्प्ले के टॉप सेंटर में एक छोटा वाटरड्रॉप स्टाइल नॉच शामिल है, जो आज के समय में फोन को थोड़ा आउटडेटेड लुक देता है। टॉप और साइड बेजल्स औसतन मोटे हैं और चिन भी आजकल आने वाले किफायती स्मार्टफोन की तुलना में काफी मोटी है। स्मार्टफोन में इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट स्कैनर मिलता है और साथ ही फेस रिकग्निशन भी शामिल है।
 Vivo T2 5G में Qualcomm Snapdragon 695 SoC दिया गया है, जिसे हम पिछले साल लॉन्च हुए कई स्मार्टफोन, जैसे Vivo T1 5G, iQOO Z6 5G, OnePlus Nord CE 2 Lite 5G, Redmi Note 11 Pro+ 5G आदि में देख चुके हैं। हालांकि, Android 13 पर आधारित Funtouch OS 13 सॉफ्टवेयर के साथ मिलकर T2 5G कैसा परफॉर्म करता है, यह जानने के लिए हमें इसे अच्छी तरह टेस्ट करना होगा।

स्मार्टफोन में डुअल-कैमरा सेटअप मिलता है, जिसे दो बड़े रिंग शेप मॉड्यूल में रखा गया है। सेटअप में ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइजेशन (OIS) सपोर्ट के साथ 64-मेगापिक्सल का प्राइमरी सेंसर शामिल है और एक 2-मेगापिक्सल बोके सेंसर है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग आदि के लिए फोन में 16-मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। हम अपने फुल रिव्यू में Vivo T2 5G पर मौजूद इन कैमरों के बारीकी से किए गए टेस्ट और अनुभव को शेयर करेंगे।
 फोन में 44W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 4,500mAh की बैटरी दी गई है। यहां वीवो ने T1 5G की तुलना में चार्जिंग स्पीड में अच्छा अपग्रेड दिया है, लेकिन बैटरी क्षमता को थोड़ा कम कर दिया है। Vivo T1 5G में 5000mAh बैटरी मिलती है। Vivo का दावा है कि फोन 25 मिनट में शून्य से 50 फीसदी तक चार्ज हो सकता है।

Vivo T2 5G को दो स्टोरेज ऑप्शन में लॉन्च किया गया है। बेस वेरिएंट में 6GB रैम और 128GB स्टोरेज मिलती है, जिसकी कीमत 18,999 रुपये है और टॉप मॉडल में 8GB रैम और 128GB स्टोरेज शामिल है, जिसकी कीमत 20,999 रुपये है। हमारे पास रिव्यू के लिए 6GB रैम वेरिएंट आया है। Vivo T1 5G की तुलना में कंपनी ने नए मॉडल में अच्छा अनुभव देने का प्रयास किया है या क्या आपको इस प्राइस सेगमेंट में मौजूद कई अन्य स्मार्टफोन्स पर नजर डालनी चाहिए, इन सवालों के जवाब के लिए हमारे फुल रिव्यू का इंतजार करें 

IND vs WI : वेस्‍टइंडीज दौरे के लिए 4 प्‍लेयर्स के नाम फाइनल! अब इनकी जगह पर बना बड़ा खतरा

IND vs WI : डब्‍ल्‍यूटीसी फाइनल में हार के बाद आने वाले वक्‍त में टीम इंडिया में बहुत बड़े बदलाव देखने के लिए मिल सकते हैं। कई बड़े नाम और दिग्‍गज खिलाड़ी बाहर होंगे, वहीं युवा प्‍लेयर्स को मौका दिया जाएगा। टीम इंडिया का वेस्‍टइंडीज दौरा अभी करीब एक महीने दूर है, लेकिन उस दौरे के लिए टीम इंडिया कैसी होगी, इसको लेकर अभी से संभावनाएं जताई जाने लगी हैं। ताजा खबर ये है कि विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप के फाइनल में कुछ प्रदर्शन न कर पाने वाले दो प्‍लेयर्स को हो सकता है कि वेस्‍टइंडीज दौरे से बाहर रखा जाए और यहां कुछ और प्‍लेयर्स को मौका देने की बात सामने आ रही है। हालांकि जो प्‍लेयर्स बाहर होंगे, वो आने वाले वक्‍त में वापस नहीं खेल पाएंगे, ऐसा नहीं माना जाना चाहिए। वहीं वेस्‍टइंडीज दौरे पर टीम इंडिया वनडे और टी20 सीरीज भी खेलती हुई नजर आएगी। 

वेस्‍टइंडीज दौरे से चेतेश्‍वर पुजारा और उमेश यादव की हो सकती है छुट्टी 

टीम इंडिया और वेस्‍टइंडीज के बीच होने वाले दो टेस्‍ट मैचों की टीम में चेतेश्वर पुजारा और उमेश यादव हो सकता है कि जगह न मिले। यशस्वी जायसवाल और मुकेश कुमार इन दोनों की जगह लेने की दौड़ में माने जा रहे हैं। यशस्‍वी जायसवाल ने हाल ही में आईपीएल में तो कमाल का प्रदर्शन किया ही है, साथ ही डोमेस्टिक क्रिकेट में भी उनके अच्‍छे नंबर हैं। भारत का वेस्ट इंडीज का एक महीने का दौरा होगा, जहां 12 जुलाई से टेस्ट सीरीज शुरू होगी। इसके बाद तीन वनडे और पांच टी20 मैच होंगे, जिसमें हार्दिक पांड्या की कप्तानी में एक पूरी तरह से नई टीम नजर आएगी, खास तौर पर आईपीएल के ज्‍यादातर खिलाड़ी इसमें दिखाई देंगे। पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक दो कमजोर कड़ी चेतेश्‍वर पुजारा और उमेश यादव नजर आ रहे हैं, जो लंबे समय से खराब प्रदर्शन कर रहे हैं। पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता देवांग गांधी ने पीटीआई से कहा है कि यशस्वी जायसवाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार हैं। उन्होंने रणजी, ईरानी और दलीप ट्रॉफी में दोहरा शतक बनाया है। उन्‍हें पर्याप्त मौके दिए जाने पर तैयार किया जा सकता है। 

क्या रोहित दो साल तक टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे
केएल राहुल की जांघ की सर्जरी से वापसी की कोई तारीख अभी तक तय नहीं है। लेकिन सवाल ये है कि क्या कप्तान रोहित शर्मा अपने मौजूदा फॉर्म और फिटनेस को देखते हुए दो साल और टेस्ट क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। यानी जब अगला विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप का फाइनल साल 2025 में खेला जाएगा, तब तक वे खेल सकते हैं। एक और सवाल यह है कि अगर चेतेश्‍वर पुजारा को बाहर कर दिया जाता है तो अगले एक साल में उप-कप्तान के रूप में कौन बेहतर होगा क्योंकि वेस्टइंडीज एक ऐसी टेस्ट टीम है जिसके खिलाफ एक युवा खिलाड़ी आसानी से शुरुआत कर सकते हैं 

रिंकू, जितेश टी20I में टीम इंडिया में कर सकते हैं एंट्री 
वेस्‍टइंडीज दौरे पर टीम इंडिया पांच टी20 मुकाबले भी खेलती हुई नजर आएगी, जिसकी कप्‍तानी हार्दिक पांड्या करते हुए नजर आएंगे।  T20I टीम पूरी तरह से IPLके प्रदर्शन के आधार पर तय की जाएगी, इसमें ज्‍यादा शक नहीं होना चाहिए। रिंकू सिंह और जितेश शर्मा जैसे खिलाड़ियों से टीम में जगह बनाने की उम्मीद की जा सकती है, क्योंकि टीम में फिनिशरों की कमी है। रुतुराज गायकवाड़ की वापसी और यशस्वी जायसवाल की टीम में एंट्री होने से टीम काफी मजबूत बन जाएगी, वहीं मोहित शर्मा  ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उससे पूरीसंभावना है कि वे टीम इंडिया में वापसी कर सकते हैं।