राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ ने डिकॉय कार्रवाई कर भ्रूण लिंग जांच के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए एक महिला दलाल नैहना पत्नी अशोक कुमार शर्मा, निवासी नाथूसर, अलवर को गिरफ्तार किया है। साथ ही भ्रूण लिंग जांच के नाम पर ली गई राशि के हुबहू नोट भी बरामद भी किए हैं।
अध्यक्ष राज्य समुचित प्राधिकारी पीसीपीएनडीटी एवं मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि मुखबिर के माध्यम से शाहपुरा, विराटनगर, थानागाजी जिले के आसपास के इलाकों में एक अज्ञात गिरोह द्वारा गर्भवती महिलाओं की भ्रूण लिंग जांच किए जाने की सूचना प्राप्त हो रही थी। उन्होंने बताया कि सूचना की पुष्टि के बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पीसीपीएनडीटी सतवीर सिंह के नेतृत्व में एक डिकॉय दल का गठन किया गया।
डॉ. सोनी ने बताया कि एक दलाल नैहना देवी ने डिकॉय गर्भवती महिला एवं सहयोगी से बातचीत कर 25 हजार में भ्रूण लिंग जांच करवाने की बात कही। इसके बाद दलाल नैहना देवी ने डिकॉय गर्भवती को विराटनगर के बस स्टैंड पर बुलाया। वहां से अपनी गाड़ी में डिकॉय गर्भवती को शाहपुरा लेकर गई और राजकीय चिकित्सालय से गर्भवती महिला की पर्ची बनवा कर सोनोग्राफी लिखवा कर हॉस्पिटल के सामने संचालित निजी सोनोग्राफी सेंटर में लेकर आयी।
नियम अनुसार समस्त दस्तावेज जमा करवा कर सामान्य तरीके से सोनोग्राफी करवाई गई। वहां से बाहर आकर गर्भवती महिला व सहयोगी महिला को भ्रूण लिंग परीक्षण के बारे में जानकारी दी। निरीक्षण दल ने सोनोग्राफी सेंटर के दस्तावेज जांच किए, जोकि सही पाए गये। आरोपी महिला दलाल नैहना देवी से पूछताछ में उसने कबूल किया कि मैंने मनगढ़ंत तरीके से भ्रूण लिंग परीक्षण की जानकारी देकर राशि ली है। जिस पर निरीक्षण दल ने तलाशी में 24500 के हू-ब-हू नंबरी नोट बरामद किए।
इस डिकॉय कार्यवाही में हेड कॉन्स्टेबल चंद्रभान, कैलाश चंद, कॉन्स्टेबल नरेंद्र कुमार, मुकेश, कांस्टेबल शानू, पीसीपीएनडीटी समन्वयक, सीकर नंदलाल पूनिया, जयपुर समन्वयक बबीता चौधरी व मनीषा शर्मा शामिल थे।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि नवसृजित जिलों में स्वतंत्रता दिवस पर भव्य आयोजन कर कार्यक्रमों में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों में नवगठित जिले को लेकर एक संदेश जाएगा और उन्हें लगेगा कि जिले में पूरी सक्रियता से कार्य शुरू हो गया है।
मुख्य सचिव शुक्रवार को शासन सचिवालय में वीसी के माध्यम से नवसृजित जिलों के कलक्टर्स के साथ आयोजित पहली समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि नवसृजित जिलों में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 14 से 16 अगस्त तक आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा गाइडलाइन जारी की गई है, जिसकी शत— प्रतिशत पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि आयोजन को भव्य एवं आकर्षक बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम, राजकीय भवनों एवं सार्वजनिक स्थलों पर रोशनी, आतिशबाजी तथा फ्रेंडली स्पोर्ट्स मैच आदि का आयोजन किया जाए। साथ ही, एट होम कार्यक्रम आयोजित कर उसमें क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों को आमंत्रित किया जाए। उन्होंने स्वाधीनता दिवस मुख्य समारोह में पुलिस बैण्ड की प्रस्तुति, मार्च पास्ट, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का समावेश करने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने जिला कलक्टर्स से आयोजन की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी ली तथा कार्यक्रमों में विद्यार्थियों, लोक कलाकारों एवं आमजन की अधिकाधिक भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने जिला कलक्टर्स को प्रत्येक जिले में नई पहल कर नवाचार करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर्स ने अवगत कराया कि आयोजन के सम्बन्ध में अधिकांश तैयारियां पूर्ण की जा चुकी हैं और अब तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आमजन में इस आयोजन को लेकर बहुत उत्साह है।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का विशेष फोकस अब नवसृजित जिलों पर है। उन्होंने कलक्टर्स को राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक खेल, इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना एवं 15 अगस्त से शुरू होने जा रही मुख्यमंत्री नि:शुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना सहित राज्य सरकार की समस्त योजनाओं की समुचित क्रियान्विति और बेहतर आपसी समन्वय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नवीन जिलों में कलक्टर्स के समक्ष आ रही दिक्कतों का सम्बन्धित विभागों के उच्च अधिकारियों से तत्काल निराकरण भी करवाया।
मुख्य सचिव ने प्रमुख विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव को इन जिलों में तत्काल जिला स्तरीय अधिकारी एवं स्टाफ नियुक्त किये जाने के निर्देश दिये, ताकि आमजन के कार्य सुगमता से हो सकें।
बैठक में राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव अपर्णा अरोड़ा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। जबकि, प्रमुख विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव एवं शासन सचिव वीसी के माध्यम से जुड़े।
मानसून की कमी के कारण राजस्थान में भी अन्य राज्यों की भांति विद्युत की मांग लगातार बढ़ रही है। विद्युत की लगातार बढती मांग के कारण से विद्युत उपलब्धता में राष्ट्रीय स्तर पर कमी हो गई है और विद्युत उपलब्धता हेतु सभी राज्यों की एनर्जी एक्सचेंज पर निर्भरता बढ़ गई है। एनर्जी एक्सचेंज पर निर्भरता बढ़ने के फलस्वरूप एक्सचेंज से पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाने की वजह से विद्युत आपूर्ति में व्यवधान आ रहा है।
प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स भास्कर ए. सावंत ने बताया कि राज्य में वर्तमान में विद्युत की औसत खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन से भी अधिक हो गई है। विद्युत की अधिकतम मांग करीब 16000 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर 205977 मेगावाट तक दर्ज हुई है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की छबड़ा तापीय संयंत्र की 02 इकाईयां (910 मेगावाट) वार्षिक रखरखाव हेतु बन्द है। इसके अतिरिक्त कोटा तापीय संयंत्र की 01 (210 मेगावाट), सूरतगढ़ तापीय संयंत्र की 02 (910 मेगावाट) एवं छबड़ा तापीय संयंत्र की 01 (250 मेगावाट) इकाईयां अचानक तकनीकी खराबी आने की वजह से बन्द है जो कि सभंवतया 13 से 15 अगस्त तक उत्पादन प्रारम्भ कर देगी। इसके साथ ही देश के दक्षिणी राज्यों में स्थित महत्वपूर्ण तापीय संयंत्र जैसे कूडगी, कोस्टल एनर्जीन, वेल्लारी की कुछ इकाईयां बन्द है तथा पवन ऊर्जा के उत्पादन में भी लगभग 38 प्रतिशत की कमी आई है।
भास्कर ए. सावंत ने बताया कि मानसून में कमी की वजह से विद्युत की बढती मांग व कुछ इकाइयां बन्द होने एवं पवन ऊर्जा के उत्पादन में कमी और एक्सचेंज से पर्याप्त बिजली नहीं मिल पाने की वजह से राज्य में विद्युत व्यवस्था बनाये रखने हेतु आगामी सप्ताह में औद्योगिक व नगर पालिका क्षेत्र तथा जिला मुख्यालय पर घोषित कटौती के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेषकर रात्रि के समय एक से डेढ़ घंटे की विद्युत कटौती संभावित है। उन्होंने बताया कि विद्युत की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रयास किये जा रहे है।
राज्य सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं एवं नीतियों का लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देर्शों के परिणामस्वरूप प्रदेश में बजट घोषणाओं का समयबद्ध रूप से धरातल पर क्रियान्वयन सुनिश्चित हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस वित्तीय वर्ष के शुरूआती चार माह 10 दिन में ही वर्ष 2023-24 के बजट की 50 प्रतिशत से अधिक घोषणाओं का धरातल पर क्रियान्वयन किया जा चुका है।
इस बजट में कुल 1,426 घोषणाएं की गई थीं, जिनमें से 722 का धरातल पर क्रियान्वयन किया जा चुका है, जो कि कुल घोषणाओं का 50.63 प्रतिशत है। शेष घोषणाओं में से 362 (25.4 प्रतिशत) बजट घोषणाओं से संबंधित स्वीकृतियां जारी हो चुकी हैं। वहीं, 324 (22.7 प्रतिशत) बजट घोषणाओं को धरातल पर लाने की दिश में प्रारम्भिक स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दृढ़ मान्यता है कि सरकार की किसी भी योजना अथवा घोषणा की सार्थकता तभी है जबकि उसका लाभ आमजन तक समय से पहुंचे। इसमें किसी भी प्रकार की देरी से जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाने का उद्देश्य खत्म हो जाता है। इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री ने सभी विभागों के उच्चाधिकारियों को बजट घोषणाओं की क्रियान्विति के निर्देश दिए हैं। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2019-20 से वर्ष 2022-23 के चार वित्तीय वर्षों की भी 91.14 प्रतिशत बजट घोषणाएं सफलतापूर्वक क्रियान्वित की गई हैं। इन चार बजट में कुल 2,722 घोषणाएं की गई थीं जिनमें से 2,481 को धरातल पर लागू किया जा चुका है। शेष में से 139 घोषणाओं (5.1 प्रतिशत) की स्वीकृतियां जारी कर दी गई हैं तथा 95 घोषणाओं (3.5 प्रतिशत) में कार्य प्रारंभ किया जा चुका है।
वर्तमान राज्य सरकार द्वारा 5 बजट में अब तक कुल 4,148 बजट घोषणाएं की गई हैं जिसमें से 3,203 (77.21) घोषणाओं का क्रियान्वयन हो चुका है। इसका तात्पर्य है कि प्रत्येक 100 में से 77 अर्थात तीन चौथाई से अधिक घोषणाओं को धरातल पर लागू किया जा चुका है।
इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना के पहले चरण के तहत लाभार्थियों को स्मार्ट फोन प्राप्त करने के लिए कतार में नहीं लगना होगा, बल्कि सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से प्रत्येक पात्र लाभार्थी को जन आधार से पंजीकृत मोबाइल पर कॉल एवं मैसेज कर पूरी जानकारी दी जाएगी।
जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने बताया कि योजना के पहले चरण के तहत आगामी 30 सितंबर तक जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण जिले में कुल 22 स्थानों पर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिला मुख्यालय पर 6 शिविर तो वहीं, 16 शिविरों का आयोजन पंचायत समिति मुख्यालय पर किया जा रहा है।
जयपुर में इन केन्द्रों पर आयोजित होंगे शिविर
शिविर आयोजन क्षेत्र शिविर आयोजन का स्थान
नगर निगम हैरिटेज चौगान स्टेडियम, गणगौरी बाजार, जयपुर
नगर निगम हैरिटेज सामुदायिक केन्द्र, लक्ष्मीनारायणपुरी, किशनपोल, जयपुर
नगर निगम हैरिटेज महारानी कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, बनीपार्क, जयपुर
नगर निगम हैरिटेज अम्बेडकर भवन, रोटरी सर्किल, ट्रांसपोर्ट नगर, जयपुर
नगर निगम ग्रेटर सामुदायिक भवन, सेक्टर-3, मालवीय नगर, जयपुर
नगर निगम ग्रेटर सामुदायिक भवन, हनुमान नगर विस्तार, वैशाली नगर, जयपुर
जयपुर ग्रामीण में इन केन्द्रों पर आयोजित होंगे शिविर
केन्द्र स्थल शिविर आयोजन का स्थान
आमेर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, लबाना
बस्सी पंचायत समिति बस्सी
चाकसू बैठक भवन, पंचायत समिति, चाकसू
गोवन्दिगढ़ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्याालय, चौमूं रेलवे स्टेशन
जालसू राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, रामपुरा डाबड़ी
जमवारामगढ़ नया ग्राम पंचायत भवन, जमवारामगढ़
झोटवाड़ा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कालवाड़
जोबनेर एसकेएन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, जोबनेर
सांभर शहीद भगवान सिंह उच्च माध्यमिक विद्यालय, त्योद, सांभरलेक
सांगानेर राजीव गांधी सेवा केन्द्र, मुहाना
शाहपुरा राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विद्यालय, शाहपुरा
आंधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, आंधी
किशनगढ़-रेनवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, पचकोड़िया
कोटखावदा राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, कोटखावदा
माधोराजपुरा राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, मोधोराजपुरा
तुंगा तहसील परिसर, तुंगा
प्रथम चरण में इन लाभार्थियों को मिलेगा लाभ
कलक्टर ने बताया कि पहले चरण में सरकारी विद्यालयों में 9वी से 12वीं कक्षा में अध्ययनरत छात्राओं, सरकारी उच्च शिक्षण संस्थान में अध्ययनरत छात्राओं, विधवा, एकल नारी पेंशन प्राप्त कर रही महिलाओं, वर्ष 2022-23 में मनरेगा में 100 कार्य दिवस पूर्ण करने वाले वाले परिवार की महिला मुखियाओं, एवं वर्ष 2022-23 में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 50 कार्य दिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की महिला मुखिया को स्मार्ट फोन की सौगात दी जाएगी।
हैंडसेट चयन का मिलेगा विकल्प, एमआरपी पर छूट भी मिलेगी
योजना के तहत लाभार्थियों को हैंडसेट चयन का विकल्प मिलेगा, जिससे वे 3 नामी मोबाइल कंपनियों के 5 तरह के हैंडसेट में से अपने पसंदीदा मॉडल का हैंडसेट चुन सकेंगी। इतना ही नहीं कंपनियों के हैंडसेट पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य पर 30 फीसदी की छूट भी मिलेगी।
लाभार्थी को ये दस्तावेज लाने होंगे साथ
कलक्टर ने बताया कि लाभार्थी को शिविर में आते समय अपने साथ अपना जनाधार कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड तथा जनाधार कार्ड में दर्ज मोबाइल फोन लाना आवश्यक होगा। अध्ययनरत छात्रायें अपने साथ आईडी कार्ड/एनरोलमेंट कार्ड, विधवा नारी को पीपीओ साथ लाने होंगे।
स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन और रविवार को अवकाश
कलक्टर ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन एवं रविवार के अलावा जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण जिले के सभी 22 शिविरों पर प्रतिदिन सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक प्रत्येक शिविर में 200-200 लाभार्थियों को स्मार्ट फोन वितरित किया जाएगा। किस लाभार्थी को किस दिन किस समय किस शिविर में आना है इसकी सूचना लाभार्थी के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर कॉल एवं मैसेज द्वारा दी जाएगी।
यह है स्मार्ट फोन प्राप्त करने की प्रक्रिया
शिविर में आईजीएसवाई पोर्टल पर लाभार्थी का ई-केवाईसी किया जायेगा। पोर्टल पर लाभार्थी का जनाधार नम्बर डालकर उसके विवरणों को सत्यापित किया जायेगा, सत्यापित होने की दशा में लाभार्थी द्वारा अपने साथ लाये गये मोबाइल फोन पर जनाधार ई-वॉलेट इंस्टॉल किया जायेगा।
इसके बाद लाभार्थी के पैन कार्ड का विवरण आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज करने के बाद तीन प्रकार के फॉर्म प्रिन्ट करके उसे दिये जायेंगे। इसके बाद लाभार्थी इन फॉर्म को लेकर मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के काउंटर पर जाकर सिम का एवं डाटा प्लान का चयन करेगा, इसके बाद मोबाइल कंपनी के काउंटर पर जाकर अपनी इच्छा अनुसार मोबाइल फोन का चयन करेगा।
इस सब के बाद भरे हुए फॉर्म्स को लेकर अंतिम काउंटर पर जायेगा जहां उपस्थित कार्मिक उसके फॉर्म में अंकित सूचनायें एवं लाभार्थी द्वारा प्रस्तुत समस्त दस्तावेजों को स्कैन कर आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज एवं अपलोड करेगा ।
यह प्रक्रिया पूरी होते ही लाभार्थी द्वारा लाये गये फोन में पूर्व में इंस्टॉल किये गये ई-वॉलेट में राज्य सरकार द्वारा कुल 6800 रूपये हस्तांतरित कर दिये जायेंगे। इस राशि का उपयोग कर लाभार्थी पूर्व में चयन किये गये मोबाइल फोन तथा सिम प्राप्त कर सकेगा।
यहां राज्य सरकार द्वारा लाभार्थी के ई-वॉलेट में 6125 रुपये मोबाइल फोन के लिये तथा 675 रुपये सिम कार्ड मय इंटरनेट डाटा प्लान के लिये हस्तांतरित किये जायेंगे। राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2024 एवं अप्रैल 2025 में भी इंटरनेट हेतु प्रति वर्ष 900 रुपये हस्तांतरित किये जायेंगे।
लाभार्थी को शिविर में आते समय उसके जनाधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नम्बर वाला मोबाइल उसके साथ लाना आवश्यक होगा। अगर लाभार्थी का मोबाइल नं बदल गया है तो वह शिविर में आने से पूर्व ई-मित्र पर जाकर अपने जनाधार में अपना नया नम्बर दर्ज करवा लें।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि शुक्रवार को कांग्रेस के वार रूम में दो बैठकें हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं में किसी प्रकार का कोई मनमुटाव नहीं है। चुनाव विधानसभा का एक साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि छोटी मोटी चीजें होती रहती है इसको प्रेस गलत तरीके से पेश करती है।
शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि चुनाव पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ 25 लोकसभा क्षेत्र के पर्यवेक्षकों के साथ बैठक हुई है। अब यह सभी 25 पर्यवेक्षक 17 अगस्त से अपने अपने लोकसभा क्षेत्र में जाकर वास्तविक स्थिति का पता लगाएंगे और वहां पर कांग्रेस के पदाधिकारियों, नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी की स्थिति का आकलन करेंगे। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सह प्रभारी भी अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा करेंगे और पार्टी में सक्रियता लाने का काम किया जाएगा।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त सीनियर पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, पर्यवेक्षक शशीकांतऔर केंद्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश वार रूम में लोकसभा के पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की जा रही है। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सह प्रभारी अमृता धवन, विरेंद्र सिंह और काजी निजामुद्दीन मौजूद है। मधुसूदन मिस्त्री और केसी वेणुगोपाल यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति वास्तव में कैसी है। जो पर्यवेक्षक केंद्रीय नेतृत्व ने लगाए हैं उनसे जानने का प्रयास किया जा रहा है कि उन्होंने किस तरह के हालात क्षेत्र में जाकर देखें और आने वाले समय में वह किस प्रकार से कांग्रेस को मजबूत करने का काम अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर करेंगे। बैठक निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण है और इसमें प्रारंभिक स्तर पर किस प्रकार से पार्टी में और संगठन और सत्ता में संबंध कैसे लाया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार की योजनाओं का कितना धरातल पर प्रभाव है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त सीनियर पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, पर्यवेक्षक शशीकांतऔर केंद्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश वार रूम में लोकसभा के पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की जा रही है। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सह प्रभारी अमृता धवन, विरेंद्र सिंह और काजी निजामुद्दीन मौजूद है। मधुसूदन मिस्त्री और केसी वेणुगोपाल यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति वास्तव में कैसी है। जो पर्यवेक्षक केंद्रीय नेतृत्व ने लगाए हैं उनसे जानने का प्रयास किया जा रहा है कि उन्होंने किस तरह के हालात क्षेत्र में जाकर देखें और आने वाले समय में वह किस प्रकार से कांग्रेस को मजबूत करने का काम अपने-अपने क्षेत्रों में रहकर करेंगे। बैठक निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण है और इसमें प्रारंभिक स्तर पर किस प्रकार से पार्टी में और संगठन और सत्ता में संबंध कैसे लाया जाए इस पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार की योजनाओं का कितना धरातल पर प्रभाव है।
मध्यप्रदेश के सीधी और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के बाद अब राजस्थान के जमवारामगढ़ का नाम भी दलित अत्याचारों में सुर्ख़ियाँ बटोर रहा हैं आदिवासी हो या दलित, बड़े रसूखदार किसी पर भी अत्याचार करने में पीछे नहीं रहते और उनका शोषण करने में लगे रहते हैं । बड़े बड़े सामाजिक मंचों और राजनीतिक भाषणों में इनके जैसे दलित प्रेमी कोई नहीं दिखता लेकिन जब हक़ीक़त से रूबरू होता हैं तो परिस्थिति बिलकुल विपरीत ही दिखाई देती हैं और ताज्जुब करने वाली बात तो तब सामने आती हैं जब इन्ही लोगो का शोषण और अत्याचार करने वाले भी या तो इन्ही के लोग होते हैं या फिर इन्ही के समाज से आते हैं । जयपुर के पास जमवारामगढ़ विधानसभा से विधायक गोपाल मीणा पर एक दलित महिला ने पेशाब करने का आरोप लगाया हैं
जमवारामगढ़ में रहने वाली एक दलित महिला ने आरोप लगाया कि उसका अपहरण कर उसे पीटा गया। डिवाई एसपी शिव कुमार भारद्वाज ने उसके ऊपर पेशाब किया। इसके बाद कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा ने उससे अपने चटवाये। पीड़ित ने विधायक गोपाल मीणा , डिवाई एसपी शिव कुमार भारद्वाज सहित चार लोगो पर 27 जुलाई को मामला दर्ज कराया हैं। मामला बड़ा होने और संवेदनशीलता को देखते हुएइसकी जाँच अब सीबी सीआईडी को सौंप दी हैं
वहीं इस मामले पर कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा का कहना है कि इस मामले में मेरा कोई लेना देना नहीं है । यह ज़मीन से जुड़ा हुआ विवाद था इस आरोप से मेरा कोई लेना देना नहीं है उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक परम नवदीप सिंह और उनकी पत्नी ने मेरे ऊपर झूठा आरोप लगा रहे हैं मुझ पर दबाव बनाकर उस ज़मीन को पीड़ित को दिलाने की साज़िश रच रहे हैं। मामले की जाँच होनी चाहिए और सच्चाई सबके सामने आनी चाहिए।
पीड़ित का कहना है कि वह गांव टोड़ालड़ी में ज़मीन की देखभाल करता हैं। 30 जून को वह पत्नी के साथ खेत पर कम रहा था। तभी अचानक पुलिस आकर उन्हें ज़बरदस्ती गाड़ी में पटक कर विधायक गोपाल मीणा के घर ले गये। वहाँ उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद कमरे में आए पुलिसकर्मियों ने उन्हें नीचे पटक दिया और गालियां देते हुए मारपीट की । छोड़ने के लिए कहने के बावजूद डिवाई एस पी शिव कुमार भारद्वाज ने उनके मुँह पर पेशाब कर दिया और कहा कि बिना नहीं नज़राना दिये हुए खेत पर काम करने की हिम्मत कैसे हुई ।
पुलिसकर्मियों ने उन्हें नीचे पटक दिया और गाली देते हुए मारपीट की।यही नहीं उन्होंने मुझसे जीभ से जूते भी साफ़ करवाए है उन्होंने कहा कि अगर मैंने किसी को इस बारे में बताया तो वह मुझे मरवा देंगे
हर माता- पिता की यह चाहत होती है कि उनका बच्चा नेक इंसान बनें और जिन्दगी की सही राह पर अपने कदम रखे। बच्चे को इस राह पर लाने वाले उसके माता-पिता ही होते हैं। बच्चों के बारे में यह कहा जाता है कि वो गीली मिट्टी की तरह होते हैं, उन्हें किस आकार व प्रकार में ढालना है यह उसके माता-पिता पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, चीजों के बारे में जानने की जिज्ञासा उनके अंदर बढ़ती जाती है। ऐसे में बच्चे अपने बड़ों को देखकर स्वयं भी उसी तरह चलने का प्रयास करते हैं। मामला तब बिगड़ जाता है जब बच्चा माता-पिता के आचार- व्यवहार का आकंलन सही तरीके से नहीं कर पाता और उन्हें देखते हुए उनके विपरीत राह पर चलता है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि बच्चों की सही से समझाइश की जाए ताकि वे जिंदगी की गलत राह पर ना चले जाए।
दूसरों की बातें सुनना
कमोबेश हर घर में आजकल यह देखा जा सकता है कि बच्चों को पड़ोसियों या घर-परिवार के लोगों की जासूसी करने को कहा जाता है। उन्हें लगता है कि ऐसा करके वे आसपास उनके खिलाफ होने वाली बातों पर नजर रख पाएंगे जबकि आपके ऐसा सिखाने से बच्चों के दिमाग पर नकारात्मकता हावी होने लगती है, इसलिए बहुत जरूरी है कि बड़ों की बातों में बच्चों को न धकेलें।
उन्हें न बताएं कैसा महसूस करें कैसा नहीं
पेरेंटिंग एक्सपर्ट्स का कहना है कि बच्चों से कभी भी दुखी ना हो या यह इतना भी बुरा नहीं था जैसे शब्द नहीं बोलने चाहिए। अगर आपका बच्चा किसी चीज को लेकर दुखी है और आप उसे उस दुख में भी हसंते रहने के लिए कहते हैं तो इससे बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है। इससे कई बार बच्चे अपने मन के दुख को जाहिर नहीं कर पाते हैं और बाहर वालों की नजर में खुद को खुश ही दिखाते है जो उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे से कहें कि कभी-कभी ठीक नहीं होना भी ठीक होता है। किसी भी तरह जीतना
हर पेरेंट चाहते हैं कि उनके बच्चे सबसे आगे रहें लेकिन जीतने की स्किल्स के अलावा बच्चों को मोरल वैल्यू भी जरूर सिखाएं। बच्चों को सिखाएं कि हेल्दी कॉम्पिटीशन क्या होता है। किसी को गिराकर आगे बढ़ना सही नहीं होता। बच्चों को जीतने के सही और गलत तरीके तो जरूर बताएं।
जिम्मेदारियों को लेकर डर
बच्चों से बात करते समय ध्यान रखें कि उनके आगे कभी भी पैसों और बीमारी की बात ना करें। जब माता-पिता पैसों को लेकर टेंशन लेते हैं और बच्चों के आगे इसकी बातें करते हैं तो वह अपने डर को बच्चों में ट्रांसफर करते हैं। कई बार ऐसा करने से बच्चों पर बोझ पड़ता है क्योंकि बच्चे भी फिर इसे लेकर काफी टेंशन लेने लगते हैं जिसे हैंडल करना उनके बस की बात नहीं होती। किसी को कम समझना
बच्चों को कभी भी किसी बच्चे या अन्य व्यक्ति को लेकर जहर न भरें। उन्हें किसी भी तरह का भेदभाव न सिखाएं। ऐसा करने से बच्चे के मन में शुरू से ही भेदभाव की भावना घर कर जाती है और फिर वे दूसरों लोगों को अपने से कम समझने लग जाता है।
किसी की भी बुराई
कई बार लोग गुस्से में आकर बच्चों से दूसरों की बुराई करने लगते हैं। कई बार लोग अपने पार्टनर की या फैमिली मेंबर की बच्चों से बुराई करते समय यह भूल जाते हैं कि बच्चा जितना आपके साथ रहता है उतना ही बाकी लोगों के साथ भी समय गुजारता है। ऐसे में आपकी बातों से वह खुद को दो अलग-अलग हिस्सों में बंटा हुआ महसूस करने लगता है। कई बार इससे बच्चे उन लोगों से नफरत करने लगते हैं जिनके बारे में आप उससे बुराई करते हैं।
जानवरों को मारना या परेशान करना
कई माता-पिता को लगता है कि अपने बच्चे को निडर बनाने के लिए वे जानवरों को मारना या परेशान करना सिखा सकते हैं। जानवरों को मारना हर तरह से गलत होता है। इससे आपका बच्चा क्रूर बनेगा और उसके मन से दयाभाव खत्म हो जाएगा। बच्चों को हमेशा जानवरों को समझना और प्यार करना सिखाएं। यह उनकी मेंटल हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है। बदतमीजी से जवाब देना
गलत बातों का जवाब देना सही है लेकिन बचपन में बच्चों को समझ नहीं होती। ऐसे में उन्हें यह न सिखाएं कि कोई मजाक में भी आपको कुछ कहे, तो आपको बदतमीजी से जवाब देना है बल्कि बच्चों को अपने विवेक से चीजें समझने के लेवल तक पहुंचने दें। बच्चों को बताएं कि अगर उन्हें कोई कुछ कहता है, तो आकर घर पर पेरेंट से बताएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देने के दौरान विपक्ष पर राजनीतिक हमला बोलते-बोलते शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले निवेशकों को भी एक सलाह दे डाली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष खासकर कांग्रेस की तरफ इशारा करते हुए कहा कि विपक्ष को एक सीक्रेट वरदान मिला हुआ है कि ये लोग जिसका बुरा चाहते हैं, उसका भला हो जाता है।
उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण वे स्वयं हैं। इन लोगों ने पिछले 20 सालों में उन्हें क्या कुछ नहीं कहा, उनके खिलाफ क्या कुछ नहीं किया, लेकिन इन लोगों ने उनका जितना बुरा चाहा, उतना ही उनका भला होता गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि फोन बैंकिंग घोटाले से ये एनपीए को चिंताजनक स्तर पर छोड़ गए और बाद में इन लोगों ने बैंकों के डूबने की बात कही, बैंकों का बुरा चाहा लेकिन आज बैंकों की हालत देखिए।
उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों ने डिफेंस सेक्टर में हेलीकॉप्टर बनाने वाली कंपनी एचएएल के दरवाजे पर मजदूरों की सभा कर उन्हें भड़काने का काम किया, इसे लेकर क्या-क्या नहीं कहा। लेकिन, आज एचएएल ने हाईएस्ट रेवेन्यू रजिस्टर किया है और देश की आन, बान और शान बना हुआ है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इन्होंने एलआईसी के भी डूबने की बात कही थी लेकिन आज एलआईसी आगे बढ़ रही है, तेजी से आगे बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर राजनीतिक हमला बोलते-बोलते शेयर मार्केट में पैसा लगाने वाले निवेशकों को सलाह देते हुए आगे यह भी कह दिया कि शेयर बाजार के लोगों के लिए गुरु मंत्र है कि ये (विपक्ष) जिस सरकारी कंपनी को गाली दें, उसमें पैसा लगा दीजिए।