सौंदर्यीकरण ठेकों में अनूप बरतरिया की सैटिंग पर सवाल, भरतपुर टेंडर रोकने की तैयारी
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October 13, 2024Jaipur News : राज्य के सूचना एवम जनसंपर्क विभाग में गड़बड़ चल रही हैं और कुछ लोग मिलकर अपनी रोटियाँ सेक रहे हैं उन्हें सिर्फ़ अपने व्यक्तिगत हितों से मतलब हैं। यहाँ सरकारी टेंडरों को लेकर मनमर्ज़ी चल रही हैं और ना कोई देखना वाला हैं ना ही कोई सुध लेने वाला। भजनलाल सरकार का सोशल मीडिया का टेंडर अब तीसरी बार राजकॉम्प ने जारी किया है । 8 अक्टूबर 2024 को यह टेंडर जारी किया है । इस बार यह टेंडर 28 करोड़ 35 लाख से घटकर 21 करोड़ 16 लाख रुपये का है । जबकि इससे पहले यह टेंडर दो बार विवादों में आने के कारण निरस्त हो चुका था । इस टेंडर को लेने के लिए राजस्थान की ही नहीं बल्कि बॉम्बे की एक चर्चित कंपनी समेत अन्य राज्यों की कई कंपनियां पूरा जोर लगा रही है । लेकिन पहले ये टेंडर प्रकिया दो बार विवादों में आने के कारण कैंसिल कर दिया गया। सरकार में कुछ लोगों के निजी हितों के चलते ये टेंडर हो नहीं पाया और इसकी सूचना ऊपर के आलाकमानों को लग गई थी जिसके चलते ये टेंडर खटाई में पड़ गया और कुछ अधिकारियों और चमचों के मंसूबों पर पानी फिर गया ये यू कहे हाथ आई मछली वापस पानी में चली गई। लेकिन दो बार टेंडर निरस्त होने से टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवालिया निशान लग रहे है ।

आपको बता दें कि इस टेंडर को लेने के लिए पहले चार कंपनियां आई थी । लेकिन विवादों के चलते पहला टेंडर निरस्त हो गया था । इसके बाद दूसरी बार जब टेंडर जारी हुआ, तब अन्य दो नई कंपनियां ने टेंडर भरा था । लेकिन दूसरी बार भी टेंडर निरस्त हो गया था । बताया जा रहा है कि अनुचित दबाव के चलते जिस कंपनी को टेंडर मिलने वाला था, उसने दबाव में आने से इनकार कर दिया ।इस टेंडर के लिए 15 अक्टूबर को प्री बिड मीटिंग रखी गई है । वहीं 29 अक्टूबर 2024 को टेक्नीकल बिड ओपन होगी । वहीं 15 अक्टूबर को ही पता चल सकेगा कि इस बार कौन-कौन सी कंपनिया इस टेंडर को लेने के लिए जोर लगा रही है ।
वहीं जैसा की पहले भी बताया चुका है कि सीएम भजनलाल शर्मा के सोशल मीडिया ओएसडी धनराज सोलंकी खुद की सोशल मीडिया टीम से अभी सीएम भजनलाल शर्मा का सोशल मीडिया का प्रचार-प्रसार देख रहे है । साथ ही 10 से 12 लोगों की टीम के साथ कार्य कर रहे है । इस तरह के लालच और अनुचित तरीक़ों से कार्यवाही करके ये कुछ लोग ना केवल सरकार के ख़ज़ाने को निगल रहे है बल्कि सीएम भजनलाल शर्मा के साख और उनकी छवि पर भी दाग लगा रहे हैं आपको बता दे कि राजस्थान का सूचना एवम् जनसंपर्क विभाग जिसे डीपीआर भी कहा जाता हैं ख़ुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पास हैं और उनकी नाक के नीचे ये सब हो रहा हैं और उन्हें भनक नहीं लग रही ये बात कुछ हज़म नहीं हो रही। ख़ैर देखना अब ये होगा कि ये टेंडर किस कंपनी को मिलता हैं और किन शर्तों पर।
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