सहकारिता विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अंतर्गत प्रदेश भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में दि जयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि. द्वारा बुधवार को बैंक के प्रधान कार्यालय में जाम्बिया से आये प्रतिनिधिमंडल को बैंक की कार्यप्रणाली एवं राज्य में संचालित की जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाई गई।
अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अंतर्गत विभिन्न देशों के प्रतिनिधिमंडल अन्य देशों का दौरा कर वहां के सहकारी आन्दोलन तथा कार्यप्रणाली का अध्ययन कर रहे हैं। इसी के तहत जाम्बिया का चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारत के दौरे पर है। प्रतिनिधिमंडल ने दि जयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि. के साथ ही अपेक्स बैंक, बीलवा ग्राम सेवा सहकारी समिति एवं बड़ का बालाजी प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का भी दौरा कर कार्यप्रणाली को बारीकी से समझा।
दि जयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रधान कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को राज्य में सहकारी आन्दोलन को प्रभावी और सार्थक बनाने तथा विभिन्न सहकारी योजनाओं की आमजन तक पहुंच सुलभ कराने के उद्देश्य से किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। साथ ही, योजनाओं के क्रियान्वयन, प्रचार-प्रसार एवं प्रगति पर भी विस्तार से चर्चा की गई। जाम्बिया से आये प्रतिनिधिमंडल ने भी इस दौरान अपने देश के सहकारी आन्दोलन से सम्बन्धित जानकारी प्रदान की। प्रतिनिधिमंडल ने भारत में ‘सहकार से समृद्धि’ के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की।
इस अवसर पर अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक, महाप्रबंधक पी.के. नाग, दि जयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक दिनेश कुमार शर्मा एवं अधिशाषी अधिकारी राजेन्द्र कुमार मीणा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
अवैध खनिज गतिविधियों के खिलाफ राज्यभर में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए पिछले 24 घंटे में 4 जेसीबी सहित 90 से अधिक वाहन जब्त किये हैं। राज्य सरकार की अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करते हुए प्रदेशभर में कार्रवाई जारी है। प्रदेश में सर्वाधिक 35 कार्रवाई जयपुर वृत में की गई, जिसमें से 23 कार्रवाई एमई जयपुर की टीम ने की है।
निदेशक माइंस दीपक तंवर ने बताया कि फील्ड अधिकारियों के साथ ही मुख्यालय द्वारा अवैध खनन, निर्गमन और भण्डारण के विरुद्ध कार्रवाई के लिए 6 दलों का गठन कर बोर्डर व संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। एक मार्च से 5 मार्च की अवधि के दौरान 110 प्रकरणों में एक करोड़ रुपए से शास्ति आरोपित करने के साथ ही 66 लाख 95 हजार रुपये की वसूली की जा चुकी है।
राज्य में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक जेसीबी सहित 23 वाहन जब्त कर संबंधित पुलिस थानों के सुपुर्द किये गये हैं।
विभागीय टीम ने गंगापुर, लिलोद, माण्डलगढ़, सलुम्बर, कोटरी, रेलमगरा, कुथाडा व नाथद्वारा में अवैध खनन गतिविधियों के 13 प्रकरणों में कार्रवाई की है जिसमें अवैध खनन के 4, निर्गमन के 7, भण्डारण के 2 प्रकरण है। विभाग द्वारा 427 टन अवैध खनिज भण्डारण कीजब्ती और 19 लाख से अधिक की राशि भी वसूल की गई है।
अजमेर में 2 डंपर, सावर में 2 ट्रेक्टर, मकराना में 2 वाहन, गोटन में एमई राकेश शेषमा की टीम ने बजरी का अवैध परिवहन करते 3 ट्रेक्टर ट्राली, ब्यावर में एमई जगदीश मेहरावत की टीम ने एक ट्रेक्टर ट्राली, नागौर में एमई जय प्रकाश गोदारा ने जायल में एक जेसीबी और लाइमस्टोन के 2 डंपर जब्त किये हैं। बीकानेर में 2, जैसलमेर में 1, गंगानगर में 2 और हनुमानगढ़ में 1 वाहन जब्त किया गया है। इसी तरह से भीलवाड़ा एसएमई ओपी काबरा के अनुसार वृत में एक जेसीबी, 2 डंपर, 2 ट्रेक्टर और 1 बजरी ट्रक जहाजपुर, मांडलगढ़ क्षेत्र में जब्त किये गये हैं।
जोधपुर के बोरुन्दा में एक डंपर बजरी, 2 डंपर मेसेनरी स्टोन का अवैध परिवहन करते हुए जब्त किये गये हैं। सोजत में 2 वाहन, पाली मेें एक, बालोतरा में अवैध बजरी परिवहन करते हुए एक डंपर और 3 ट्रेक्टर ट्राली जब्त कर पचपदरा थाने में सुपुर्द किया गया है।
राजस्थान विधान सभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को विधायक गोपाल शर्मा को जन्म दिवस पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी। देवनानी ने शर्मा को शॉल ओढाकर और साफा पहनाकर मुंह मीठा कराया। देवनानी को विधायक शर्मा ने विशेष प्रकार के पत्थर से बनी गणेश प्रतिमा भेंट की। श्री देवनानी ने श्री शर्मा को सुदीर्घ एवं स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि फ्रीजर में लंबे समय तक खाना रखना बैक्टीरिया को दावत देने जैसा हो सकता है? विशेषज्ञों की मानें तो अगर कोई चीज छह महीने से ज्यादा समय से आपके फ्रीजर में पड़ी है, तो उसे अलविदा कह देना ही बेहतर है।
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) के अनुसार, फ्रोजन सामान और भोजन को तीन से चार महीने के भीतर खा लेना चाहिए। इसके बाद उनकी गुणवत्ता में गिरावट शुरू हो जाती है। खास तौर पर पका हुआ खाना अगर दो घंटे से ज्यादा बाहर रह जाए और फिर फ्रिज में डाला जाए, तो यह माइक्रोब्स और बैक्टीरिया के पनपने का कारण बन सकता है। इन दिनों फ्रोजन पकोड़े, चीज बाइट्स और स्माइलिस जैसे प्रोडक्ट्स का क्रेज बढ़ा है। नौकरीपेशा मांओं के लिए ये समय बचाने का आसान तरीका हैं, लेकिन सेहत के लिए ये उतने फायदेमंद नहीं। बार-बार डीफ्रॉस्टिंग से बढ़ता है खतरा मांस या सब्जियों के पैकेट को बार-बार डीफ्रॉस्ट करके वापस फ्रीजर में डालना भी जोखिम भरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हर बार जब आप खाने को बाहर निकालकर पिघलाते हैं और फिर जमाने के लिए फ्रीजर में रखते हैं, तो बैक्टीरिया के पनपने का पूरा इंतजाम हो जाता है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि डीफ्रॉस्टिंग फ्रिज के अंदर ही करें और खाने को दो घंटे से ज्यादा बाहर की हवा से दूर रखें। हम में से कई लोग सर्दियों में मटर खरीदकर साल भर फ्रीजर में स्टोर करते हैं। मौसम-बेमौसम कई प्रोडक्ट्स को फ्रीज करना हमारा शगल रहा है, लेकिन यह आदत सेहत के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। यूएसडीए की खाद्य सुरक्षा और निरीक्षण सेवा की रिपोर्ट कहती है कि लंबे समय तक फ्रीजर में रखा खाना भले ही पूरी तरह खराब न हो, लेकिन उसका स्वाद और पोषण दोनों प्रभावित होते हैं।
फ्रीजर बर्न और बदबूदार आइस क्यूब्स हैं खतरे की घंटी अगर फ्रीजर में रखे खाने पर क्रिस्टल जैसी परत जमी दिखे, तो समझ लीजिए कि यह “फ्रीजर बर्न” का संकेत है। ऐसा खाना पूरी तरह खराब तो नहीं होता, लेकिन इसका स्वाद वैसा नहीं रहता जैसा आप उम्मीद करते हैं। इसके अलावा, आइस क्यूब्स को भी ज्यादा समय तक फ्रीजर में न छोड़ें। भले ही उनका आकार न बदले, लेकिन उनमें अजीब सी महक आने लगती है, जो इस्तेमाल के लायक नहीं रहते। फ्रीजर है जरूरत, लेकिन सावधानी जरूरी एक जमाने में फ्रिज लग्जरी का प्रतीक था, लेकिन आज यह हर घर की जरूरत बन गया है। छोटे से लेकर बड़े घर तक, इसके बिना गुजारा मुश्किल है। फ्रीजर खाने को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का बेहतरीन तरीका है, लेकिन यह हर चीज को हमेशा ताजा नहीं रख सकता। विशेषज्ञों की सलाह है कि फ्रीजर में खाना स्टोर करते वक्त दिन और महीनों का हिसाब रखें। अगली बार जब आप फ्रिज के ऊपर वाले बॉक्स में कुछ रखें, तो यह सुनिश्चित करें कि वह समय पर बाहर भी निकले, वरना आपकी सेहत को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। तो अब से फ्रीजर को स्टोर रूम न बनाएं, बल्कि सही समय पर सही चीजों का इस्तेमाल करें, ताकि स्वाद भी बरकरार रहे और सेहत भी।
मेला प्रशासन और गांव वालों के बीच तीखी नोकझोंक ने मेले की रंगत को फीका कर दिया है। गुस्साए ग्रामीणों ने बाज़ार बंद कर विरोध जताया है, तो जिला प्रशासन अपनी ढीली तैयारियों के लिए आलोचना झेल रहा है। न कोई ठोस इंतज़ाम दिख रहा है, न ही सुचारु व्यवस्था का नामोनिशान। मेला प्रशासन के बड़े-बड़े दावे हवा में उड़ गए हैं, और कुछ अधिकारियों की मनमानी ने मेले को अव्यवस्था का अड्डा बना दिया है। श्रद्धालु निराश हैं, दुकानदार परेशान हैं, और बाबा के भक्त यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या इस बार श्याम बाबा का आशीर्वाद भी प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगा? बाज़ार की सन्नाटे भरी गलियां और मेले का बेरंग माहौल इस पवित्र आयोजन की आत्मा पर सवाल खड़े कर रहे हैं। “खाटूश्याम जी के फाल्गुनी मेले की शहनाई बजनी शुरू हुई, मगर इस बार ताल बेसुरा सा लग रहा है। एक तरफ गांव वालों का गुस्सा, जिन्होंने बाज़ार बंद कर प्रशासन को चुनौती दी है, तो दूसरी तरफ जिला प्रशासन की सुस्ती, जिसने मेले को अव्यवस्था के दलदल में धकेल दिया है। बाबा के भक्तों की भीड़ तो आई, मगर उन्हें न सुविधा मिली, न व्यवस्था का सहारा। मेला प्रशासन ने जो सपने दिखाए थे—साफ-सफाई, सुरक्षा, और शानदार इंतज़ाम—वो सब कागज़ों तक सिमट कर रह गए। उल्टा, कुछ अधिकारियों की मनमर्ज़ी ने मेले को ऐसा मज़ाक बना दिया कि न श्रद्धा की लौ जल रही है, न व्यापार की चहल-पहल दिख रही है। ग्रामीण चिल्ला रहे हैं, ‘हमारी बात सुनी जाए,’ और प्रशासन कह रहा है, ‘सब ठीक हो जाएगा,’ मगर सच यह है कि खाटूश्याम जी का मेला इस बार अपनी पहचान खोता नज़र आ रहा है। क्या बाबा का चमत्कार इस बार प्रशासन को राह दिखाएगा, या मेला अव्यवस्था की भेंट चढ़कर इतिहास में एक बदनुमा दाग बन जाएगा?”
मेनार गांव इस मौके पर एक अलग ही रंग में डूबा नजर आता है। यहाँ रंगों की जगह गोला-बारूद से होली खेली जाती है, और रात भर तोपों की गर्जना के बीच वीरता का उत्सव मनाया जाता है। इस परंपरा को “बारूद की होली” के नाम से जाना जाता है, जो सैकड़ों सालों से मेनार की पहचान बनी हुई है।”बारूद की होली” के नाम से मशहूर इस अनोखी परंपरा में न तो पिचकारी चलती है, न ही गुलाल उड़ता है, बल्कि रात भर गोलियों की बौछार और तोपों की गर्जना गूंजती है।
हर साल होली के अगले दिन या तीसरे दिन, जिसे स्थानीय भाषा में “जमरा बीज” कहा जाता है, मेनार गांव एक अनूठे रंग में रंग जाता है। यहाँ के ग्रामीण पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर चौपाल पर इकट्ठा होते हैं। पुरुष तलवारें और बंदूकें लिए नजर आते हैं, और रात के अंधेरे में हवा में गोलियों की बौछार शुरू हो जाती है। साथ ही, तोपों से गोले दागे जाते हैं, जिनकी गूंज मीलों तक सुनाई देती है। इस रोमांचक माहौल में महिलाएँ भी पीछे नहीं रहतीं। वे निडर होकर वीर रस से भरे गीत गाती हैं, जो इस उत्सव को और भी जीवंत बना देता है।रात के सन्नाटे को चीरती तोपों की आवाज और हवा में गूंजती गोलियों की तड़तड़ाहट इस उत्सव को किसी युद्ध के मैदान जैसा बना देती है। रात भर चलने वाली तोपों और गोलियों की आवाज़ के बीच गाए जाने वाले गीत इस बात का सबूत हैं कि मेनार के लोगों के दिल में आज भी वीरता और निडरता जिंदा हैं।
स्थानीय इतिहासकारों के अनुसार, यह परंपरा करीब 400-500 साल पुरानी है और मेवाड़ के गौरवशाली अतीत से जुड़ी है। किवदंती है कि मुगल काल में जब मेनार पर हमला हुआ, तो गाँव के वीर योद्धाओं ने दुश्मनों को अपनी शक्ति और साहस से खदेड़ दिया। उस विजय के जश्न के रूप में शुरू हुई यह बारूद की होली आज भी उसी जोश के साथ मनाई जाती है। यहाँ के निवासी इसे अपनी सांस्कृतिक धरोहर और वीरता के प्रतीक के रूप में देखते हैं। इस अनोखे उत्सव का आकर्षण अब सिर्फ मेनार तक सीमित नहीं रहा। देश-विदेश से पर्यटक और यहाँ के मूल निवासी, जो विदेशों में बसे हैं, इस परंपरा को देखने के लिए लौटते हैं। रात भर चलने वाली तोपों और गोलियों की आवाज़ के बीच गाए जाने वाले गीत इस बात का सबूत हैं कि मेनार के लोगों के दिल में आज भी वीरता और निडरता जिंदा है। मेनार की यह बारूद की होली न केवल एक त्योहार है, बल्कि इतिहास, साहस और एकता का एक जीवंत उत्सव है, जो आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़े रखता है। इस बारूद की होली का नजारा इतना रोमांचक है कि देश-विदेश से पर्यटक और विदेशों में बसे मेनार के मूल निवासी भी इसे देखने के लिए यहाँ आते हैं। रात भर चलने वाले इस उत्सव में सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाता है, ताकि परंपरा के साथ-साथ सभी की जान-माल की रक्षा हो सके। मेनार की यह अनूठी होली न केवल एक उत्सव है, बल्कि राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का एक ऐसा रंग है, जो बारूद की गंध और वीरता के स्वरों से रंगा हुआ है। तो अगली बार होली की योजना बनाएँ, तो मेनार की इस “बारूद की होली” को जरूर देखें—जहाँ रंगों की जगह गोलियाँ बोलती हैं और तोपें ताल ठोकती हैं।
अपनी बेटे के शादी की तैयारी का जायजा लेने और कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे किसान मेले के समापन समारोह में शिरकत करने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह आज जोधपुर पहुंचे जहां एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया गया शिवराज सिंह ने भी सभी मेहमानों का वेलकम किया केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के बेटे कार्तिकेय की शादी अमानत से हो रही है अमानत प्रसिद्ध शूज निर्माता कंपनी लिबर्टी के अनुपम बंसल की बेटी है शादी की सभी तैयारियां शुरू हो चुकी है 6 मार्च को उम्मेद भवन पैलेस में कार्तिकेय और अमानत सात फेरे लेंगे। एयरपोर्ट पर सभी मेहमानों का स्वागत देशी कलाकारों ने स्वर लहरियों से किया गया वही मेहमानों का एयरपोर्ट पर लस्सी ओर काजू कतली से मुंह मीठा करवाया गया एयरपोर्ट पर सभी मेहमानों के लिए रेड कारपेट बिछाया गया और यहीं से सभी मेहमान अलग-अलग होटल में गए। कार्तिकेयन और अमानत की शादी में विशेष तौर से राजस्थानी खाना परोसा जाएगा जिसमें केर सांगरी की सब्जी, गुलाब जामुन की सब्जी और मिर्ची बड़ा परोसा जाएगा। केंद्र कृषि मंत्री ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बहू और बेटी हमारे लिए एक है। उन्होंने कहा कि बेटी है तो कल हैं, बेटी के बिना दुनिया नहीं चल सकती बेटी भगवान की सबसे अनमोल देन है जीवन भर बेटियों के लिए कुछ ना कुछ करने का प्रयास न करता रहूं ऐसी ही मेरी इच्छा है हमारे घर में अमानत आएगी बेटी के रूप में बेटी तो पूरी जीवन और दुनिया बदल देगी। वही दूल्हे कार्तिकेय ने कहा कि सांस्कृतिक नगरी में नए जीवन की शुरुआत करने की खुशी है शादी की तैयारी का जिम्मा परिवार के सभी लोग संभाल रहे हैं।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल एवं दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की वॉटर एम्बैसेडर मिस कार्लिन मेवाल्ड की उपस्थिति में ऑस्ट्रेलिया इंडिया वाटर सेंटर (AWIC) के तत्वाधान में सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जलदाय मंत्री ने पेयजल स्त्रोतों को दीर्घावधि तक कार्यरत रखे जाने की प्राथमिकता पर कार्य करने हेतु साझा तक्नीकी तथा शोध को बढ़ावा देने का आग्रह किया ताकि जल जीवन मिशन से पहुँचने वाले हर घर जल को लम्बे समय तक उपयोगी बनाया जा सके। साथ ही समुदाय को जल प्रबन्धन से जोड़ने की महती आवश्यकता को रेखांकित किया।
कार्यशाला के दौरान राज्य सरकार एवं दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के मध्य ऑस्ट्रेलिया इंडिया वाटर सेंटर (AWIC) के माध्यम से जल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग एवं नवीन तकनीकी के आदान-प्रदान हेतु साझा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अन्तर्गत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राजस्थान की पेयजल समस्याओं के निराकरण हेतु विस्तृत वार्ता की गई जिसमें जलाशयों में वाष्पीकरण की रोकथाम एवं इन्हें सौर उर्जा से जोड़ने के तरीके लागू करना, पेयजल के कुशल उपयोग व न्यूनतम खर्च में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल था।
इसके अतिरिक्त दूषित पेयजल के पुर्न-चक्रण हेतु आवश्यक तकनीकी सहयोग करना,पेयजल स्त्रोतों की दीर्घावधि धारिता सुनिश्चित करने हेतु जल जीवन मिशन को इससे जोड़ना, भूजल पुनर्भरण हेतु भूजल विभाग से फ्रेक्चर जोन चिन्हित कर वैज्ञानिक पद्धति से भूजल रिचार्ज करना, पेयजल के संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित कर विभिन्न भागीदारों के मध्य साझा सुझावों के आदानकृप्रदान से वैज्ञानिक रूप से पेयजल संरक्षण पर कार्य करना जैसे मुद्दे भी शामिल रहे।
कार्यशाला में आर.ओ. वेस्ट वाटर के प्रबन्धन हेतु कारगर योजना बनाना, साझा रूप से क्षमताओं को बढ़ाकर सतही जल, कृषि, भू-जल एवं बुनियादी ढाँचे पर अर्न्तविभागीय प्रगति करना, जलदाय विभाग के अभियंताओं की क्षमता संवर्धन पर कार्य करना, पेयजल गुणवत्ता को हर घर जल के साथ-साथ सुनिश्चित करवाना,दक्षिण राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण तंत्र को विकसित करना, चम्बल नदी के कैचमेण्ट एरिया में पानी के सम्पूर्ण ईको-सिस्टम को सक्रिय रूप से संरक्षित करना,वाटर-पॉलिसी और गर्वनेन्स फ्रेमवर्क को तैयार करने पर विचारकृविमर्श हुआ।
कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भास्कर ए सावंत, मिशन निदेशक (जल जीवन मिशन) कमर उल जमान चौधरी इत्यादि के साथ-साथ MNIT के प्रोफेसर ए.बी. गुप्ता ने भी शिरकत की एवं अपने विचार साझा किए।
शिल्प ग्राम, जवाहर कला केन्द्र में आयुष विभाग द्वारा 1 मार्च से 4 मार्च तक आयोजित किये जा रहे राज्य स्तरीय आरोग्य मेले ‘आरोग्यम्-2025’ में तीसरे दिन भी भारी संख्या में लोगों को लाभान्वित किया गया।
मेले में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग एवं नेचुरोपैथी चिकित्सा पद्धतियों द्वारा एक ही परिसर में उपचार एवं परामर्श की व्यवस्था की गई है। मेले में जन-सामान्य के स्वास्थ्य संरक्षण, स्वास्थ्य के प्रति चेतना एवं रोगों के निवारण हेतु चिकित्सा परामर्श के साथ-साथ आयुष चिकित्सा पद्धतियों की विभिन्न विधाओं से आमजन लाभान्वित हो रहे हैं। मेले में प्रातः 7 से 8 बजे तक योग विशेषज्ञों द्वारा योगाभ्यास करवाकर शारीरिक, मानसिक बीमारियों का ईलाज किया जा रहा है।
सोमवार को शासन उप सचिव सावन कुमार चायल के साथ डॉ. आनन्द कुमार शर्मा, निदेशक, आयुर्वेद विभाग, डॉ. बत्तीलाल बैरवा, नोडल प्रभारी मेला ने प्रत्येक स्टॉल पर जाकर अवलोकन किया। प्रथम सत्र में चेयरपर्सन डॉ. श्रीराम तिवाडी (विशेषाधिकारी) उप मुख्यमंत्री, डॉ. समय सिंह मीणा, सहायक औषधि नियंत्रक के सानिध्य में डॉ. एकलव्य बोहरा, प्राचार्य एवं उनकी टीम स्वास्थ्य कल्याण, आयुर्वेद महाविद्यालय, जयपुर द्वारा यौगिक षट्कर्म का सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक प्रदर्शन प्रस्तुत किया गया।
द्वितीय सत्र में डॉ. योगेश्वरी गुप्ता, स्वास्थ्य कल्याण, होम्योपैथी महाविद्यालय, जयपुर ने अश्मरी (पथरी) पर व्याख्यान दिया जिसमें चेयरपर्सन के रूप में डॉ. अंशुमान चतुर्वेदी, सहायक नोडल प्रभारी मेला एवं डॉ. दिनेश चौधरी, सहायक निदेशक, होम्योपैथी रहे। सहायक निदेशक एवं मीडिया प्रभारी डॉ. लक्ष्मण सैनी ने बताया कि मेले में पंचकर्म चिकित्सा, मर्म चिकित्सा, जलौका चिकित्सा, अग्निकर्म चिकित्सा, औष्टियोपैथी, स्वर्णप्राशन, यूनानी चिकित्सा, होम्योपैथी चिकित्सा आदि के विशेषज्ञों द्वारा मेले में तीन दिवस में लगभग 16 हजार 802 जन-सामान्य को विभिन्न रोगों पर परामर्श एवं उपचार व निःशुल्क औषधि वितरण कर लाभान्वित किया गया।
औषध पादप मण्डल द्वारा मेले में औषधीय पादपों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। प्रतिदिन सायंकाल 6.30 बजे से 8 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मानस रोगों में लाभदायक रागों का प्रस्तुतीकरण भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि एवं प्रदूषण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए सर्कुलर इकॉनमी अत्यंत प्रभावी माध्यम है। इस व्यवस्था में अपशिष्ट को रिसाइकिल और रियूज किया जाता है जिससे ऊर्जा की खपत घटती है और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार भी इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाकर मिशन में अग्रणी भूमिका निभा रही है।
शर्मा सोमवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित 12वें क्षेत्रीय थ्री आर और सर्कुलर इकॉनमी फोरम समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यावरण प्रबंधन केंद्र की स्थापना की गई है, ताकि कचरा प्रबंधन और रिसाइक्लिंग को ज्यादा प्रभावी तरीके से किया जा सके। साथ ही, ट्रीटेड वॉटर के उपयोग के लिए नई नीति तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री सद्भावना केंद्रों के जरिए नागरिकों को अनुपयोगी वस्तुओं के दान और पुनरुपयोग की सुविधा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने राजस्थान में कचरा प्रसंस्करण की क्षमता को 21 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर इसके दोगुने से भी ज्यादा यानी करीब 45 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा है। वेस्ट-टू-एनर्जी योजनाओं के तहत कंपोस्ट, आरडीएफ, और जैविक उर्वरक उत्पादन पर भी जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में एमआरएफ प्लांट्स के जरिए प्लास्टिक और रिसाइकल योग्य सामग्री को अलग कर ई-वेस्ट, बैटरी वेस्ट और खतरनाक कचरे का निस्तारण किया जा रहा है।
प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से धरती संकट में
शर्मा ने कहा कि पिछले 50 वर्षों में प्राकृतिक संसाधनों का दोहन लगभग 400 प्रतिशत बढ़कर 106 बिलियन टन के आंकड़े को भी पार कर चुका है। चिंता की बात यह है कि इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक संसाधन बर्बाद हो जाते हैं और केवल 8.6 प्रतिशत ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में वापस आ पाते हैं। यह स्थिति धरती को संकट में डाल रही है और जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता की हानि एवं प्रदूषण जैसी समस्याएं गहराती जा रही हैं।
केन्द्र सरकार ने तैयार किया सर्कुलर इकॉनमी रोडमैप
शर्मा ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने इन समस्याओं के समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता अभियान चलाया है। इसके साथ ही, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, इलेक्ट्रॉनिक कचरा, सौर पैनल और कृषि अपशिष्ट जैसे 11 प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित सर्कुलर इकॉनमी रोडमैप तैयार किया गया है।
राजस्थान ने की ग्रीन टेक्नोलॉजी और सतत् विकास में पहल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान ने ग्रीन टेक्नोलॉजी और सतत विकास में भी पहल की है। राजस्थान पहला राज्य है जिसने ग्रीन बजट पेश किया है और इसमें 27 हजार 854 करोड़ रुपये ग्रीन परियोजनाओं के लिए निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 250 करोड़ रुपये के निवेश के साथ सर्कुलर इकॉनमी पार्क और स्वच्छ एवं हरित तकनीक विकास केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सर्कुलर इकॉनमी इंसेंटिव स्कीम लेकर आएगी, जो एमएसएमई और स्टार्टअप्स को 2 करोड़ रुपये तक की सहायता देगी। इसके साथ ही राजस्थान व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के माध्यम से पुराने वाहनों के निष्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। श्री शर्मा ने कहा कि हम शून्य अपशिष्ट समाज का सपना साकार करने के लिए सर्कुलर इकॉनमी एलायंस नेटवर्क की स्थापना के जरिए सरकार, निजी क्षेत्र और शिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देंगे।
भारत सर्कुलर इकॉनमी के क्षेत्र में निभा रहा अग्रणी भूमिका
कार्यक्रम में केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि भारत सर्कुलर इकॉनमी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। थ्री आर (रिड्यूस, रियूज एवं रिसाइकल) आज की अर्थव्यवस्था की जरूरत और पर्यावरण संरक्षण का प्रभावी माध्यम है। उन्होंने कहा कि इस फोरम में ‘जयपुर घोषणा पत्र‘ के तहत सी थ्री (सिटीज कोलिशन फॉर सर्कुलरिटीज) के मापदण्डों पर बल दिया जाएगा। इसमें संसाधन कुशल और कम कार्बन उत्सर्जन वाले समाज को बढ़ावा देने में अगले दशक की दिशा निर्धारित की जाएगी।
खट्टर ने कहा कि सिटीज 2.0 एक ऐसी अनूठी पहल है जो इन्टीग्रेटेड वेस्ट मैनेजमेन्ट और जलवायु परिवर्तन की दिशा में कार्यवाही को आगे बढ़ाती है। इसके तहत 14 प्रदेशों के 18 शहरों में समयबद्ध रूप से परियोजनाओं को लागू कर कचरा प्रबंधन संयत्र लगाने, कचरे से खाद, कचरे से ऊर्जा बनाने पर जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि सर्कुलर इकॉनमी को अपनाते हुए ही कोई भी देश आत्मनिर्भर बन सकता है। केन्द्र सरकार ने पंचामृत लक्ष्य, मिशन लाईफ जैसे अभियानों से जहां अपशिष्ट के रिसाइकिल एवं रिड्यूस को बढ़ावा दिया हैं वहीं इससे नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन मिल रहा है।
कार्यक्रम में जापान, यूएन, एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने भी वीडियो संदेश के द्वारा अपने विचार व्यक्त किए। इससे पहले मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय शहरी विकास कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा, मध्यप्रदेश, उत्तराखण्ड़, आंध्रप्रदेश और हरियाणा के शहरी विकास मंत्री, विभिन्न राज्यों के शहरी विकास विभागों के अधिकारीगण, नगरीय आयुक्त एवं महापौर उपस्थित रहे।