Home राजनीति जलदाय मंत्री चौधरी जल भवन में शुक्रवार को500 एवं विभाग के प्रदेशभर के संस्थानों सहित कार्यालय में 1 लाख पौधे लगाने के अभियान की पौधारोपण कर करेंगे शुरुआत

जलदाय मंत्री चौधरी जल भवन में शुक्रवार को500 एवं विभाग के प्रदेशभर के संस्थानों सहित कार्यालय में 1 लाख पौधे लगाने के अभियान की पौधारोपण कर करेंगे शुरुआत

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प्रदेश में जल संरक्षण व हरियाली क्षेत्र को बढ़ाने के उद्देश्य से जलदाय मंत्री कन्हैयालाल द्वारा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में शुक्रवार को प्रातः 10:00 बजे पौधारोपण किया जाएगा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग में लगभग 500 छायादार एवं फलदार पौधे लगाए जाएंगे साथ ही विभाग के राजस्थान भर  के संस्थानों एवं कार्यालयों में एक लाख पौधे लगाने के अभियान के तहत पौधारोपण की शुरुआत की जाएगी। 

राज्य में गिरते हुए भूजल स्तर, पेयजल गुणवत्ता, जल सुरक्षा, जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन एवं वृक्षारोपण कार्यों की राज्य स्तरीय कार्य-योजना तैयार करने के लिए 5 जुलाई शुक्रवार को एक दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन जल भवन में किया जाएगा। साथ ही जलदाय मंत्री द्वारा एयू  स्मॉल फाइनेंस बैंक के सहयोग से नीर निधि निर्माण के तहत जल भवन में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास किया जाएगा।

जलदाय सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि सेमिनार मे प्रदेश में जल के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं के करीब 60 से 70 प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा। सेमिनार में जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण कार्य हेतु विस्तृत कार्य योजना जन भागीदारी से बनाए जाएगी।सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में पदमश्री लक्ष्मण सिंह लापोडिया, पदमश्री हिमताराम नागौर,  प्रोफेसर मनोहर सिंह राठौड़, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हेल्थ मैनेजमेंट रिसर्च, भौरूका चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रतिनिधि, यूनिसेफ, यूनोप्स, इनरैम फाउंडेशन, नेशनल जल जीवन मिशन के अंतर्गत कार्यरत की-रिसोर्स सेंटर के प्रतिनिधि गण, एमएनआईटी के प्रोफेसर, जे.एन.आई.टी. के प्रोफेसर, एलएसजी के प्रतिनिधि, अर्पण सेवा संस्थान के प्रतिनिधि, सामाजिक आर्थिक विकास संस्थान, सृष्टि सेवा संस्थान, राजस्थान हुमन केयर फाउंडेशन, प्रेरणा संस्थान, जीनस संस्थान, ग्रामोदय सामाजिक संस्थान, स्टूडेंट रिलीफ सोसायटी, वाणी संस्थान, जयपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, सेल्फ डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, ममता संस्थान, एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाएगा। साथ ही 30 से 40 अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि/विषेषज्ञ ऑनलाइन लिंक के माध्यम से इस सेमिनार से जुड़ेंगे। सेमिनार में विशेषज्ञों के द्वारा प्रेजेंटेशन एवं ग्रुप डिस्कशन के माध्यम से राज्य की जल संरक्षण योजना का प्रारूप तैयार किया जाएगा। 

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