राज्यपाल हरिभाऊ बागडे से सोमवार को राजभवन में महाराष्ट्र स्थित छत्रपति संभाजीनगर, होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों एवं होम्योपैथी चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने विजय वातोडकर के नेतृत्व में मुलाकात की।
राज्यपाल बागडे ने इस दौरान उनसे संवाद कर राजस्थान की संस्कृति और विरासत के बारे में अवगत कराया। उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का उपयोग पीड़ित मानवता की सेवाओं में किये जाने और चिकित्सा में सेवा-भाव को सर्वोपरि रखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किये जाने का आह्वान किया।
पशुपालन, डेयरी एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर टोंक रोड स्थित पशुधन भवन में पक्षियों के लिए चुग्गे और पानी के परिंडे बांधकर अभियान की शुरूआत की। शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने भी पक्षियों के लिए परिंडे बांधे।
इस अवसर पर मंत्री कुमावत ने कहा कि हमारी सनातन संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम के भाव को लेकर चलती है जहां हर प्राणी मात्र का महत्व है, जहां गौमाता के साथ साथ पीपल ओर वटवृक्ष भी पूजे जाते हैं। हम प्राणी मात्र के प्रति दया और करुणा का भाव रखते हैं जिसमें मूक पशु पक्षी भी शामिल हैं। इसीलिए हम पशु और पक्षियों के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि अभी गर्मी का मौसम शुरु हो रहा है। ऐसे में प्रदेश में कई स्थानों पर पशु पक्षियों के लिए पीने के पानी की समस्या हो जाती है। इसके लिए सरकार गौशालाओं में चारे पानी की व्यवस्था के लिए विशेष प्रयास करती है। आज विश्व वन्य जीव दिवस है आज के दिन पशुपालन विभाग प्रदेश भर में पक्षियों के लिए परिंडे बांधने की शुरूआत कर रहा है जिससे गर्मी के मौसम में पक्षियों को पानी की समस्या नहीं होगी और पशु और पक्षियों को स्वच्छ और पीने योग्य पानी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी पशु पक्षियों के कल्याण के लिए काम करती हैं।
कुमावत ने राज्य सरकार के दोनों बजट में गौशालाओं के लिए चारे पानी के अनुदान में क्रमशः 10 प्रतिशत और 15 प्रतिशत वृद्धि करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से गौशालाओं में गायों के चारे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने में और भी सहायता मिलेगी।
इस अवसर पर विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कहा कि आज विश्व वन्यजीव दिवस है। इस अवसर पर विभाग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेकर विभाग की 10 हजार 500 संस्थाओं यहां पशुपालक अपने पशुओं को उपचार के लिए लेकर आते हैं, गोपालन विभाग के कार्यालय और प्रदेश की सभी गौशालाओं में उचित स्थान पर परिंडे बांधने और पानी के कुंड स्थापित करने का अभियान आज प्रारंभ किया है। उन्होंने कहा कि आमजन तथा राजकीय विभागों का यह दायित्व है कि पशुओं एवं पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था हेतु आम नागरिक, स्वयंसेवी संस्थाओं, पशु- पक्षी प्रेमियों तथा अन्य स्टेक होल्डर्स को इसके लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने विभाग के अधिकारियों और कार्मिकों से भी चुग्गे की व्यवस्था के लिए अपना अपना योगदान देने का आग्रह किया।
मंत्री कुमावत ने इस अवसर पर स्वर्गीय डॉ शशांक मनोहर की स्मृति में 8 मार्च को आयोजित होने वाली 10वीं वेटरिनेरियन क्रिकेट लीग के पोस्टर का भी लोकार्पण किया। पशुपालन निदेशक और आरएलडीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा, गोपालन निदेशक प्रह्लाद सहाय नागा तथा मत्स्य विभाग की निदेशक संचिता विश्नोई ने भी पक्षियों के लिए परिंडे बांधे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पशुपालन, गोपालन और मत्स्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल की अध्यक्षता में रविवार को जोधपुर जिले के सांगरिया स्थित संयुक्त उपचारित जल संयंत्र के सभागार में जोधपुर के औद्योगिक क्षेत्र सांगरिया के सीटीईपी संयंत्र के परिचालन एवं इंडस्ट्रियल वेस्ट वाटर के ट्रीटमेंट के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक के पश्चात संसदीय कार्य मंत्री पटेल, शहर विधायक अतुल भंसाली, जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल एवं लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा ने संयुक्त उपचारित जल संयंत्र की सदस्य इकाइयों में उपचारित जल की आपूर्ति का उद्घाटन किया।
पटेल ने कहा यशस्वी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कुशल नेतृत्व में प्रदेश सरकार जोजरी नदी के पुनरुद्धार के लिए कृत संकल्पित है। उन्होंने कहा बजट में जोजरी नदी के पुनरुद्धार के लिए 176 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया है। हमारा लक्ष्य है कि जोजरी और लूणी नदी में स्वच्छ एवं निर्मल जल प्रवाहित हो।
प्रकृति एवं मानव जीवन के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा— पटेल
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा हमें गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है, जोजरी नदी में प्रदूषित पानी के कारण स्वास्थ्य एवं आजीविका पर अनेक हानिकारक प्रभाव पड़ रहे है। उन्होंने कहा प्रदूषण का स्तर अकल्पनीय है, क्षेत्र की हजारों बीघा जमीन पूर्णतः बंजर हो गई है। गांवों में बदबू और प्रदूषित पानी के कारण मलेरिया एवं डेंगू जैसी अनेक बीमारियों फैल रही है। पटेल ने कहा प्रकृति एवं मानव जीवन के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिए निर्देश—
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि उद्योगों द्वारा ट्यूबवेल के माध्यम से धरती के अंदर जहरीला पानी डाला जा रहा है और टैंकरों द्वारा रात्रि के समय प्रदूषित जल जोजरी नदी में छोड़ा जा रहा है।
उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को बिना ट्रीटमेंट किए पानी छोड़ने वाले उद्योगों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
प्रत्येक उद्योगपति अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाएं, बिना ट्रीटमेंट के पानी नहीं छोड़े—
पटेल ने कहा प्रत्येक उद्योगपति अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाएं बिना ट्रीटमेंट के पानी नहीं छोड़े। जिससे प्रकृति और मानव जीवन को बचाया जा सके। उन्होंने कहा भूमि के बंजर होने से किसानों की आजीविका पर संकट आया है। गन्दे पानी के कारण लूणी विधानसभा क्षेत्र के 3 विद्यालय भी शिफ्ट करने पड़े है।
‘जियो और जीने के दो’—
संसदीय कार्य मंत्री ने उद्योगपतियों से आह्वान करते हुए कहा भगवान महावीर के सिद्धांत ‘जियो और जीने के दो’ के अनुरूप प्रकृति रक्षण और जोजरी के निर्मल प्रवाह का संकल्प लें।
प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगों को बेहतर सुविधाएं एवं अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा रहा है
पटेल ने कहा प्रदेश की समृद्धि और विकास के लिए उद्योग सबसे महत्वपूर्ण है। प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगों को बेहतर सुविधाएं एवं अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा रहा है। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न समस्या का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
उद्योग पर्यावरणीय मानकों का पालन करें—
पटेल ने कहा हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और पर्यावरण—
प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि उद्योग पर्यावरणीय मानकों का पालन करें और समाज के प्रति अपनी जवाबदेही निभाएं।
रीको को दिए निर्देश—
पटेल ने रीको के अधिकारियों को औद्योगिक क्षेत्र में समय पर सड़क की मरम्मत, साफ-सफाई व्यवस्था और उद्योगों से संबंधित आवश्यक सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए।
वृक्षारोपण अभियान का किया शुभारंभ—
संसदीय कार्य मंत्री ने पेड़ लगाकर वृक्षारोपण अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा वृक्ष न केवल पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में मदद करते है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और हरित भविष्य सुनिश्चित में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि मंदिर सनातन संस्कृति की आत्मा हैं। प्राचीन समय से ही भारत भव्य और दिव्य मंदिरों की भूमि रहा है और इन मंदिरों के जरिए हमारी आध्यात्मिक कीर्ति दुनियाभर में फैली है। उन्होंने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व से देश में सनातन संस्कृति को एक नई ऊर्जा मिल रही है तथा उन्हीं के कर कमलों से पिछले साल अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई और अयोध्या नगरी फिर से अध्यात्म और सनातन संस्कृति का एक प्रमुख केंद्र बन गई है। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में सनातन संस्कृति के भव्य संगम के माध्यम से हमारी आध्यात्मिक उन्नति का संदेश भी पूरी दुनिया में पहुंचा है।
शर्मा रविवार को डूंगरपुर के खेरमाल में जाम्बुखंड भैरवजी मंदिर जीर्णाेद्वार महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डूंगरपुर की पूरी धरती भक्ति और अध्यात्म की पावन धरा है। वागड़ के प्रमुख तीर्थों में से एक स्वयंभू जाम्बुखंड भैरव जी मंदिर यहां के निवासियों के लिए सदियों से आस्था और श्रद्धा का केंद्र रहा है तथा आज का यह पावन अवसर भारत की सनातन संस्कृति के उत्थान का ही एक हिस्सा है।
प्रधानमंत्री के ‘विकास भी और विरासत भी‘ के मूलमंत्र को आगे बढ़ा रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में काशी में बाबा विश्वनाथ धाम व उज्जैन के महाकाल के महालोक का निर्माण के साथ ही सोमनाथ और केदार घाटी का पुनर्निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री के ‘विकास भी और विरासत भी‘ के इसी मूलमंत्र को आत्मसात करते हुए आगे बढ़ा रही है तथा प्रदेश में हमारी सरकार भी आस्था धामों का कायाकल्प करने का काम कर रही है। इसी दिशा में राज्य सरकार ने बजट 2025-26 में जनजातीय आस्था के केंद्र त्रिपुरा सुंदरी, मानगढ़ धाम, बेणेश्वर धाम, सीतामाता अभयारण्य, ऋषभदेव, गौतमेश्वर मंदिर, मातृकुंडिया आदि को शामिल कर जनजातीय पर्यटन सर्किट विकसित करने घोषणा की है।
वरिष्ठजनों को हवाई मार्ग व एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा की मिलेगी सुविधा-
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत श्रद्धालुओं को अयोध्या, काठमांडू में पशुपतिनाथ और अन्य तीर्थस्थलों की यात्रा करवा रही है। वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और सहूलियत को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष के बजट में इस योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष में 6 हजार वरिष्ठजनों को हवाई मार्ग से और 50 हजार वरिष्ठजनों को एसी ट्रेन से तीर्थ यात्रा करवाई जाएगी। इसी तरह बजट में राज्य और राज्य के बाहर के देवस्थान विभाग के मंदिरों के स्वरूप को निखारने के लिए 161 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
राज्य सरकार ने मंदिरों में भोग की राशि को बढ़ाकर 3 हजार रुपये और पुजारियों के मानदेय को बढ़ाकर 7 हजार 500 रुपये प्रतिमाह किया है। साथ ही, हमारी सरकार खाटूश्याम जी मंदिर को भव्यता प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपये के कार्य करवा रही है। इसी तरह लगभग 600 मंदिरों में विभिन्न अवसरों पर विशेष साज-सज्जा और आरती कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हमारी सरकार गौतमेश्वर मंदिर, अरनोद प्रतापगढ़, करणी माताजी मंदिर एवं नीमच माताजी मंदिर उदयपुर जैसे बहुत से मंदिरों में विकास कार्य करवा रही है। पुष्कर (अजमेर) में ब्रह्मा मंदिर कॉरिडोर और सरोवर परिक्रमा मार्ग एवं रणछोड़राय खेड तीर्थ (पचपदरा) जैसे अनेक तीर्थों का कायाकल्प कर रही है।
आदिवासी कल्याण के लिए समर्पित राज्य सरकार-
शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासी संस्कृति के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए जनजाति के नायकों की पहचान स्थापित करने के लिए उदयपुर में कालीबाई भील, बांसवाड़ा में बांसिया चरपोटा और डूंगरपुर में डूंगर-बरंडा स्मारक का निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनजाति के बच्चों हेतु गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षा के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। इसी दिशा में राज्य सरकार ने छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों का मैस भत्ता 2 हजार 500 से बढ़ाकर 3 हजार रुपये प्रतिमाह, खेल अकादमियों में रह रहे खिलाड़ियों का भत्ता 2 हजार 600 से बढ़ाकर 4 हजार रुपये किया है। इसी तरह आदिवासी क्षेत्रों में 7 नए आश्रम छात्रावासों और 3 नए आवासीय विद्यालयों के निर्माण करवाये जा रहे हैं। हमारी सरकार ने मां-बाड़ी केंद्रों में कार्यरत रसोइयों और शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की है और 250 नए मां-बाड़ी केंद्र स्वीकृत किए हैं।
राज्य सरकार ने वागड़ के विकास को दी प्राथमिकता-
मुख्यमंत्री ने कहा कि डूंगरपुर सहित प्रदेश के 15 शहरों में रिंग रोड का निर्माण करवाया जाएगा, जिससे लोगों को ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी और आसपास के इलाके का भी विकास होगा। इसी तरह डूंगरपुर के लोगों की मांग के अनुरूप जिला मुख्यालय स्थित महाविद्यालय के निर्माण के लिए स्वीकृति दी जा चुकी है तथा इसके साथ ही बालिकाओं के लिए महाविद्यालय स्तरीय बालिका छात्रावास का निर्माण भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सोम-कमला-अंबा बांध से मानसून के सरप्लस पानी को मोरेन नदी बेसिन सहित अन्य बांधों तक पहुंचाने के लिए उच्च स्तरीय रिचार्ज नहर का निर्माण करवाया जाएगा। साथ ही, मोरन नदी को पुनर्जीवित कर खड़गदा गांव के विकास और गौरेश्वर महादेव एवं नीलकंठ महादेव मंदिरों का स्वरूप निखारने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को नजदीक ही मंडी में उचित दाम पर उपज बेचने की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सीमलवाड़ा में कृषि उपज मंडी खोली जाएगी।
युवाओं के सपनों को पूरा कर रही राज्य सरकार-
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवा, किसान, महिला एवं गरीब के रूप में देश की चार जातियों को उल्लेख किया है। हमारी सरकार इन चार जातियों के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने युवाओं के लिए एक वर्ष में एक लाख सरकारी नौकरियां देने का लक्ष्य रखा है और अब तक लगभग 60 हजार युवाओं को नियुक्तियां प्रदान की जा चुकी है। साथ ही, आगामी भर्तियों के लिए परीक्षा कलेण्डर भी निर्धारित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समयबद्ध एवं पारदर्शी माध्यम से भर्ती परीक्षाओं के आयोजन सुनिश्चित करते हुए युवाओं के सपनों को पूरा कर रही है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने पहाड़ी पर स्थित भैरव जी मंदिर में दर्शन एवं पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
इस अवसर पर पीठाधीश्वर बेणेश्वर धाम साबला हरि मंदिर महंत अच्युतानंद महाराज, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, राज्यसभा सांसद चुन्नीलाल गरासिया, उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत, विधायक शंकर डेचा, श्रीचंद कृपलानी, उदय लाल डांगी, शांता मीणा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।
पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने रविवार को अलवर जिले के देवरी एवं माधोगढ के ग्रामवासियों के साथ बैठक कर वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामवासियों की सहमति के आधार पर विस्थापन कार्य को गति देवे। इस दौरान थानागाजी विधायक कान्ती प्रसाद मीणा मौजूद रहे।
मंत्री शर्मा ने अलवर जिले के देवरी एवं माधोगढ के ग्रामवासियों से विस्थापन के संबंध में विस्तृत चर्चा की जिस पर दोनों गांवों के ग्रामीणों ने स्वेच्छा से विस्थापन के संबंध में सहमति जताई। ग्रामीणों ने मंत्री शर्मा से राजगढ क्षेत्र के समीप जगह उपलब्ध कराने एवं आज दिनांक से सर्वे कार्य कराने की मांग रखी। मंत्री शर्मा ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि उनकी सभी न्यायोचित मांगों का उचित निराकरण राज्य सरकार स्तर से कराने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की सहमति के आधार पर ही विस्थापन का कार्य होगा।
उन्होंने वन अधिकारियों से कहा कहा कि ग्रामीणों की मांग के अनुरूप राजगढ क्षेत्र के आसपास भूमि चिन्हित करने के कार्य को प्राथमिता देवे। ग्रामीण जमीन की स्थिति तथा पानी की उपलब्धता आदि की स्थिति देखें। उन्होंने डीएफओ अलवर को माधोगढ़ ग्राम में वन विभाग से संबंधित कार्यों एवं समस्याओं पर जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने डीएफओ अलवर को निर्देश दिये कि प्रतापगढ़ के माधोपुर गांव में कुएं में भरी मिट्टी को निकाल कर उसे चालू करावे।
उन्होंने निर्देश दिये कि बजट घोषणा में भर्तृहरि धाम के विकास में वन विभाग अन्य विभागों से समन्वय रखते हुए गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि बजट में की गई घोषणा में ढाईपेढी से नटनी का बारा सडक का निमार्ण कार्य शुरू किया जा चुका है जिससे आमजन की सुविधाओं में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि सरिस्का में पर्यटन की अपार संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए बजट घोषणा के तहत भर्तृहरि धाम को प्रकृति के अनुकूल विकसित कराया जावेगा तथा भर्तृहरि पुलिया का मरम्मत कार्य भी कराया जाएगा।
राजमाता टाइगर स्टेचू का किया निरीक्षण-
मंत्री शर्मा ने सरिस्का रेस्ट हाउस में बनने वाले राजमाता टाइगर स्टेचू का निरीक्षण कर डीएफओ सरिस्का को निर्देश दिये कि राजमाता टाइगर की प्रतिमा को भव्य व शानदार बनवाए तथा सरिस्का को आबाद करने में राजमाता टाइगर के योगदान का उल्लेख करावे जिससे यहां आने वाले पर्यटक राजमाता टाइगर के बारे में जान सकें। इस दौरान वन मंत्री शर्मा ने अपने प्रतिदिन पौधारोपण के संकल्प के अनुसार सरिस्का रेस्ट हाउस में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
लव-कुश वाटिका चूहड़ सिद्ध धाम का किया निरीक्षण-
वन मंत्री संजय शर्मा ने चूहड़ सिद्ध धाम में पूजा-अर्चना कर प्रदेश में अमन चौन व खुशहाली की कामना की। उन्होंने चूहड सिद्ध में लव -कुश वाटिका का निरीक्षण कर वहां आने वाले पर्यटकों व श्रद्धांलुओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ने हेतु रामायण के श्लोक सभी पाथ-वे के आस-पास लिखवाने के निर्देश दिये। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वाटिका का प्रकृति के अनुकूल बेहतर ढंग से रख रखाव करावे। इस दौरान उन्होंने वहां पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
सामूहिक विवाह सम्मेलन में शिरकत कर नव विवाहितों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की-
मंत्री शर्मा ने सेवा भारती समिति अलवर द्वारा आयोजित राम-जानकी सामूहिक विवाह सम्मेलन में शिरकत कर नव विवाहित जोडों को आशीर्वाद देकर उनके उज्ज्वल भविष्य व सुखद दाम्पत्य जीवन की कामना की। उन्होंने सेवा भारती समिति के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन समाज को सार्थकता प्रदान करने का काम करते हैं। ऐसे आयोजनों के माध्यम से गरीब पिता आर्थिक बोझ से बचकर अपनी बेटी का विवाह करा रहे हैं।
इस दौरान अति. पीसीसीएफ राजेश गुप्ता, प्रमुख वन्य जीव संरक्षक संग्राम सिंह कटियार,डीएफओ अलवर राजेंद्र हुड्डा, डीएफओ सरिस्का अभिमन्यु सहारण सहित संबंधित अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर के फायसागर का नाम गुलामी का प्रतीक था। यह झील अजमेर के लोगों द्वारा बनाई गई और इसमें सिंधी सहित सभी समुदायों की धार्मिक व सामाजिक आस्था भी जुड़ी हुई है। इसी लिए इसका नाम बदलकर वरूण देव के नाम पर वरूण सागर किया गया है। नाम परिवर्तन से सभी लोगों में हर्ष की लहर है। जल्द ही झील के चहुंमुखी विकास की योजना तैयार कर कांम किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर के दिल्ली गेट स्थित झूलेलाल धाम में यह बात कही। यहां सिंधी समुदाय द्वारा फगुणचंड महोत्वस मनाया गया। फायसागर का नाम बदलकर वरूण सागर करने पर सिंधी समुदाय ने देवनानी का अभिनन्दन किया। यहां झूलेलाल कैलेण्डर 2025 का भी विमोचन किया गया।
इस अवसर पर देवनानी ने कहा कि वरूण सागर झील अजमेर के लोगों ने खुद श्रमदान कर बनाई थी। गुलामी के दिन थे तो इसका नाम एक अंग्रेज के नाम पर फायसागर रख दिया गया। आजाद भारत में गुलामी के नाम का होना ठीक नहीं है। आमजन की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसका नाम बदलकर वरूण देव के नाम पर वरूण सागर किया गया है। यह झील सिंधी व अन्य समुदायों की धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक आस्था का केन्द्र है। इसका नाम परिवर्तन होने से विश्व के अलग-अलग हिस्साें में बसे सिंधी समुदाय के लोगों में हर्ष की लहर है।
उन्होंने कहा कि झूलेलाल धाम बहुत बडी संख्या में लोगों की आस्था का केन्द्र है। यहां सिन्ध से ज्योति लाकर प्रज्ज्वलित की गई है। उन्होंने कहा कि सिन्धी संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने वाली संस्कृति है। सिन्धी पुरूषार्थी समुदाय है जो सदैव देश सेवा और समाज सेवा के लिए तत्पर रहता है। देश के आर्थिक और सामाजिक निर्माण में सिन्धी समुदाय ने भी अपना पूरा योगदान दिया है।
झूलेलाल कैलेंडर 2025 का किया विमोचन—
देवनानी एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में झूलेलाल कैलेंडर 2025 का विमोचन करने के बाद पंज महाज्योत प्रज्वलित कर झूलेलाल की आरती पल्लव के बाद ढोल शहनाई की धुन पर छेज व डांडिया का कार्यक्रम हुआ। जिसके बाद पंज महाज्योत का विसर्जन मंदिर परिसर में स्थित बालम्बों साहिब (कुआं) में किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा राजस्थान के बजट में अजमेर को बहुत सारी सौगातें मिली हैं। बजट की क्रियान्विती से अजमेर विकास को नए पंख लगेंगे। दो साल के बजट में अजमेर का विशेष ध्यान रखा गया है। आने वाले समय में अजमेर देश के प्रमुख शहरों की कतार में खड़ा होगा।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने रविवार को अजमेर के वार्ड संख्या- 80 में गणपति नगर से सिद्धेश्वर महादेव मन्दिर एवं अलखनन्दा कॉलोनी से एमपीएस स्कूल तक सड़क निर्माण कार्य का शुभारम्भ किया। बजट घोषणा में 88 लाख रूपए की लागत से बनने वाली सड़क के निर्माण से हजारों लोगों को राहत मिलेगी। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में देवनानी ने कहा कि प्रदेश के दूसरे बजट में अजमेर को कई महत्वपूर्ण सौगातें मिली है। इन कामों से अजमेर विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा। आने कुछ समय में अजमेर राज्य के अग्रणी शहरों की कतार में खड़ा होगा। अजमेर का चहुंमुखी विकास होगा।
उन्होंने कहा कि देश के सभी बड़े शहरों में भारी वाहनों के शहर से बाहर से ही निकल जाने के लिए रिंग रोड है। हमारा प्रयास था कि अजमेर में भी रिंग रोड का निर्माण किया जाए। इस बार बजट में रिंग रोड की डीपीआर तैयार करने के लिए 3 करोड़ रूपए की घोषणा की गई है। जल्द ही इसकी विस्तृत योजना तैयार की जाएगी। इसी तरह अन्य बजट घोषणाएं भी अजमेर के विकास में मील का पत्थर साबित होंगी।
देवनानी ने कहा कि अजमेर में आमजन को आसानी से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में स्पीकर हैल्प डेस्क की स्थापना की गई है। अब तक हजारों लोगों को इस डेस्क के माध्यम से अस्पताल में त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा चुकी है। अस्पताल में एक रूपए में मरीज के परिजनों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
जयपुर जिला कलेक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी ने रविवार को आयुष विभाग द्वारा आयोजित “आरोग्यम्” राज्य स्तरीय आरोग्य मेला – 2025 के दूसरे दिन मेले का दौरा किया और विभिन्न स्टॉलों पर दी जा रही आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों से चिकित्सा सेवाओं का निरीक्षण किया।
मेले के नोडल अधिकारी डॉ. बत्तीलाल बैरवा ने बताया कि आयुर्वेद निदेशक डॉ. आनंद शर्मा के सानिध्य में आयोजित व्याख्यान में नई दिल्ली के आशा आयुर्वेद के इन्फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. चंचल शर्मा ने बांझपन के कारण एवं समाधान पर महत्वपूर्ण जानकारी दी।
इसके अतिरिक्त अग्निकर्म एवं विद्धकर्म विशेषज्ञ डॉ. रवि गोगिया द्वारा अग्निकर्म एवं विद्धकर्म जैसी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों पर व्याख्यान दिया गया, जिसमें उनके प्रभाव और लाभों की विस्तृत जानकारी दी गई।
मेले के दूसरे दिन 9430 लोगों ने विभिन्न चिकित्सा सेवाओं का लाभ लिया। मेले में आयुर्वेद चिकित्सा, सौंदर्य प्रसाधन, अग्निकर्म, स्वर्णप्राशन, जलनेति, होम्योपैथी चिकित्सा, यूनानी चिकित्सा, प्राकृतिक परीक्षण, नाड़ी परीक्षण एवं अन्य चिकित्सा सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
भांकरोटा स्थित, राजस्थान कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग फॉर वुमेन, जयपुर द्वारा “सतत प्रौद्योगिकी के लिए विकसित होता परिदृश्य” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन का आज शुभारंभ हुआ। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन का उद्देश्य सतत (सस्टेनेबल) तकनीकी विकास में महिलाओं की भूमिका को प्रोत्साहित करना और नवाचार, अनुसंधान एवं उद्योग जगत के विशेषज्ञों को एक मंच पर लाना है।
इस सम्मेलन में यूनाइटेड नेशंस के डिजिटल डिप्लोमेट एवं प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसडर डॉ डीपी शर्मा ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी एवं ग्रीन कंप्यूटिंग पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि तकनीकी एवं इंजीनियरिंग क्षेत्र में डिजाइन, डेवलपमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, यूसेज एवं डिस्पोजल तक पूरे लाइफ साइकिल में हमें ग्रीन स्टैंडर्ड्स एवं प्रैक्टिसेज को अपनाना होगा तभी हम कार्बन एमिशन को कम कर करते हुए सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं और इस पूरी धरा को मीनिंगफुल, यूजफुल पर्पजफुल एवं फ्रूटफुल विज्ञान एवं तकनीक के आविष्कारों से शुखद् प्लेनेट बना सकते हैं। सम्मेलन में अन्य वक्ताओं ने तकनीकी के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। यह दो दिवसीय सम्मेलन प्रौद्योगिकी, नवाचार, शिक्षा और सतत विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित हैं. जिसमें देश भर के शोधकर्ता, शिक्षाविद, उद्योग विषय विशेषज्ञ एवं विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। इस सम्मेलन में देश के कौने कौने से अभियांत्रिकी एवं तकनीक से जुड़े अनेक शिक्षाविदों ने भी अपने विचार रखे जिसमें हरियाणा, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, कोलकाता, महाराष्ट्र, गुजरात, चेन्नई, और दिल्ली से लगभग 20 विषय विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किये। कॉलेज निदेशक डॉ अरिहंत खींचा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया और कॉन्फ्रेंस की सफलता के लिए कामना की।
जिले में लाईट सॉफ्टवेयर पर दर्ज प्रकरणों की समीक्षा को लेकर एडीएम दिवांशु शर्मा ने मिनी सचिवालय सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में विभिन्न विभागों के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए एडीएम ने सभी अधिकारियों को मामलों का शीघ्र एवं सही तरीके से निस्तारण करने के निर्देश दिए। एडीएम ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक प्रकरण का गंभीरता से अध्ययन करने के बाद ही उचित उत्तर प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने पुलिस, नगर पालिका, पीएचईडी, आयुर्वेद, ऊर्जा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज, शिक्षा एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों को न्यायिक प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा कर सुनिश्चित जवाबदारी के साथ निस्तारण करने को कहा।
उन्होंने लाईट सॉफ्टवेयर में तीन महीने से एक वर्ष तक लंबित न्यायिक प्रकरणों की स्थिति, एक वर्ष से अधिक समय से लंबित मामले, न्यायालय में लंबित प्रकरणों में नियुक्त राजकीय अधिवक्ताओं व प्रभारी अधिकारियों का नवीनतम अपडेट, लाईट सॉफ्टवेयर में दस्तावेज अपलोड करने और पारित आदेशों की स्थिति सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए। एडीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगली बैठक से पहले सभी प्रकरणों का शीघ्र एवं प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। इसके अलावा, अवमानना प्रकरणों, पालना से शेष प्रकरणों, अपील से शेष प्रकरणों एवं उनकी तथ्यात्मक रिपोर्ट की समीक्षा कर शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए गए। बैठक में विधि परामर्शदाता बी. एम. मीणा सहित संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।