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मणिपुर आदिवासी संगठन, मिजोरम के सांसद ने लोकसभा में अमित शाह की ‘घुसपैठियों’ वाली टिप्पणी की आलोचना की

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में यह कहे जाने के एक दिन बाद कि मणिपुर में जारी हिंसा “कुकी घुसपैठियों” के कारण शुरू हुई, पूर्वोत्तर राज्य के एक आदिवासी संगठन ने गुरुवार को उनकी आलोचना की और कहा कि इस बयान में एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की राय प्रतिबिंबित हुई।

मिजोरम से लोन मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के राज्यसभा सदस्य के. वनलालवेना ने भी मणिपुर के आदिवासियों पर शाह की टिप्पणियों का विरोध किया।

वनलालवेना ने शोर-शराबे के बीच राज्यसभा में कहा, “गृहमंत्री ने कहा कि मणिपुर में आदिवासी म्यांमार के हैं। हम म्यांमार के नहीं हैं, हम भारतीय हैं। हम ब्रिटिश प्रशासन के समय से भारत में रह रहे हैं, हम 200 से अधिक वर्षों से यहां रह रहे हैं।”

आदिवासी नेताओं ने गुरुवार को कहा कि इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) और सभी कुकी-ज़ो आदिवासी मणिपुर में जातीय संघर्ष के संबंध में बुधवार को लोकसभा में गृह मंत्री की टिप्पणियों के कारण उन्हें अपमानित महसूस कर रहे हैं।

आईटीएलएफ के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता गिन्ज़ा वुअलज़ोंग ने कहा कि तीन महीने की हिंसा में 130 से अधिक कुकी-ज़ो आदिवासियों की मौत हो गई, 41,425 आदिवासी नागरिकों का विस्थापन हुआ और मेटेई और आदिवासियों का पूर्ण शारीरिक और भावनात्मक अलगाव हुआ।

वुएलज़ोंग ने कहा, “और सबसे अच्छा स्पष्टीकरण जो गृहमंत्री दे सकते हैं, वह म्यांमार से शरणार्थियों का प्रवेश है। मिजोरम ने म्यांमार से 40,000 से अधिक शरणार्थियों और मणिपुर से विस्थापित लोगों का स्वागत किया है, और यह अभी भी भारत में सबसे शांतिपूर्ण राज्य है।”

आईटीएलएफ ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति की मांग, वन भंडार पर सरकारी अधिसूचना जो आदिवासियों को उनकी भूमि से बेदखल कर देगी, और मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और कट्टरपंथी मैतेई बुद्धिजीवियों द्वारा आदिवासियों का दानवीकरण ही इस विश्‍वास का कारण है, जिसकी परिणति सांप्रदायिक झड़पों में हुई।

इसमें कहा गया है कि शरणार्थियों, जो किसी भी समुदाय के सबसे वंचित और असहाय वर्गों में से एक हैं, पर इस पैमाने पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाना बिल्कुल गलत है।

आईटीएलएफ ने कहा, “उनकी (मणिपुर सीएम) निगरानी में इतने सारे निर्दोष लोग मारे गए हैं और तीन महीने के बाद भी हिंसा बेरोकटोक जारी है। उनके अपने कई मंत्रियों ने केंद्र सरकार को यह कहते हुए प्रस्तुत किया है कि राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। इन सबके बावजूद उन्हें अभी भी बर्खास्त करने के बजाय केंद्र सरकार द्वारा सम्मान दिया जा रहा है। हम गृहमंत्री से मणिपुर में संकट से निपटने के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठने की अपील करते हैं।

गृहमंत्री ने बुधवार को दिल्ली में आईटीएलएफ के सचिव मुआन टॉम्बिंग के नेतृत्व में छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी मांगों पर चर्चा की, जिसमें आदिवासियों के लिए एक अलग राज्य शामिल है। सूत्रों ने बताया कि शाह ने मणिपुर में आदिवासियों के लिए अलग प्रशासन या अलग राज्य की मांग को खारिज कर दिया।

आईटीएलएफ के सूत्रों ने कहा कि राज्य के पहाड़ी इलाकों के निवासियों की सुरक्षा के बारे में उनकी आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए शाह ने आश्‍वासन दिया कि केंद्रीय बलों की तैनाती को और मजबूत किया जाएगा और कमजोर अंतर वाले क्षेत्रों को पाटने के लिए इसे फिर से तैयार किया जाएगा।

वुएलज़ोंग ने बैठक में लिए गए निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा, राज्य बल राज्य सुरक्षा सलाहकार के निर्देशन में और पहाड़ी क्षेत्रों में केंद्रीय बलों के साथ मिलकर काम करेंगे।

मणिपुर में महिलाओं के साथ हुआ गंभीर अपराध अक्षम्य, दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रयास जारी : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की संसद से मणिपुर की महिलाओं को आश्वासन देते हुए कहा है कि यह देश और यह सदन उनके साथ है और मणिपुर में फिर से शांति की स्थापना होगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिनों तक लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर की घटना पर गहरा दुख भी जाहिर किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अदालत के फैसले के बाद मणिपुर में इस तरह के हालात बन गए। प्रधानमंत्री ने मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए गंभीर अपराध को अक्षम्य बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य दोषियों को सजा दिलाने के लिए प्रयास कर रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मणिपुर में जल्द शांति स्थापित होने का दावा करते हुए यह भी कहा कि मणिपुर में निकट भविष्य में शांति का सूरज जरूर उगेगा, वहां शांति स्थापित होगी और मणिपुर एक बार फिर से आत्मविश्वास के साथ शांति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर राजनीति करने और हमेशा नॉर्थ ईस्ट राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नॉर्थ ईस्ट राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करना कांग्रेस के डीएनए में रहा है। कांग्रेस ने मणिपुर पर झूठ फैलाने का काम किया।

नॉर्थ ईस्ट के राज्यों को अपने लिए जिगर का टुकड़ा बताते हुए मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की सभी समस्याओं की जननी कांग्रेस ही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में एक दौर ऐसा था, जब वहां हर व्यवस्था उग्रवादी संगठनों की मर्जी से चला करती थी, यहां तक कि वहां तैनात होने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को भी अपनी सैलरी का एक हिस्सा उग्रवादियों को देना पड़ता था।

उन्होंने आरोप लगाया कि इन्हें (कांग्रेस) राजनीति के अलावा कुछ सूझता नहीं है जबकि ये जितना राजनीति को दूर रखेंगे, वहां उतनी शांति नजर आएगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए विपक्षी दलों पर जोरदार हमला भी बोला।

प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के बाद, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में ध्वनिमत से खारिज हो गया।

हालांकि, वोटिंग के दौरान कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और एनसीपी सहित अन्य कई विपक्षी पार्टियों के सांसद सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि ये दल प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान ही सदन से वॉकआउट कर गए थे।

राहुल की मानगढ़ यात्रा से सीएम गहलोत और सचिन पायलट की दूरियां हुई उजागर, केंद्रीय नेतृत्व ने दिए व्यापक बदलाव के संकेत !

कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की मानगढ़ यात्रा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की आपसी नाराजगी उजागर हो गई। राहुल गांधी ने इस और ध्यान नहीं दिया और  वे मंच से यह संदेश देने में कामयाब  नहीं हो सके कि कांग्रेस में अब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है। 

सचिन पायलट ने भी राजनीतिक संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि वे सीएम गहलोत की कार्यशैली से नाराज है । उन्होंने राहुल गांधी से पहले मानगढ़ की जनसभा में मंच शेयर नहीं किया। यह बात सही है कि राहुल गांधी की अगवानी सचिन पायलट ने की और वे उन्हीं के साथ दिखाए और उसके बाद भी  डॉ.रघु शर्मा के पास वाली कुर्सी पर बैठे।

मानगढ़ के कार्यक्रम आयोजकों ने कहने को तो  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से पहले सचिन पायलट का संबोधन भी कराया। सचिन पायलट ने भी राहुल गांधी के सामने संबोधन में किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं दिखाया। उन्होंने यही दोहराया कि कांग्रेस राजस्थान में 2023 में अपनी सरकार रिपीट करेगी और 2024 में डबल इंजन की केंद्र की पीएम मोदी की सरकार दो बाहर का रास्ता दिखाने में कामयाब होगी।

राहुल गांधी ने इस बार राजस्थान की यात्रा के दौरान ऐसा कोई दिखावा नहीं किया कि सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच में कोई विवाद है। उन्होंने अपनी बात मानगढ़ के मन से रखी और आदिवासियों से यही जताने का प्रयास किया कि उनका परिवार हमेशा उनके साथ है।

सीएम गहलोत ने अपने संबोधन में अपने दबदबे को कायम रखने के लिए घोषणाएं की की सरकार ने आदिवासियों के लिए भरपूर योजनाएं दे रखी है। उन्होंने वर्ष 2022 के बजट की घोषणा स्मार्ट मोबाइल और इस वर्ष के बजट में विशेष फूड  पैकेट की शुरुआत राहुल गांधी से करवाई। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि मानगढ़ के विकास के लिए राजस्थान सरकार 100 करोड रुपए की राशि। इसके अलावा उन्होंने ओबीसी का आरक्षण 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की घोषणा भी की। 

मानगढ़ की जनसभा में कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का संबोधन नहीं कराना इस रणनीति का हिस्सा है अभी तक पता नहीं चल सका। वैसे तो सीएम गहलोत प्रभारी रंधावा को आगे रखने का काम करते हैं। लेकिन इस बार मानगढ़ की जनसभा में उनको मैं तो नहीं देना कुछ नया संदेश देने का काम सीएम गहलोत कर रहे हैं। 

मानगढ़ के कार्यक्रम के बाद अब चर्चाएं जोरों पर होने लगी है कि केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम गहलोत को महत्व देना पहले से कम कर दिया है। यही कारण है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस सरकार की योजनाओं की तारीफ भी की लेकिन सीएम गहलोत को यह दिलासा नहीं दिया कि वर्ष 2023 में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हें चौथी बार मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इन सब बातों से यह स्पष्ट होता है कि आने वाले समय में कांग्रेस नेतृत्व निश्चित तौर पर राजस्थान में एक नया बदलाव करने के पक्ष में है।

मानगढ़ के कार्यक्रम के तत्काल बाद ही केंद्रीय नेतृत्व पॉलिटिकल कमेटी का भी गठन कर दिया। जिसकी जिम्मेदारी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को दी गई है। सीएम गहलोत को अन्य नेताओं की तरह सदस्य बनाया गया है। अब यह पॉलिटिकल  अफेयर कमेटी क्या कुछ भूमिका निभाएगी यह तो आने वाला समय नहीं बता पाएगा। कांग्रेस की केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम गहलोत को यह तो जता दिया है कि अब निर्णय उनके अनुरूप नहीं होंगे। वर्ष 2023 में कांग्रेस  को जिताने के लिए जो कुछ निर्णय होंगे उसमें सभी को महत्व देने की बात सामने आ रही है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी अब सक्रिय राजनीति में आने का संदेश दे चुके हैं। यही कारण है कि अब कांग्रेस के सार्वजनिक कार्यक्रमों में डॉ.सीपी जोशी विधानसभा अध्यक्ष रहकर  भी वे यह जता रहे हैं कि  अब प्रदेश के सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा रखते हैं। यही कारण है कि हाईकमान ने भी प्रदेश में बनने वाली विभिन्न कमेटियों में उन्हें सदस्य की हैसियत दी है।

कांग्रेस  केंद्रीय नेतृत्व में प्रदेश में राजनीतिक तौर पर यह संदेश देने में कामयाबी हासिल की है कि इस बार  सीएम गहलोत के चेहरे पर विधानसभा का चुनाव नहीं  लड़ा जाएगा। चुनाव सामूहिक रूप से कांग्रेस लड़कर सत्ता में आने के बाद नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा तय  किया जाएगा।  

कांग्रेस संगठन में आए बदलाव के बाद सीएम गहलोत की भूमिका पर क्या कुछ प्रभाव पड़ेगा इसके लिए तो कुछ इंतजार की जरूरत है। विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेसके केंद्रीय नेतृत्व की राजस्थान में गतिविधियां अब तेज होने वाली है। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा घोषित विभिन्न कमेटियों के कार्यक्रम भी शुरू होने का समय आ गया है। सितंबर से सीएम गहलोत के सरकारी कामकाज का महत्व कम होने लगेगा।

प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की भूमिका किस प्रकार की रहेगी यह भी कुछ दिन में हो जाएगी। अब प्रभारी रंधावा सीएम गहलोत के अनुसार निर्णय करेंगे या नहीं यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा ! राजनीति में यह कहा जाता है कि बदलाव के साथ ही बहुत सारी चीजें अपने आप बदल जाती है। चुनाव में टिकट देने का अधिकार अब किस प्रकार से तय होगा यह भी सामने आएगा। कांग्रेस की केंद्रीय और प्रदेश संगठन में  हलचल तेज है और यह गतिविधि अब और बढ़ जाएगी। 

भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी के खिलाफ मामला दर्ज

पुलिस पर अशोभनीय टिप्पणी के खिलाफ करने पर हुआ मामला दर्ज

पुलिस पर बोले बोल पद गए भारी

मालवीय नगर थाने में हुआ मामला दर्ज

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को उनके ही बोले बोल भारी पड़ गए हैं ओर इसके लिए अब आगे कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने भीलवाड़ा में पुलिस के खिलाफ टिप्पणी की थी कि पुलिस वाले शराबी होते हैं और कुत्ते होते हैं। यह वीडियो पूरे राज्य में वायरल हुआ इस वीडियो को देखने के बाद अधिवक्ता अभिनव भंडारी ने वीडियो देखकर वीडियो की सच्चाई की तहकीकात की और यह जानकारी हुई कि वीडियो बिल्कुल सही है उसमें जो बात कही गई है।

उनका मानना है कि ये बाते सीपी जोशी ने जानबूझकर कहीं है जिससे राज्य में दंगे फैल सकते हैं और यह सीपी जोशी ने जानबूझकर किया है ताकि राजस्थान में जगह-जगह दंगे फैल जाएं क्योंकि जनता जनप्रतिनिधि की बात पर विश्वास करती है। उनके बात कहने पर वहां उपस्थित जनसमूह ने तालियां बजाई थी। इसके पश्चात पुलिस विभाग ने भी इस पर असंतोष जाहिर किया प्रस्ताव भेजा जो विभिन्न अखबारों में प्रकाशित हुआ।

भंडारी ने इन सभी समाचारों का अध्ययन किया और उसके पश्चात थाना मालवीय नगर में शिकायत लिखित में दर्ज कराई।  अधिवक्ता अभिनव भंडारी, रमेश मोटवानी, गुलशन जैन, श्रेयस पारीक, महेश रेशवाल व भूपेंद्र पंजाबी वगैरह पुलिस उपायुक्त श्री ज्ञानचंद यादव से मिले और उन्हें भी शिकायत की कॉपी दी तो उन्होंने थाना माल नगर को इस पर जांच करने के निर्देश दिए। इसके अलावा डीजीपी उमेश मिश्र, आनंद श्रीवास्तव, पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज को भी शिकायत भेजीं है। 

विधानसभा चुनाव को लेकर वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री, केसी वेणुगोपाल कांग्रेस के वार्ड रूम में लेंगे बैठक, पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक भी होगी

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव  के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त वरिष्ठ पर्यवेक्षकों  और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की पोलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक  गुरुवार 11 अगस्त को प्रात: 10 बजे प्रदेश कांग्रेस के वार रूम 7, हॉस्पिटल रोड, जयपुर पर आयोजित की जाएगी। इस बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान प्रभारी सुखजिन्द्र सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा चुनाव के लिए नियुक्त वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसुदन मिस्त्री मौजूद रहेंगे। बैठक में विधानसभा की आगामी योजना पर मंथन कर निर्णय किया जाएगा। 

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि 11 अगस्त को प्रात: 10 बजे राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा नियुक्त लोकसभावार पर्यवेक्षकों की बैठक आयोजित होगी।  इसके अलावा प्रात: 11 बजे पोलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक होगी। बैठक में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सहप्रभारी काजी निजामुद्दीन, श्रीमती अमृता धवन, वीरेन्द्र सिंह राठौड़, राज्य पर्यवेक्षक शशिकांत सेंथिल सहित लोकसभा पर्यवेक्षकगण  और कमेटी के सदस्यगण भाग लेंगे। 

शुरू होगा ऑपरेशन “गरिमा” अब मनचलों की नहीं खेर

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पुलिस मनचलों को चिन्हित कर करेगी तुरंत कार्रवाई करेगी, किसी भी परिस्थिति मे नहीं अब बच पाएंगे मनचले , स्कूल-कॉलेजों में हेल्पलाइन नंबर का किया जाएगा प्रचार-प्रसार

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप स्कूल-कॉलेज के बाहर और अन्य भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर महिलाओं व बालिकाओं के साथ मनचलों द्वारा छेड़छाड़ और छींटाकशी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर गुरुवार से पूरे प्रदेश में 10 अगस्त से 18 अगस्त तक नौ दिवसीय राजव्यापी अभियान ऑपरेशन गरिमा संचालित किया जा रहा है।

अतिरिक्त महानिदेशक सिविल राइट्स एवं एएचटी श्रीमती स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि अभियान के अंतर्गत स्कूल-कॉलेज, सार्वजनिक स्थान, कोचिंग सेंटर, गर्ल्स हॉस्टल और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पुलिस कर्मियों द्वारा निगरानी की जाएगी। ट्रेन, बस आदि सार्वजनिक परिवहन के साधनों में सादा वस्त्रों में पुलिसकर्मी निगरानी रख कार्रवाई करेंगे।

 स्कूल-कॉलेज, कोचिंग सेंटर पर व्यापक प्रचार प्रसार 

निर्भया स्क्वाड, मानव तस्करी विरोधी यूनिट और थाना पुलिस द्वारा स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर पर महिला गरिमा हेल्पलाइन 1090, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 एवं संबंधित जिलों के व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबरों का व्यापक प्रचार प्रसार करेंगे। महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों और उनकी सजाओं के बारे में आमजन, युवाओं एवं स्कूल कॉलेज के छात्राओं को जागरूक किया जाएगा। साथ में ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी।

 मनचलों को चिन्हित कर त्वरित कार्रवाई होगी

इस अभियान के तहत किसी तरह की शिकायत प्राप्त होने और कोई भी सन्दिग्ध घटना संज्ञान में आने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। महिलाओं और बालिकाओं से आदतन छेड़छाड़ और छींटाकशी करने वाले मनचलों को चिन्हित कर उनकी समस्त गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाएगी।

अविश्वास प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री के खिलाफ अपशब्द करने और गलत व्यवहार करने के मामले को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन को किया निलंबित

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस के नेता अधीर रंजन द्वारा प्रधानमंत्री पर छींटाकशी करने और गलत व्यवहार करने के मामले को लेकर संसदीय कार्य मंत्री  प्रहलाद जोशी द्वारा निलंबन करने के प्रस्ताव को विपक्ष की गैरमौजूदगी में स्वीकार किया गया।

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने यह प्रस्ताव रखा और उसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया। इसी के साथ लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें निलंबित करने की बात कही। इसके बाद इस मामले को लोकसभा प्रवर समिति को सौंपने का निर्णय किया गया। इसके साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्रवाई 11 अगस्त शुक्रवार 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

अगर आपको भी चाहिए स्मार्ट फोन तो उठाइए इस योजना का लाभ ओर इस आसान से रास्ते से अपनाइए अपना मोबाईल

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इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना का हुआ आगाज – पहले चरण में 30 सितम्बर तक स्मार्ट फोन का होगा वितरण – जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण में अब तक 1346 स्मार्ट फोन का हुआ वितरण – रोजाना प्रत्येक शिविर में 200 फोन का होगा वितरण – लाभार्थी के मोबाइल पर आएगा मैसेज और कॉल

अगर आपका भी सपना हैं कि आपको भी सरकार की ओर से मिल रहे स्मार्ट फोन मिल जाए तो उसके लिए बस आपको कुछ आसान से विकल्पों का चुनाव करना हैं आप सरकार से स्मार्ट फोन ले सकते हैं सरकार ने इसके लिए शिविर लगाए हुए हैं जहा पर जाकर आप अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं

यह है स्मार्ट फोन प्राप्त करने की प्रक्रिया

सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के उपनिदेशक ऋतेश कुमार शर्मा ने बताया कि शिविर में आईजीएसवाई पोर्टल पर लाभार्थी का ई-केवाईसी किया जायेगा। पोर्टल पर लाभार्थी का जनाधार नम्बर डालकर उसके विवरणों को सत्यापित किया जायेगा, सत्यापित होने की दशा में लाभार्थी द्वारा अपने साथ लाये गये मोबाइल फोन पर जनाधार ई-वॉलेट इंस्टॉल किया जायेगा।  

इसके बाद लाभार्थी के पैन कार्ड का विवरण आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज करने के बाद तीन प्रकार के फॉर्म प्रिन्ट करके उसे दिये जायेंगे। इसके बाद लाभार्थी इन फॉर्म को लेकर मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी के काउंटर पर जाकर सिम का एवं डाटा प्लान का चयन करेगा, इसके बाद मोबाइल कंपनी के काउंटर पर जाकर अपनी इच्छा अनुसार मोबाइल फोन का चयन करेगा।

इस सब के बाद भरे हुए फॉर्म को लेकर अंतिम काउंटर पर जायेगा जहां उपस्थित कर्मचारी उसके फॉर्म में अंकित सूचनायें एवं लाभार्थी द्वारा प्रस्तुत समस्त दस्तावेजों को स्कैन कर आईजीएसवाई पोर्टल पर दर्ज एवं अपलोड करेगा ।

यह प्रक्रिया पूरी होते ही लाभार्थी द्वारा लाये गये फोन में पूर्व में इंस्टॉल किये गये ई-वॉलेट में राज्य सरकार द्वारा कुल 6800 रूपये हस्तांतरित कर दिये जायेंगे। इस राशि का उपयोग कर लाभार्थी पूर्व में चयन किये गये मोबाइल फोन तथा सिम प्राप्त कर सकेगा।

यहां राज्य सरकार द्वारा लाभार्थी के ई-वॉलेट में 6125 रुपये मोबाइल फोन के लिये तथा 675 रुपये सिम कार्ड मय इंटरनेट डाटा प्लान के लिये हस्तांतरित किये जायेंगे।  राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2024 एवं अप्रैल 2025 में भी इंटरनेट हेतु प्रति वर्ष 900 रुपये हस्तांतरित किये जायेंगे।  

साथ ही लाभार्थी को शिविर में आते समय उसके जनाधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नम्बर वाला मोबाइल उसके साथ लाना आवश्यक होगा। अगर लाभार्थी का मोबाइल नं बदल गया है तो वह शिविर में आने से पूर्व ई-मित्र पर जाकर अपने जनाधार में अपना नया नम्बर दर्ज करवा ले।

 

लाभार्थी को शिविर में आते समय अपने साथ अपना जनाधार कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड तथा जनाधार कार्ड में दर्ज मोबाइल फोन लाना आवश्यक होगा। अध्ययनरत छात्रायें अपने साथ आईडी कार्ड/एनरोलमेंट कार्ड, विधवा नारी को पीपीओ साथ लाने होंगे।

विशेष योग्यजन, एकल महिला एवं अन्य वंचित वर्ग हेतु 1000 फ्रेंचाइजी योजना, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ड्राफ्ट पढ़कर स्टेकहोल्डर एवं इच्छुक फ्रेंचाइजर भेजें सुझाव अथवा लेटर ऑफ इंटेंट -उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री

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 विशेष योग्यजन, एकल महिला एवं अन्य वंचित वर्ग को रिटेल सेक्टर में रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु राज्य सरकार द्वारा नवीन योजना प्रारम्भ की जा रही है।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत ने बताया कि राज्य के विशेष योग्यजन, एकल महिला, अविवाहित महिला (आयु 30 वर्ष से अधिक), परित्यक्ता, तलाकशुदा, विधवा एवं अन्य वंचित वर्ग जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (क्रीमीलेयर को छोड़कर) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, आर्थिक कमजोर वर्ग, गरीबी रेखा से नीचे के उम्मीदवार योजना में पात्र होंगे। उन्होंने बताया कि इन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए रिटेल सेक्टर में प्रतिष्ठित प्राइवेट फर्म जैसे प्रोप्राइटरशिप/भागीदारी फर्म/सीमित देयता भागीदारी/कंपनी/हिंदू अविभाजित परिवार योजना में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस श्रेणी की प्राइवेट फर्म रेडी-टू-डू बिजनेस मॉडल, फ्रेंचाइजी, डीलरशिप मॉडल से व्यापार करती हैं, इनके माध्यम से 1000 फ्रेंचाइजी खोली जायेंगी। इस हेतु चयनित व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही प्रति फ्रेंचाइजी एक लाख रुपये का अनुदान देने की यह योजना प्रारंभ की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 हेतु पेश बजट में की गई थी। योजना को धरातल पर मूर्त रूप देने हेतु उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा योजना का ड्राफ्ट विभाग की वेबसाइट https://industries.rajasthan.gov.in/ पर अपलोड कर दिया गया है। योजना के सम्बन्ध में स्टेकहोल्डर एवं इच्छुक फ्रेंचाइजर ड्राफ्ट को पढ़कर इसके सम्बन्ध में दिनांक 20 अगस्त तक विभाग को सुझाव अथवा लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई)  [email protected]  मेल आईडी पर भेज सकते है।

मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा- बिजली उपभोक्ताओं को अब नहीं देना होगा फ्यूल सरचार्ज राज्य सरकार वहन करेगी 2500 करोड़ रुपए

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। अब घरेलू व कृषि बिजली उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज नहीं देना होगा। फ्यूल सरचार्ज की 2500 करोड़ रुपए की राशि राज्य सरकार वहन करेगी।

मुख्यमंत्री ने गुरूवार को बिडला ऑडिटोरियम में इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के शुभारंभ समारोह में यह घोषणा की। उल्लेखनीय है कि राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट एवं किसानों को 2000 यूनिट तक बिजली प्रतिमाह निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। पूर्व में मुख्यमंत्री ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 200 यूनिट तक फ्यूल सरचार्ज व अन्य शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी। अब इसका दायरा और बढ़ाते हुए समस्त घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं के लिए फ्यूल सरचार्ज समाप्त करने की घोषणा की गई है।