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August 2023

August 19, 2023

देश को आगे ले जाने में शेखावाटी का महत्वपूर्ण योगदान-राज्यपाल राज्यपाल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर के संविधान पार्क का किया लोकार्पण

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि देश की प्रगति में शेखावाटी का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की इस प्रतिष्ठित एवं वीरों की भूमि […]
August 19, 2023

भारत विज्ञान के बल पर विश्वगुरू —राज्यपाल राज्यपाल ने सांईस इंडिया मैगजीन का किया विमोचन सोभासरिया में प्रो. एस.एन. बोस के योगदान पर कार्यक्रम का आयोजन

सीकर जिले के सोभासरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शनिवार को ”वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान: प्रो. एस.एन. बोस“ विषय पर कार्यक्रम […]
August 19, 2023

वर्दी का गलत उपयोग करने वाले SHO को किया सस्पेंड, जमीन मामले में गलत कार्रवाई करने पर मिली सजा

कहते हैं कानून सबके लिए बराबर होता हैं फिर वो चाहे आम पब्लिक हो या फिर खुद वर्दी वाले । कानून की किताब मे हमारे देश […]
August 19, 2023

कांग्रेस ने विधानसभा प्रत्याशियों के चयन प्रकिया का किया कम शुरू ,24 अगस्त से चयन समिति के दो-दो सदस्यों का ग्रुप जिलों के दौरे पर

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन को लेकर पहली बैठक हुई है । इस बैठक में फैसला किया गया […]
August 19, 2023

गुजरात के विकास मॉडल और यूपी के लॉ एंड ऑर्डर के अनुभव को प्रदेश की जनता से साझा करेंगे प्रवासी विधायकः-राजेन्द्र राठौड

बीजेपी के आठ दिवसीय अल्प प्रवासी योजना के तहत शनिवार को जयपुर में प्रवासी विधायकों की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान प्रदेश प्रभारी […]
August 19, 2023

कांग्रेस पार्टी ने गुर्जर समाज के नाम पर वोट माँग कर समाज को धोखा देने का काम किया है : डॉ अलका गुर्जर

भारतीय जानता पार्टी द्वारा गुर्जर समाज का पार्टी में प्रतिनिधित्व बढ़ाने पर सर्व गुर्जर समाज के नेताओ ने पार्टी का अभिनंदन किया।तोतुका भवन जयपुर में गुर्जर […]
August 19, 2023

कांग्रेस ने सत्ता के लिए जिसका चेहरा आगे किया, उसको बाद में नाकारा निकम्मा और गद्दार कहकर अलग थलग किया : सीपी जोशी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने आज तोतुका भवन में गुर्जर समाज के आभार और अभिनंदन कार्यक्रम में सम्मिलित होकर समाज के व्यक्तियों और जन प्रतिनिधियों […]
August 19, 2023

चंबल विश्वविद्यालय के सपने के लिए डॉ. डी.पी. शर्मा ने कहा- सरकार करे पहल तो उच्च शिक्षा हेतु हरसंभव मदद

राजाखेडा़,अंतरराष्ट्रीय डिजिटल डिप्लोमेट एवं प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन के ब्रांड एंबेसडर डॉ डी.पी. शर्मा एक दिवसीय प्रवास के लिए राजाखेड़ा स्थित अपने पुश्तैनी गांव समोना पहुंचे […]
August 18, 2023

मुख्य सचिव ने ली जयपुर में होने वाली ‘ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट वर्किंग ग्रुप’ एवं ‘ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट मिनिस्टीरियल मीटिंग’ के सफल आयोजन को लेकर समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने शुक्रवार को सचिवालय में जी—20 सम्मेलन के अंतर्गत स्थानीय रामबाग पैलेस में 21 एवं 22 अगस्त को आयोजित होने वाले ‘ट्रेड […]
August 18, 2023

राजीविका ‘सखी सम्मेलन‘- राजीविका समूहों से जुड़ी महिलाएं निभा रहीं- प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका: मुख्यमंत्री – समर्थ सखी योजना, इंदिरा रसोई योजना-ग्रामीण, एकीकृत खेती क्लस्टर कार्यक्रम और डिजिटल सखी योजना का शुभारम्भ – राजीविका से जुड़ी महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं – 702 करोड़ राशि के चेक किये प्रदान – सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाली महिलाओं का हुआ सम्मान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजीविका जैसे कार्यक्रमों से महिलाओं का सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व कार्यकाल में अजमेर […]
August 18, 2023

माइनिंग सेक्टर है आधुनिक सभ्यता की रीढ़ , टेक्नोलोजिकल एडवासंमेंट, एनर्जी सिक्योरिटी और इकोनोमिकल ग्रोथ में माइनिंग की प्रमुख भूमिका – अतिरिक्त मुख्य सचिव, माइंस व पेट्रोलियम

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस व पेट्रोलियम वीनू गुप्ता ने कहा है कि माइनिंग सेक्टर की भूमिका और अहमियत को इसी से समझा जा सकता है कि […]
August 18, 2023

टायर वेस्ट प्रबंधन के साथ ईपीआर लक्ष्यों की प्राप्ति में नए आयाम होंगे स्थापित : अध्यक्ष, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल -कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी

राजस्थान में बढ़ती वाहनों की संख्या के साथ टायर वेस्ट का समुचित निस्तारण एक बड़ी समस्या नजर आ रही थी जिसको मध्यनजर रखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं एनजीटी व सीपीसीबी द्वारा समय समय पर उचित दिशा निर्देश जारी किये जाते रहे साथ ही आम जन के साथ हितधारकों के हितों को सर्वोपरि रख कर प्रदूषण नियंत्रण एवं अपशिष्ट निस्तारण की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष श्री शिखर अग्रवाल ने कहा कि वाहनों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप टायर कचरे के उत्पादन के साथ, ऐसी टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को सक्षम और प्रोत्साहित करना समय की मांग है जो प्रदूषण का कारण नहीं बनती हैं। आरएसपीसीबी ने तदनुसार कुछ चेतावनियों के साथ निरंतर प्रक्रिया के बाद नई टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना और कंटीन्यूअस बैच  प्रकार की मौजूदा इकाइयों के रूपांतरण की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आशा है कि इस निर्णय से न केवल टायर प्रसंस्करण इकाइयों में तत्काल निवेश और टायर कचरे का उचित निपटारा हो सकेगा, बल्कि ईपीआर लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति  भी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान हितधारकों, सीपीसीबी एवं गहन रिसर्च के पश्चात् यह निर्णय लिया है जिससे उम्मीद यही है कि निश्चित तौर पर टायर वेस्ट का उचित निस्तारण हो सकेगा साथ ही आर्थिक मूल्यों में भी वृद्धि हो सकेगी। इसी के साथ अवैध रेसाइक्लर्स पर भी नजर रखी जा सकेगी। -कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव श्री विजय एन द्वारा जारी आदेशानुसार राज्य में  स्थापित/संचालित करने  की सहमति केवल निरंतर प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों को दी जाएगी, न कि बैच प्रक्रिया पर चलने वाली इकाइयों को। वहीं बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए सहमति के नवीनीकरण के लिए ऐसी इकाइयों को केवल निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों के भीतर ही अनुमति दी जाएगी वहीँ ऐसी इकाइयों को  गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों, नॉन अटेन्मेंट शहर  (अलवर, कोटा, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर) और राज्य के एनसीआर उप क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए नवीनीकरण की सहमति इस शर्त पर दी जाएगी कि इकाई को 31.12.2025   तक कंटीन्यूअस प्रक्रिया में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सतत रूप से निगरानी रखने के साथ किसी विशेष क्षेत्र में ऐसी इकाइयों के संकेन्द्रण को प्रतिबंधित कर सकेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में 2012 के बाद कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना पर आगामी आदेशों तक  प्रभावी रोक लगा दी गयी थी। जिसके पश्चात एनजीटी ने सीपीसीबी को एनईईआरआई और आईआईटी, दिल्ली की भागीदारी के साथ अध्ययन करने का निर्देश दिया था ताकि अध्ययन के नतीजे के आधार पर यह निर्णय लिया जा सके कि मौजूदा बैच  या एडवांस बैच स्वचालित या केवल कंटीन्यूअस इकाइयों को अनुमति दी जाए या नहीं। जिसके पश्चात् एनजीटी एवं  सीपीसीबी के निर्देशानुसार  टायर वेस्ट के समुचित निस्तारण की समस्या एवं प्रदूषण नियंत्रण के साथ ईपीआर( एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) को मध्यनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया। उक्त सम्बन्ध में विस्तृत आदेश के साथ एसओपी जारी कर दी गयी है।        राजस्थान में बढ़ती वाहनों की संख्या के साथ टायर वेस्ट का समुचित निस्तारण एक बड़ी समस्या नजर आ रही थी जिसको मध्यनजर रखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल एवं एनजीटी व सीपीसीबी द्वारा समय समय पर उचित   दिशा निर्देश जारी किये जाते रहे साथ ही आम जन के साथ हितधारकों के हितों को सर्वोपरि रख कर प्रदूषण नियंत्रण एवं   अपशिष्ट निस्तारण की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे है। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष शिखर अग्रवाल ने कहा कि वाहनों की बढ़ती संख्या के परिणामस्वरूप टायर कचरे के उत्पादन के साथ, ऐसी टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को सक्षम और प्रोत्साहित करना समय की मांग है जो प्रदूषण का कारण नहीं बनती हैं। आरएसपीसीबी ने तदनुसार कुछ चेतावनियों के साथ निरंतर प्रक्रिया के बाद नई    टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना और कंटीन्यूअस बैच  प्रकार की मौजूदा इकाइयों के रूपांतरण की अनुमति देने का निर्णय लिया है। आशा है कि इस निर्णय से न केवल टायर प्रसंस्करण इकाइयों में तत्काल निवेश और टायर कचरे का  उचित निपटारा हो सकेगा, बल्कि ईपीआर लक्ष्यों की शीघ्र प्राप्ति  भी होगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान हितधारकों, सीपीसीबी एवं गहन रिसर्च के पश्चात् यह निर्णय लिया है जिससे उम्मीद यही है कि निश्चित तौर पर टायर वेस्ट का उचित     निस्तारण हो सकेगा साथ ही आर्थिक मूल्यों में भी वृद्धि हो सकेगी। इसी के साथ अवैध रेसाइक्लर्स पर भी नजर रखी जा सकेगी। -कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना को दी गई मंजूरी राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सदस्य सचिव विजय. एन द्वारा जारी आदेशानुसार राज्य में  स्थापित/ संचालित करने  की सहमति केवल निरंतर प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों को दी जाएगी, न कि बैच प्रक्रिया पर    चलने वाली इकाइयों को। वहीं बैच प्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए सहमति के नवीनीकरण के लिए ऐसी इकाइयों को केवल निर्दिष्ट औद्योगिक क्षेत्रों के भीतर ही अनुमति दी जाएगी वहीँ ऐसी इकाइयों को  गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों, नॉन अटेन्मेंट शहर  (अलवर, कोटा, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर) और राज्य के NCR उप क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जाएगी। साथ ही बैचप्रक्रिया पर टायर पायरोलिसिस इकाइयों के संचालन और प्राधिकरण के लिए नवीनीकरण की सहमति इस शर्त पर दी जाएगी कि इकाई को 31.12.2025   तक कंटीन्यूअस क्रिया में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल सतत रूप से निगरानी रखने के साथ किसी विशेष क्षेत्र में ऐसी इकाइयों के संकेन्द्रण को प्रतिबंधित कर सकेगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में 2012 के बाद कंटीन्यूअस प्रकार की टायर पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना पर आगामी आदेशों तक  प्रभावी रोक लगा दी गयी थी। जिसके पश्चात एनजीटी ने सीपीसीबी को एनईईआरआई और आईआईटी, दिल्ली की भागीदारी के साथ अध्ययन करने का निर्देश दिया था ताकि अध्ययन के नतीजे के आधार पर यह निर्णय लिया जा सके कि मौजूदा बैच  या एडवांस बैच स्वचालित या केवल कंटीन्यूअस इकाइयों को अनुमति दी जाए या नहीं। जिसके पश्चात्   एनजीटी एवं  सीपीसीबी के निर्देशानुसार  टायर वेस्ट के समुचित निस्तारण की समस्या एवं प्रदूषण नियंत्रण के साथ ईपीआर( एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी) को मध्यनजर रखते हुए यह निर्णय लिया गया। उक्त सम्बन्ध में विस्तृत    आदेश के साथ एसओपी जारी कर दी गयी है।